For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शम्स तो है वो मगर डूबा हुआ है-शिज्जु शकूर

2122 2122 2122

शम्स तो है वो मगर डूबा हुआ है

रौशनी से बेख़बर डूबा हुआ है

 

अपने होने का उसे अहसास तो हो

क्यों ग़मों में इस कदर डूबा हुआ है

 

क्या अँधेरा मेरी नज़रों में है मौजूद

या अँधेरे में ये घर डूबा हुआ है

 

रौशनी के सिर्फ इक ज़र्रे के दम पर

ठण्ड से वो बेअसर डूबा हुआ है           

 

इस जुनूने इश्क़ का होगा समर* क्या           *नतीजा

सोच में कोई इधर डूबा हुआ है

 

फिर गुजश्ता वक्त के किस्सों में तू क्यों

आँसुओं से तर ब तर डूबा हुआ है

 

उसकी दुनिया तो किताबों की है दुनिया

वो झुकाये अपना सर डूबा हुआ है

 

मौलिक व् अप्रकाशित 

 

Views: 748

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 10, 2015 at 11:28am

आदरणीय सौरभ सर रचना पर आपकी उपस्थिति उत्साह का कारण हुआ करती है आपका हार्दिक आभार स्नेह बनाये रखें


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 10, 2015 at 11:27am

आदरणीय केवल प्रसाद जी आपका हार्दिक आभार


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 10, 2015 at 11:26am

भाई कृष्ण मिश्रा जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 10, 2015 at 11:26am

आदरणीय वीनस जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया, मिसरा सुधार दिया है :-)


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 10, 2015 at 11:25am

आदरणीय मिथिलेश जी नवाज़िशों के लिये बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 10, 2015 at 11:24am

आदरणीय गिरिराज सर रचना की सराहना के लिये आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 10, 2015 at 11:23am

आदरणीय डॉ विजय शंकर सर आपका तहेदिल से शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 10, 2015 at 11:21am

आदरणीय निलेश भैया आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 10, 2015 at 11:20am

आदरणीय श्याम नारायण जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 7, 2015 at 11:53pm

क़ामयाब ग़ज़ल के लिए दिल से बधाइयाँ, शिज्जू भाई.. दिल से हुई इस ग़ज़ल को दिल से सुन गया

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service