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All Blog Posts Tagged 'कविता' (987)

अनमनी आकुल अखिल की आस्थाएं

अनमनी आकुल अखिल की आस्थाएं

(मधु गीति सं. १७२५ , दि. १४ मार्च, २०११)

 

अनमनी आकुल अखिल की आस्थाएं, व्यवस्था की अवस्था का सुर सुधाएं;

चेतना भरकर…

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Added by GOPAL BAGHEL 'MADHU' on March 31, 2011 at 12:00pm — 2 Comments

एक और मुश्किल..

अनगिनत विचारों में से एक विचार चुन पाना  है  मुश्किल ..

विचार चुन भी लो तो उसको शब्दों में पिरोना भी है एक मुश्किल..
 …
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Added by Lata R.Ojha on March 28, 2011 at 3:30pm — 5 Comments

रंग दे मोहे सांवरे रंग दे..

 

रंग दे मोहे सांवरे रंग दे ,
प्रीत के रंग में मोहे रंग दे |
चन्दन संग खुशबु मोहे रंगने आई ,
पी की महक बिन ना कछु भाई |
टेसू गेंदा चाहे मोहे रंगना ,
तेरी छुअन सिवा सब चुभता अंगमा |…
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Added by Veerendra Jain on March 22, 2011 at 11:30am — 5 Comments

कविता :- सच कहना तुम भूली मुझको ?

कविता :- सच कहना तुम भूली मुझको ?…

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Added by Abhinav Arun on March 20, 2011 at 6:30pm — 18 Comments

कविता : - रंगों की बूँदें

 

कविता : - रंगों की बूँदें

लाल लाल हरी…

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Added by Abhinav Arun on March 19, 2011 at 1:30pm — 3 Comments

और तभी सुनामी आती है !



है दंभ अब किन बातों का !
आंखे फाड़े काली रातों का !


विकट जो चुप्पी छाती है,
और तभी सुनामी आती है !


बौने से जो अब पेड़ खड़े,
साधी चुप्पी से मौन धरे !
ऐसी ऊँची झपटे मन को विकल कर जाती है!
और तभी सुनामी आती है !


देख अवयव अब मिश्रण का,
जो कहीं चूक हो जाती है ...
जीवन तरंग रेडियो सी बन जाती है !


भरते थे हुंकार शक्ति का,
हाथों…
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Added by Sujit Kumar Lucky on March 18, 2011 at 9:06am — No Comments

याद आउंगी..

                                                                               

मैं रहूँ न रहूं ,यादें मेरी रह जाएंगी..

शायद किसी की यादों में ,कभी दोहराई जाएंगी..
 जब कभी भी मौसम धुआं धुआं होगा..…
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Added by Lata R.Ojha on March 14, 2011 at 12:30pm — 3 Comments

रंग अपना अपना ..

रंग अपना अपना ..



हर आदमी में होता है, रंग अपना अपना ।

उड़ान भर रहे हैं, लेकर के अपनी कल्पना।।

पूरी हुई न अबतक, इस जिंदगी में राहें।

यदि थक गया है कोई, तो भर रहा है आहें।

कुछ और आगे चलने का, रह गया है सपना।।

हर आदमी में…

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Added by R N Tiwari on March 13, 2011 at 6:00pm — 1 Comment

तेरा एहसास ..

एक एहसास तुझे पाने का..

मुझमें उत्साह जगा देता है...
एक एहसास तुझे खोने का ..…
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Added by Lata R.Ojha on March 12, 2011 at 10:30pm — 3 Comments

प्रभु ये क्या गजब कर डाला ,

प्रभु ये क्या गजब कर डाला ....



एक बार एक भक्त ,

भगवान शिव की ,

लगातार आराधना की ,

उसने भगवन शिव की ,

मन जीत ली ,

एक दिन भगवन शिव ,

दर्शन दिए ,

उससे बोले ,

एक वर मांगने के लिए ,

उसने सोचा ,

फिर बोला ,

भगवन मुझे किसी भी ,

त्रिसंकू बिधानसभा का ,

निर्दलीय सदस्य बना दो ,

प्रभु यही एक वर दो ,

भगवान शिव ने कहा ,

ऐसा ही होगा ,

इतना बोल भगवन कैलाश गए ,

तब माँ पार्बती ने कहा ,

प्रभु ये क्या गजब कर…

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Added by Rash Bihari Ravi on March 10, 2011 at 1:30pm — 1 Comment

अक्सर सोच कर ,

अक्सर सोच कर

समझ कर

चुप रह जाता हूँ ,

जब गहराई में

जाता हूँ ,

तो बस

इतना ही पाता हूँ ,

अक्सर सोच कर ,

समझ कर

चुप रह जाता हूँ ,

नेता बना हैं ,

देश को लुटने के लिए ,

मगर नेता जी की

बात सोचता हूँ ,

बहुत कुछ पाता हूँ

अक्सर सोच कर ,

समझ कर

चुप रह जाता हूँ ,

बेटा बना हैं ,

माँ बाप को चूसने के लिए ,

मगर सरवन कुमार को ,

सोचता हूँ तो ,

बहुत कुछ पाता हूँ

अक्सर सोच कर ,

समझ कर… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on March 10, 2011 at 1:30pm — 2 Comments

'औरत'... "आज"...!!

 

(("महिला-दिवस" पर महिलाओं को 'समर्पित'...))

----…

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Added by Julie on March 8, 2011 at 8:38pm — 9 Comments

नारी तेरी अजब कहानी हैं ,

नारी तेरी अजब कहानी हैं ,
तुम्ही माता तुम्ही बहना ,
तुम्ही बेटी तुम्ही दादी-नानी हैं ,
नारी तेरी अजब कहानी हैं ,
तुम्ही आदि शक्ति माता ,
तुम्ही ने ही धरती पे लाई बिधाता ,
सब जाने ये ना जुबानी हैं ,
नारी तेरी अजब कहानी हैं ,
आज सब कुछ बदल गया ,
जुल्म में आगे निकल गया ,
तुम्ही सास ननद और जेठानी हैं ,
नारी तेरी अजब कहानी हैं ,
नारी जलाई जाती है ,
नारी का नाम नारायणी हैं ,
ये बड़ी दुखद कहानी हैं ,
नारी तेरी अजब कहानी हैं ,

Added by Rash Bihari Ravi on March 8, 2011 at 5:30pm — 1 Comment

मैंने प्यार किया था...............

तुमसे कितना प्यार किया ऐ कभी समझा नहीं                  

                 तुम्हारे न आने पर हम कितने उदास होते थे                   

 तुम्हें हम कितना याद करते थे,                                    

               आपने ओ कभी महसूस नहीं किया                                                  

 आप पे हमने कितना…

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Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 6, 2011 at 8:00pm — No Comments

यादें,,,,,,,,,,,,,,

 

हम जब कभी बारिश की पहली बूंद में भीगे थे
वह बात आज भी तन मन को छू कर जाती है
तो तुम्हें याद करता हूँ,तुम्हें महसूस करता हूँ
इन आँखों में तुम्हारी एक तस्वीर उभर आती है
जब तुमें मै याद करता हूँ,
तुम छोड़ हमें चाहे जाओ कितनी ही दूर
मेरी आँखों का चैन चुरा बन जाओ
किसी का…
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Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 6, 2011 at 12:00pm — No Comments

मै तो एक पागल कवि हूँ

                                                        मै  तो एक पागल  कवि हूँ
क्या फर्क पड़ता है 
मै तो एक पागल कवि हूँ 
तम को काटता रवि हूँ
कौन किसलिए जीता है 
कौन किसलिए पीता है 
ज़िन्दगी तो सीता है 
कर्मो की गीता है 
भाग्य विपरीता है 
यहाँ तो हर कोई 
बस अपने लिए जीता है  
मै तो राम की सीता हूँ 
गीतों की गीता हूँ 
पर…
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Added by arvind yogi on March 5, 2011 at 11:43pm — 3 Comments

गहरा प्यार.......................



गहरा प्यार.......................
जब तुम्हें कभी हो यह महसूस   

की प्यार किसी का कम हो रहा है 

आशाओं के तुम्हारे जीवन में

निराशाओं का कुहरा छाने लगे 

प्रेम पथ की गति जब कभी थमने लगे 

खुशियों के दामन में 
जब मायूसी  झाने लगे        
तुम लौट आना-तुम लौट आना

दफ़न किये जो मेरे प्यार को 

अर्थ…
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Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 5, 2011 at 5:00pm — No Comments

एक रेलगाड़ी और हम- एक सपना मेरा - जाने क्यों - डॉ नूतन ०4-०3-२०11

  मैंने देखा था इक सपना  

एक रेलगाड़ी और हम  

पिताजी टिकट ले कर आते हुवे 

और लोग स्टेशन का पता पूछते हुवे…

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Added by Dr Nutan on March 5, 2011 at 1:00am — 4 Comments

जहाँ फ़ैल रहा प्रकाश वहाँ, क्यों फैला रहे अंधेरा



जहाँ फ़ैल रहा प्रकाश वहाँ, क्यों फैला रहे  अंधेरा,

खुशियों को छीन लो ना उनसे, होने दो वहाँ सवेरा,



जालिम कहर तुम्हारी, बरसे जहाँ जहाँ पर ,

रहते थे शान्ति के पुजारी,बंजर है अब वहाँ पर,

कितनो के चमन उजाड़ दिए, कितनो का लूटोगे डेरा,

खुशियों को छीन लो ना उनसे, होने दो वहाँ सवेरा.



अन्दर तुम्हारे है क्या , लेते सदा सहारा,

खुद की जमीं बचा न सके तो, दूसरों का घर उजाड़ा,



कब तक बनोगे सांप तुम,नचाएगा तुम्हे संपेरा,

खुशियों…

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Added by Dhananjay Pathak on March 4, 2011 at 12:00am — No Comments

यादें.................

यादें.................



मन की उदासी को ह्रदय में,

बसा के रख लिया ,

आप की बेवफाई को,

जीवन अंग समझ लिया !

मैंने की बेहद मुहब्बत मगर,

आपको क्या फर्क पडा,

तुमने लिए जो फैसले प्यार में,

उस दर्द से दिल मेरा रो पडा !

मिलेंगे तुम्हें हज़ारो दौलतमंद पर,

प्रीत की होगी वहां न भनक,

राह भूल मेरे अनमोल प्रेम को,

तोड़ देगी पैसे की खनक !

अपने सारे गमो को मै छुपा लूंगा,

एक तुम्हारी ख़ुशी के लिए

अब ना आयेंगे…

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Added by Sanjay Rajendraprasad Yadav on March 3, 2011 at 7:30pm — 2 Comments

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