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शिज्जु "शकूर"'s Blog – December 2015 Archive (1)

गुमनामियों में खो गये कुछ लोग हार के- शिज्जु शकूर

फ़ैज़ साहब की ज़मीन पर एक कोशिश



221 2121 1221 212

गुमनामियों में खो गये कुछ लोग हार के

कुछ आ गये वरक़ पे फ़साना-निगार के



सपने तमाम पलकों से मैंने उतार के

लौटा दिये हयात को लम्हे उधार के



बेचैनियाँ मिली मुझे तेरी तलाश में

तुझको ही खो दिया तेरी आर्ज़ू में हार के



काँटों के चुभते ही मैं हक़ीकत में आ गया

खुश था मुग़ालतों की वो घड़ियाँ गुज़ार के



अपनी जबाँ से जिसने जलाई हैं निस्बतें

मा’ने बता रहे हैं वही इन्कि़सार… Continue

Added by शिज्जु "शकूर" on December 12, 2015 at 8:19pm — 10 Comments

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