For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक और मुश्किल..

अनगिनत विचारों में से एक विचार चुन पाना  है  मुश्किल ..
विचार चुन भी लो तो उसको शब्दों में पिरोना भी है एक मुश्किल..
 शब्द दे भी दिए तो कोई समझ पाएगा क्या उसको वैसे ही ,
जैसे समझाना चाहते थे? यह भी तो है मुश्किल..
सारी मुश्किलों का सही हल पाना भी है मुश्किल..
हल मिल जाए तो उसको निभाना भी है मुश्किल..
निभा पाए तो लोग कितना साथ देंगे अपना..
लोगों को साथ लेकर चलना भी है कितना मुश्किल..
मान लो लोग चल भी दिए साथ तो राह कितनी होगी मुश्किल..
कितने सवालों के सही जवाब देना है एक मुश्किल..
जवाबों का क्या,कुछ कह भी दो लेकिन..
जो कहा उससे सामने वाले को संतुष्ट करना भी है मुश्किल..
उफ़!मुश्किलों को गिन पाना तो है और भी मुश्किल..
गिन कर उनको संभालना भी है मुश्किल..
संभाल लिया तो चलो थोड़ी राहत होगी ,लेकिन..
आपकी राहत को कोई सहन कर नहीं पाएगा और खड़ी कर देगा..
एक और मुश्किल..:))))))

Views: 371

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Lata R.Ojha on April 4, 2011 at 8:21pm

Dhanyavaad Ganesh bhai :) jee bahut prayatn kia lekin tab bhi sabhi mushkilen ekattha nahi huin ..sach..bahut hai mushkil :)

 

Comment by Lata R.Ojha on April 4, 2011 at 8:19pm
Aabhaar Vandana ji :) sahi baat ..mushkilon se dar ke chalna kyon chhoda jae bhala :) lekinmushkilon se nijaat paana sadaa hi hota hai mushkil :) hai na !

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 4, 2011 at 7:51pm
बहुत खूब लता जी , सारी मुश्किलों को एक साथ इकठ्ठा करना कोई आप से सीखे :-))) बहुत ही प्यारी रचना , बधाई |
Comment by Lata R.Ojha on March 28, 2011 at 4:24pm
:) aabhaar Tapan ji :) aur aap sabhi ke, rachna pe vichaar paana bhi, to hai na mushkil :)))))))))))
Comment by Tapan Dubey on March 28, 2011 at 4:15pm
इतनी प्यारी रचना बनाना भी है मुश्किल.. बहुत खूब बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
5 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
5 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
23 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
23 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service