For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पाँच दोहे : आज के मन-भाव // --सौरभ

मन के सुख-दुख, पीर भी, कैसे पायें भाव
टिप-टिप अक्षर आज के, टेक्स्ट हुए बर्ताव       

चिट्ठी से तब भाव मन, होता था अभिव्यक्त
दिल के आँसू वाक्य थे, शब्द-शब्द थे रक्त

वह भी अद्भुत दौर था, यह भी अद्भुत दौर
अब’ कार्डों से भाव सब, ’तब’ अमराई बौर

हृदय धड़कता आज भी, टेरे भाव महीन  
पर संप्रेषण हो गया, ’यू नो.. आई मीन..’

चला गया जो दौर वो, रह-रह करता हॉण्ट ..
कागज मोनीटर हुए, अक्षर सारे फ़ॉण्ट ..

***************

-सौरभ

***************

(मौलिक व अप्रकशित)

Views: 1155

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 28, 2014 at 11:05pm

इस प्रस्तुति को मान देे के लिए सुधीजनों को हार्दिक धन्यवाद

सादर

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on March 31, 2014 at 5:22pm

हृदय धड़कता आज भी, टेरे भाव महीन  
पर संप्रेषण हो गया, ’यू नो.. आई मीन..’

अरे गजब सर......ये हिन्दी - अंग्रेजी का दोहे में प्रयोग....... कमाल का हुआ........ नाऊ ये दिल मांगे मोर :)

Comment by ram shiromani pathak on February 8, 2014 at 12:19pm

वाह क्या कहने आदरणीय सौरभ जी ,बहुत ही सुन्दर दोहे और वो भी नए स्टाइल में। …………आज कुछ तूफानी करते है????। ।  हार्दिक बधाई आपको 

Comment by बृजेश नीरज on February 4, 2014 at 7:35am

जी आदरणीय मैं यही कहना चाह रहा था!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 4, 2014 at 4:21am

आपकी बातों से पूर्णतः सहमत हूँ भाई बृजेशजी.  आपने मेरे इशारे को बखूबी पकड़ा भी है.

वैसे देशज भाषा तो नहीं देशज शब्द कहना था.

भाईजी, देशज शब्दों में कोई कमी या बुराई नहीं है. विचित्र तो तब लगता है जब लोग दोहा लिखने के क्रम में क्रियापद को अनावश्यक रूप से आंचलिक करने लगते हैं. या संस्कृत-प्राकृत-अवहट्ट के शब्दों के व्यामोह में पड़ उनकी प्रासंगिकता को तूल देने लगते हैं. मैं समझता हूँ, आपका भी यही कहना है.

शुभ-शुभ


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 4, 2014 at 4:20am

बहुत बहुत धन्यवाद, भाई जीतेन्द्रजी.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 4, 2014 at 4:19am

आपकी आत्मीयता के प्रति नत हूँ आदरणीय लक्ष्मणधामीजी..


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 4, 2014 at 4:18am

आदरणीया वन्दनाजी, आपने अभिनव आयाम की अनुभूति की. 

हार्दिक धन्यवाद इन दोहों की सार्थकता को रेखांकित करने के लिए ..


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 4, 2014 at 4:16am

सादर धन्यवाद आदरणीय गिरिराजभाईजी.. .


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 4, 2014 at 4:16am

उत्साहवर्द्धन केलिए सादर धन्यवाद आदरणीय लड़ीवालाजी..

सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service