For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Tasdiq Ahmed Khan's Blog – September 2017 Archive (3)

ग़ज़ल -तरही -2(उनके सोए हुए जज़्बात जगा भी न सकूँ )

(फाइलातुन -फइलातुन -फइलातुन -फइलुन /फेलुन)

आ गया हूँ वहाँ जिस जा से मैं जा भी न सकूँ |

मा सिवा उनके कहीं दिल को लगा भी न सकूँ |

इस तरह बैठे हैं वो फेर के आँखें मुझ से

उनके सोए हुए जज़्बात जगा भी न सकूँ |

मेरी महफ़िल में किसी ग़ैर को लाने वाले

दिल से मजबूर हूँ मैं तुझको जला भी न सकूँ |

फितरते तर्के महब्बत है तेरी यार मगर 

तेरी इस राय को मैं अपना बना भी न सकूँ |

इतना मजबूर भी मुझको न खुदा कर देना…

Continue

Added by Tasdiq Ahmed Khan on September 24, 2017 at 9:00am — 16 Comments

ग़ज़ल (अपनी तक़दीर फिर आज़माएँगे हम )

ग़ज़ल (अपनी तक़दीर फिर आज़माएँगे हम )

-----------------------------------------------------

(फ़ाइलुन -फ़ाइलुन -फ़ाइलुन -फ़ाइलुन)

 

अपनी तक़दीर फिर आज़माएँगे हम |

उनके कुचे से वापस न जाएँगे हम |

 

ज़ुल्म कितने भी ढा ले सितमगार तू

ग़म के हर दौर में मुस्कराएँगे हम |

 

आपको तो अज़ीज़ों से फ़ुर्सत नहीं

किस तरह हाल दिल का सुनाएँगे हम |

 

जब भी मिलता है देता है वो ज़ख़्मे नौ

दस्त उलफत का कब तक मिलाएँगे…

Continue

Added by Tasdiq Ahmed Khan on September 14, 2017 at 10:23pm — 14 Comments

ग़ज़ल ( हाए वो शख़्स निकलता है सितमगर यारो )

ग़ज़ल ( हाए वो शख़्स निकलता है सितमगर यारो )

-------------------------------------------------------------------



(फाइलातुन -फइलातुन -फइलातुन -फेलुन )



मुन्तखिब करता है दिल जिसको भी दिलबर यारो |

हाए वो शख़्स निकलता है सितम गर यारो |

उनके चहरे से नज़र हटती नहीं है मेरी

किस तरह देखूं ज़माने के मैं मंज़र यारो |

कूचए यार से जाएँ तो भला जाएँ कहाँ

राहे उलफत में लुटा बैठे हैं हम घर यारो |

आस्तीनों में जो रखते हैं…

Continue

Added by Tasdiq Ahmed Khan on September 5, 2017 at 6:14pm — 17 Comments

Monthly Archives

2022

2019

2018

2017

2016

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण भाईजी, आपने प्रदत्त चित्र के मर्म को समझा और तदनुरूप आपने भाव को शाब्दिक भी…"
8 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"  सरसी छंद  : हार हताशा छुपा रहे हैं, मोर   मचाते  शोर । व्यर्थ पीटते…"
13 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे परिवेश। शत्रु बोध यदि नहीं हुआ तो, पछताएगा…"
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
yesterday
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Dec 14
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service