For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रंग दे मोहे सांवरे रंग दे..

 

रंग दे मोहे सांवरे रंग दे ,
प्रीत के रंग में मोहे रंग दे |
चन्दन संग खुशबु मोहे रंगने आई ,
पी की महक बिन ना कछु भाई |
टेसू गेंदा चाहे मोहे रंगना ,
तेरी छुअन सिवा सब चुभता अंगमा |
जो चाँद भी मोरा बदन भिगोये ,
चांदन से ये तन जल जल जाये |
होरी खेलन जो आई सखियाँ ,
असुअन से भर आई अखियाँ |
सच है ये हैं सारे बहाने ,
मैं भी जानूं तू भी जाने |
मीरा की सी हुई दीवानी ,
प्रेम सिवा कोई रंग न जानी |
अबके फागुन जो रंग चढाऊं ,
तोहरी प्रीत से ही रंगी जाऊं |
रंग दे मोहे सांवरे रंग दे ,
प्रीत के रंग में मोहे रंग दे |

Views: 440

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अमि तेष on March 27, 2011 at 11:14am
thank you didi
Comment by Veerendra Jain on March 26, 2011 at 11:53am
Arun ji..bahut bahut aabhar...
Comment by Veerendra Jain on March 26, 2011 at 11:52am

Waah ..Amitesh ji...bahut khub...

Comment by Abhinav Arun on March 23, 2011 at 2:20pm
bahut sundar rachna achchhe bhaav aur shabd chitr-
चन्दन संग खुशबु मोहे रंगने आई ,
पी की महक बिन ना कछु भाई |
टेसू गेंदा चाहे मोहे रंगना ,
तेरी छुअन सिवा सब चुभता अंगमा |
badhaaee aur shubhkaamnayen |
Comment by अमि तेष on March 22, 2011 at 12:10pm
तुम भी,
न जाने कहाँ से लाये थे
इतना पक्का है, कि छूट नही रहा है,
परसो लगाया था,
अब बर्षो तक नही उतरेगा..
रंग..
प्यार का....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service