For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Rajesh kumari's Blog – October 2012 Archive (8)

करवाचौथ की फुलझड़ियाँ "माहिया"

"माहिया" में  पति पत्नी की चुहल बाजी  मात्रा १२,१०,१२ कही कहीं गायन की सुविधा के लिए एक दो मात्रा कम या ज्यादा हो सकती हैं

(पत्नी )

सास को बुलाऊंगी 
जब अपना पहला 
करवाचौथ मनाउंगी 
(पति )
मम्मी जी आ जाना 
पर्व  के बहाने
तुम पाँव  दबवा  जाना 
(पत्नी )
सासू जी आ जाना 
ले कर  शगुन  अपने 
कंगन देती जाना 
(पति )
चंदा जब आएगा 
बदरी…
Continue

Added by rajesh kumari on October 30, 2012 at 12:00pm — 37 Comments

विजय दशमी (तीन दोहे दो रोले )

तीन दोहें....

बाहर रावण फूँक कर ,मानव तू इतराय |

नष्ट करेगा कब जिसे ,उर में रहा छुपाय ||

सच्चाई की जीत हो ,झूठ का हो विनाश |

कष्ट ये तिमिर का मिटे ,मन में होय प्रकाश ||

सत स्वरूपी राम है ,दर्प रूप लंकेश |

दशहरा पर्व से मिले ,यही बड़ा सन्देश ||

दो रोलें...

दैत्यों का हो अंत ,मिटे जग का अँधेरा

संकट जो हट जाय,वहीँ बस होय सवेरा

अपना ही मिटवाय ,छुपाकर अन्दर धोखा

लंका को ज्यों ढाय,बता कर भेद…

Continue

Added by rajesh kumari on October 24, 2012 at 2:30pm — 18 Comments

लक्ष्मी घर में कैसे आये कुछ टिप्स (हास्य )

दीपावली  की रात से पहले  लक्ष्मी पूजा की तैयारी में लगे पडोसी  जीवन को देख कर नवीन जी से रहा नहीं गया और जा धमके उनके सामने नमस्कार करके बोले जीवन जी आप जो ये छोटे छोटे पैर लाल रंग से बना रहे हैं क्या सचमुच रात को देवी आती है क्या आपने उसको कभी आते हुए देखा ?जीवन बोले हाँ आती है इसी लिए तो बना रहा हूँ तुम ठहरे नास्तिक तुम कहाँ समझोगे | नवीन जी बोले जी नहीं भगवान् को तो मैं मानता हूँ पर इन सब आडम्बरों में विशवास नहीं रखता वैसे आज मुझे बता ही दो ये सब क्या फंडा है ये बात तो मैं…

Continue

Added by rajesh kumari on October 20, 2012 at 11:42am — 14 Comments

कहाँ है तू ?

मैं निर्मल ,निःस्वार्थ 

प्रस्फुटित हुआ 

एक अभिप्राय के निमित्त 

हर लूँगा सबका  अभिताप  ,व्यथा 

अपनी अनुकम्पा से 

अलौकिक अभिजात मलय 

के आँचल की छाँव  में 

श्वास लेकर बढ़ता रहा 

कब मेरी जड़ों में 

वर्ण, धर्म भेद मिश्रित 

नीर मिलने लगा 

कब वैमनस्य ,स्वार्थ परता 

की खाद डलने लगी

पता ही नहीं चला 

विषाक्त भोजन 

विषाक्त वायु ,नीर 

से मेरे अन्दर कसैला 

जहर भरता गया

फिर जो…

Continue

Added by rajesh kumari on October 15, 2012 at 10:35am — 9 Comments

अनसुलझी पहेली

रोज की तरह मंदिर के सामने वाले पीपल के पेड़ की छाँव में स्कूल से आते हुए कई बच्चे सुस्ताने से ज्यादा उस बूढ़े की कहानी सुनने के लिए उत्सुक  आज भी उस बूढ़े के इर्द गिर्द बैठ गए और बोले दादाजी दादा जी आज भूत की कहानी नहीं सुनाओगे ?नहीं आज मैं तुम्हें इंसानों की कहानी सुनाऊंगा बूढ़े ने कहा-"वो देखो उस घर के ऊपर जो कौवे मंडरा रहे हैं आज वहां किसी का श्राद्ध मनाया  जा रहा है, उस लाचार बूढ़े का जो पैरों से चल नहीं सकता था पिछले वर्ष उसकी खटिया जलने से मौत हुई थी उसकी खाट के पास उसकी बहू ने…

Continue

Added by rajesh kumari on October 11, 2012 at 11:10am — 28 Comments

क्यूँ तुम ऐसे मौन खड़े ?

ऐ मेरे प्रांगण के राजा

क्यूँ तुम ऐसे मौन खड़े 

झंझावत जो सह जाते थे 

जीवन के वो बड़े बड़े 

क्यूँ तुम ऐसे मौन खड़े ?

बरसों से जो दो परिंदे 

इस कोतर में रहते थे 

दर्द अगर उनको  होता 

तेरे ही  अश्रु बहते थे 

उड़ गए वो तुझे छोड़ कर 

अपनी धुन पर अड़े अड़े

क्यूँ तुम ऐसे मौन खड़े ?

इस जीवन की रीत यही है 

सुर बिना संगीत यही है  

उनको इक दिन जाना था 

जीवन  धर्म निभाना था 

राजा जनक भी खड़े…

Continue

Added by rajesh kumari on October 9, 2012 at 9:16am — 21 Comments

स्वप्नों के महल

डाली हरसिंगार की झूम उठी

मनमोहक फूलों के बोझ से

बल खाती हुई छेड़ जो रही थी

उसे ईर्ष्यालु सुगन्धित पवन

झर रहे थे पुहुप आलौकिक

दिल ही दिल में मगन

हर कोई चुन रहा था

सुखद स्वप्न बुन रहा था

अलसाई उनींदी पलकों

के मंच पर

ये द्रश्य चल रहा था

मेरा भी मन ललचाया

एक पुष्प उठाया

अंजुरी में सजाया

तिलस्मी पुष्प आह !

ताजमहल रूप उभर आया

अद्वित्य ,अद्दभुत

मेरे स्वयं ने मुझे समझाया

ये तेरा नहीं हो सकता

तुमने गलत…

Continue

Added by rajesh kumari on October 5, 2012 at 11:30am — 11 Comments

बुजुर्ग दिवस के उपलक्ष में

बुजुर्ग दिवस के उपलक्ष में 

सेदोका एक जापानी विधा ३८ वर्ण ५७७५७७

(१)बूढ़ा बदन 

कंपकपाते हाथ 

किसी का नहीं साथ 

लाठी सहारा 

पाँव से मजबूर 

बेटा बहुत दूर 

(२)धुंधली आँखें 

झुर्री  भरा…

Continue

Added by rajesh kumari on October 1, 2012 at 8:56pm — 12 Comments

Monthly Archives

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

2012

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
19 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ ,बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले…"
22 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
29 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए और बेहतर सुझाव के लिए सुधार करती हूँ सादर"
30 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी बहुत शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका मक़्त के में सुधार की कोशिश करती हूं सादर"
31 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी बेहतर इस्लाह ऑयर हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सुधार करती हूँ सादर"
32 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी और अमीर जी के सुझाव क़ाबिले…"
34 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी नमस्कार बहुत ही लाज़वाब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये है शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ ,गिरह भी…"
36 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी आदाब, और प्रस्तुति तक पहुँचने के लिए आपका आपका आभारी हूँ। "बेवफ़ा है वो तो…"
46 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय मुसाफिर जी नमस्कार । भावपूर्ण ग़ज़ल हेतु बधाई। इस्लाह भी गुणीजनों की ख़ूब हुई है। "
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा यादव जी नमस्कार । ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। तेरे चेहरे पे शर्म सा क्या…"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service