For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Coontee mukerji's Blog – December 2013 Archive (3)

शुभ नवल वर्ष

पूर्व संध्या की हुई विदाई

भाव भीनी भीनी

राजा जी का महल जागा

नव वर्ष की कर अगवानी

*

मंदिर का बजा घण्टा

ले टीका चंदन का

धूप दीप कर्पूर की आरती

पूरी घाटी महकी चंदन सी

*

सूरज अलसाता जागा

बादलों का मोह न छोड़ा

रहा दिन सोया सोया

सांझ पर न पहरा कोई

*

कुछ बुँदों की टीप टाप

पवन में सुर न जागा

आधि दुनिया में हो-हल्ला

आधि दुनिया खोयी खोयी.

*

कहीं आदि कहीं अंत

कहीं मातम कहीं खुशी

दक्षिणी…

Continue

Added by coontee mukerji on December 30, 2013 at 10:30pm — 17 Comments

चितवन

चितवन

1

सांझ की पड़ी चितवन कटारी

उतर आयी रात आंगन

बिन पिया कैसे मनाऊँ मधुमास

रात की रानी महके

हरसिंगार की झूमर लहके

तारों की बरात लिये

आया कोई पुच्छल तारा

देख सुहानी रात मतवाली

पैरों बाँध घुँघरू

बिरहनी संग यह कैसा परिहास

2

बहक रहा चाँद

लहरों पर थिरक रही चाँदनी

सागर तट पर नाच रहा पवन

बाँध के पैजन

चट्टानों के गृह सखी

चल रहा सम्मोहन

बिन पिया कैसे हो हिय उल्लास

3

दूर गगन से

कोई…

Continue

Added by coontee mukerji on December 25, 2013 at 9:44pm — 12 Comments

मैं रात का एक टुकड़ा हूँ

मैं रात का एक टुकड़ा हूँ

मैं रात का एक टुकड़ा हूँ

आवारा

भटक गया हूँ शहर की गलियारों में.

जिंदगी सिसक रही है जहाँ

दम घोटूँ

एक बच्चा हँसता हुआ निकलता है

बेफ़िक्र, अपने नाश्ते की तलाश में.

सहमा रह जाता हूँ मैं मटमैले कमरों में.

(2)

मैं क्या करूँ

सूरज निकलता है

भयभीत होता हूँ पतिव्रताओं की आरती से

मुँह छिपाये मैं छिप जाता हूँ

कभी धन्ना सेठों की तिज़ोरी में तो

कभी किसी सन्नारी के गजरों में.…

Continue

Added by coontee mukerji on December 9, 2013 at 6:07pm — 21 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .इसरार

दोहा पंचक. . . .  इसरारलब से लब का फासला, दिल को नहीं कबूल ।उल्फत में चलते नहीं, अश्कों भरे उसूल…See More
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
yesterday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service