For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भूख नैसर्गिक है — डॉo विजय शंकर

भूख नैसर्गिक है ,
पर रोटी , रोटी
नैसर्गिक नहीं है।
भूख का निदान
स्वयं को करना होता है ,
रोटी कमानी पड़ती है ,
रोटी खरीदनी पड़ती है ,
रोटी पर टैक्स चुकाना पड़ता है ,
रोटी निदान है , आय का जरिया है।
भूख ऐसी कुछ नहीं , उसका निदान ,
आदमी से क्या कुछ नहीं करा देता है ,
उसे एक शब्द में कमाई कह देते हैं।
अपने लिए , अपने पेट के लिए।
सब कुछ नैसर्गिक है ......... ?
व्यापार के लिए , राजस्व के लिए।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 313

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on November 30, 2021 at 10:04am

आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी , रचना पर आपकी उपस्थिति एवं सकारात्मक टिप्पणी के लिए आभार एवं धन्यवाद , सादर।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 27, 2021 at 2:07pm

आ. भाई विजय जी, सादर अभिवादन। बहुत उत्तम रचना हुई है। हार्दिक बधाई। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आ. भाई लक्ष्मण सिंह धामी जी, नमस्कार, ग़ज़ल आपने संस्तुत की, आभारी हूँ। सादर !"
5 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"ख़ूब"
8 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आ. संजय शुक्ला तल्ख़ साहब, आदाब, मेरी ग़ज़ल प्रस्तुति आपकी संस्तुति प्राप्त कर सकी, आपका आभारी हूँ,…"
8 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"ज़ैफ़ जी ये नादिर ख़ान जी की ग़ज़ल है ।"
12 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"माननीय मंच सुधीजनों से हुई चर्चा और परिमार्जन के उपरांत ग़ज़ल को इस प्रकार अंतिम रूप दिया है…"
13 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"साथियों की ग़ज़लों पर भी अपनी प्रतिक्रया दें ।"
16 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय लक्ष्मण जी, बहुत धन्यवाद"
18 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय ज़ैफ़ जी, बहुत धन्यवाद"
18 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदाब, भाई नादिर ख़ान, आपका शुक्रगुज़ार हूँ कि आप नाचीज़ की ग़ज़ल तक पहुँचे और सराहना की और, हाँ…"
20 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आ. मिथिलेश वामनकर साहब, नमन ! आपने अपना बहूमूल्य समय, मेरी ग़ज़ल प्रस्तुति को देकर मुझे कृतार्थ…"
31 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"नमस्कार, दया राम मेठानी जी, ग़ज़ल आपकी संस्तुति पा सकी, इसके लिए आपका आभारी हूँ ।सादर !"
42 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"जी, धन्यवाद !"
46 minutes ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service