For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मन कार्यालय हुआ : पाँच दशा // --सौरभ

1)

मन उदास है

पता नहीं, क्यों..



झूठे !

पता नहींऽऽ, क्योंऽऽऽ..?



2)

कितना अच्छा है न, ये पेपरवेट !

कुर्सी पर कोई आये, बैठे, जाये…

Continue

Added by Saurabh Pandey on February 3, 2014 at 5:30pm — 12 Comments

पाँच दोहे : आज के मन-भाव // --सौरभ

मन के सुख-दुख, पीर भी, कैसे पायें भाव

टिप-टिप अक्षर आज के, टेक्स्ट हुए बर्ताव       



चिट्ठी से तब भाव मन, होता था अभिव्यक्त

दिल के आँसू वाक्य थे, शब्द-शब्द थे रक्त



वह भी अद्भुत दौर था, यह भी अद्भुत दौर

अब’ कार्डों से भाव सब, ’तब’ अमराई…

Continue

Added by Saurabh Pandey on January 31, 2014 at 4:30pm — 32 Comments

तुम आओगी न, सुजाता.. // --सौरभ

पीपल की छाँव में खीर खाये एक अरसा हो गया है

मन फिर से चंचल है

तुम आओगी न, सुजाता !



उसके होने न होने से कोई विशेष अंतर नहीं पड़ना था,

ऐसा तो नहीं कहता

लेकिन क्या वो

कोई आम, अशोक, महुआ या जामुन नहीं हो सकता…

Continue

Added by Saurabh Pandey on January 27, 2014 at 8:00pm — 31 Comments

आज के बाज़ार पर.. (नवगीत) // --सौरभ

बिस्तर-करवट-नींद तक

रिस आया बाज़ार



हर कश से छल्ले लिए

बातें हुई बवण्डरी

मुदी-मुदी सी आँख में

उम्मीदें कैलेण्डरी

गलबहियों के ढंग पर

करता कौन विचार..…

Continue

Added by Saurabh Pandey on January 18, 2014 at 3:30am — 26 Comments

कुण्डलिया : मैं-तुम-हम // --सौरभ

'मैं-तुम’ के शुभ योग से, 'हम’ का आविर्भाव

यही व्यष्टि विस्तार है, यही व्यष्टि अनुभाव

यही व्यष्टि अनुभाव, ’अपर-पर’ का संचेतक    

’अस्मि ब्रह्म’ उद्घोष, ’अहं’ का धुर उत्प्रेरक

’ध्यान-धारणा’  योग, सतत…

Continue

Added by Saurabh Pandey on January 7, 2014 at 1:00am — 24 Comments

ग़ज़ल- पर सुगम होगा सफ़र, लगता है // --सौरभ

दिन उगे का तो पहर लगता है

यों अभी थोड़ी कसर, लगता है..



साँस लेना भी दूभर लगता है

क्या ये मौसम का असर लगता है



क्या हुआ साथ चलें या न चलें…

Continue

Added by Saurabh Pandey on January 6, 2014 at 3:00am — 22 Comments

दोहे : शुभ-नूतन की बाट // -सौरभ

प्रतिपल नव की कल्पना, पल-व्यतीत आधार  

सामासिक दृढ़ भाव ले,  आह्लादित संसार  



सिद्धि प्रदायक वर्ष नव : धर्म-कर्म-शुभ-अर्थ

मंशा कुत्सित दानवी, लब्धसिद्धि हित व्यर्थ



शाश्वत मनस स्वभाव…

Continue

Added by Saurabh Pandey on December 26, 2013 at 4:20pm — 42 Comments

नवगीत - नये साल की धूप // --सौरभ



आँखों के गमलों में

गेंदे आने को हैं

नये साल की धूप तनिक

तुम लेते आना.. .



ये आये तब

प्रीत पलों में जब करवट है

धुआँ भरा है अहसासों में

गुम आहट है

फिर भी देखो

एक झिझकती कोशिश तो की !

भले अधिक मत खुलना

तुम, पर

कुछ सुन जाना.. .

नये साल की धूप तनिक

तुम लेते आना.. .



संवादों में--

यहाँ-वहाँ की, मौसम, नारे..

निभते हैं

टेबुल-मैनर में रिश्ते…
Continue

Added by Saurabh Pandey on December 20, 2013 at 11:30pm — 58 Comments

ग़ज़ल - आसमानों को संविधान भी क्या // --सौरभ

मिसरों का वज़न - २१२२  १२१२  ११२/२२

 

रौशनी का भला बखान भी क्या !

दीप का लीजिये बयान भी, क्या.. ?!

 

वो बड़े लोग हैं, ज़रा तो समझ--  …

Continue

Added by Saurabh Pandey on December 16, 2013 at 11:00am — 54 Comments

दो कुण्डलिया // --सौरभ

1)

आपस  के  संवाद में,  कितने  ही  मंतव्य !

कुछ तो हैं संयत-सहज, अक्सर हैं वायव्य

अक्सर  हैं   वायव्य,   शब्द से  चोट करारी

वैचारिक …

Continue

Added by Saurabh Pandey on December 13, 2013 at 2:00am — 55 Comments

छठ महापर्व // -- सौरभ

यजुर्वेद का चालीसवाँ अध्याय ईशावस्योपनिषद के रूप में प्रसिद्ध है जिसके पन्द्रहवें श्लोक के माध्यम से सूर्य की महत्ता को प्रतिस्थापित किया गया है.



हिरण्मयेन पात्रेण सत्यस्यापिहितं मुखम् ।

तत्त्वं पूषन अपावृणु सत्यधर्माय दृष्टये ॥

हिरण्मयेन पात्रेण यानि परम…

Continue

Added by Saurabh Pandey on November 7, 2013 at 12:00am — 48 Comments

दीपावली (नवगीत) // -- सौरभ



सामने

द्वार के

तुम रंगोली भरो   

मैं उजाले भरूँ

दीप ओड़े हुए.. .



क्या हुआ

शाम से

आज बिजली नहीं

दोपहर से लगे टैप…

Continue

Added by Saurabh Pandey on October 27, 2013 at 1:00am — 30 Comments

रिश्ते (अतुकान्त) // --सौरभ

बर्ताव

बर्ताव का अर्थ -- स्पर्श !

मुलायम नहीं..

गुदाज़ लोथड़ों में

लगातार धँसते जाने की बेरहम ज़िद्दी आदत



तीन-तीन अंधे पहरों में से

कुछेक लम्हें ले लेने भर से…

Continue

Added by Saurabh Pandey on October 16, 2013 at 2:00am — 43 Comments

पाँच दोहे.. // --सौरभ

तू  मुझमें  बहती  रही, लिये धरा-नभ-रंग

मैं    उन्मादी   मूढ़वत,   रहा  ढूँढता  संग



सहज हुआ अद्वैत पल,  लहर  पाट  आबद्ध

एकाकीपन साँझ का, नभ-तन-घन पर मुग्ध



होंठ पुलक जब छू रहे,   रतनारे  …

Continue

Added by Saurabh Pandey on June 22, 2013 at 2:00am — 51 Comments

गंगा-दशा // --सौरभ

(छंद - मनहरण घनाक्षरी)



गोमुखी प्रवाह जानिये पवित्र संसृता  कि  भारतीय धर्म-कर्म  वारती बही सदा

दत्त-चित्त निष्ठ धार सत्य-शुद्ध वाहिनी कुकर्म तार पीढ़ियाँ उबारती रही सदा

पाप नाशिनी सदैव पाप तारती रही उछिष्ट औ’ अभक्ष्य किन्तु धारती गही सदा    …

Continue

Added by Saurabh Pandey on June 8, 2013 at 8:30pm — 33 Comments

सूरज से.. . // --सौरभ



ये साँझ सपाट सही

ज्यादा अपनी है



तुम जैसी नहीं



इसने तो फिर भी छुआ है.. .

भावहीन पड़े जल को तरंगित किया है..  

बार-बार जिन्दा रखा है

सिन्दूरी आभा के गर्वीले मान को…



Continue

Added by Saurabh Pandey on April 22, 2013 at 12:00am — 42 Comments

आज का दिन पावन है .. .

ओबीओ  परिवार सम,  शारद  के  सब भक्त 

’सीख-सिखाना’-अर्चना, भाव गहन हों व्यक्त

भाव गहन हों व्यक्त, आज का दिन पावन है

नदिया  धारे   धार,   जिये  नित  परिवर्तन है…

Continue

Added by Saurabh Pandey on April 1, 2013 at 10:30am — 33 Comments

तोटकाष्टकम् - दुर्मिल वृत छंद का समूह-गायन

सुधीजनो, 

तोटकाचार्य आदिशंकर के प्रथम चार शिष्यों में से थे.  ’आचार्यदेवोभव’ सूत्र के प्रति अगाध भक्ति के माध्यम से समस्त ज्ञान प्राप्त कर आप आदिशंकर के अत्यंत प्रिय हो गये. आगे, आदिशंकर ने बद्रीनाथधाम की स्थापना कर आपको वहीं नियुक्त किया था. 

तोटकाचार्य विरचित तोटकाष्टकम्   --इसे श्रीशंकरदेशिकाष्टकम् भी कहते हैं--   दुर्मिल वृत्त में है. 

तोटकाष्टकम् का आधुनिक वाद्यों के साथ समूह-गान प्रस्तुत…

Continue

Added by Saurabh Pandey on March 16, 2013 at 11:30am — 12 Comments

ग़ज़ल // -- सौरभ

आज दि. 03/ 03/ 2013 को इलाहाबाद के प्रतिष्ठित हिन्दुस्तान अकादमी में फिराक़ गोरखपुरी की पुण्यतिथि के अवसर पर गुफ़्तग़ू के तत्त्वाधान में एक मुशायरा आयोजित हुआ. शायरों को फिराक़ साहब की एक ग़ज़ल का मिसरा   --तुझे ऐ ज़िन्दग़ी हम दूर से पहचान लेते हैं--  तरह के तौर पर दिया गया था जिस पर ग़ज़ल कहनी थी. इस आयोजन में मेरी प्रस्तुति -

********

दिखा कर फ़ाइलों के आँकड़े अनुदान लेते हैं ।

वही पर्यावरण के नाम फिर सम्मान लेते हैं ॥

 

निग़ाहें भेड़ियों के दाँत सी लोहू*…

Continue

Added by Saurabh Pandey on March 3, 2013 at 8:00pm — 65 Comments

भोजपुरी काव्य प्रतियोगिता-सह-आयोजन : एक विशद रिपोर्ट

ई-पत्रिका ओपेन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम (प्रचलित संज्ञा ओबीओ) अपने शैशवाकाल से ही जिस तरह से भाषायी चौधराहट तथा साहित्य के क्षेत्र में अति व्यापक दुर्गुण ’एकांगी मठाधीशी’ के विरुद्ध खड़ी हुई है, इस कारण संयत और संवेदनशील वरिष्ठ साहित्यकारों-साहित्यप्रेमियों, सजग व सतत रचनाकर्मियों तथा समुचित विस्तार के शुभाकांक्षी नव-हस्ताक्षरों को सहज ही आकर्षित करती रही है.



प्रधान सम्पादक आदरणीय योगराज प्रभाकरजी की निगरानी तथा…

Continue

Added by Saurabh Pandey on January 31, 2013 at 8:30pm — 12 Comments

Monthly Archives

2025

2024

2023

2022

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

2012

2011

2010

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"शुक्रिया आदरणीय। कसावट हमेशा आवश्यक नहीं। अनावश्यक अथवा दोहराए गए शब्द या भाव या वाक्य या वाक्यांश…"
5 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।"
5 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन।सुंदर और समसामयिक लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। प्रदत्त विषय को एक दिलचस्प आयाम देते हुए इस उम्दा कथानक और रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया…"
11 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदरणीय शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। शीर्षक लिखना भूल गया जिसके लिए…"
12 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"समय _____ "बिना हाथ पाँव धोये अन्दर मत आना। पानी साबुन सब रखा है बाहर और फिर नहा…"
13 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक स्वागत मुहतरम जनाब दयाराम मेठानी साहिब। विषयांतर्गत बढ़िया उम्दा और भावपूर्ण प्रेरक रचना।…"
17 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
" जय/पराजय कालेज के वार्षिकोत्सव के अवसर पर अनेक खेलकूद प्रतियोगिताओं एवं साहित्यिक…"
18 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हाइमन कमीशन (लघुकथा) : रात का समय था। हर रोज़ की तरह प्रतिज्ञा अपने कमरे की एक दीवार के…"
18 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आदरणीय विभारानी श्रीवास्तव जी। विषयांतर्गत बढ़िया समसामयिक रचना।"
19 hours ago
vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
""ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123विषय : जय/पराजय आषाढ़ का एक दिन “बुधौल लाने के…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service