For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Usha Awasthi's Blog – August 2020 Archive (4)

आलस करैं न नेक

कपड़ा-लत्ता बाँधि कै

जावैं अपने देस

कितने दिनन बिता गए

तबहुँ लगै परदेस

पहुचैं अपने द्वार-घर

लक्ष्य यही बस एक

जा खेती - बाड़ी करैं

आलस करैं न नेक

धूप - ताप मा बिन रुके

चले जाँय सब गाँव

सोचत जात , थमें नहीं

मिले जो चाहे छाँव

नदियन नाला केर सब

कचरा देब हटाय

लहर-लहर बहियैं सबै

धरती पियै अघाय

बबुआ से कहिबै चलौ

गइया लेइ खरीद

दूध, दही , मट्ठा…

Continue

Added by Usha Awasthi on August 30, 2020 at 11:27pm — 2 Comments

गीत , चाँद हमारे अँगना

झाँका , झाँका , देखो झाँका

चाँद हमारे अँगना

आने वाला है कोई 

बाजे मेरा कँगना

हो, हो , हो , हो

झाँका, झाँका , देखो झाँका

सुहाना समां है

खुला आसमां है

करतीं ठिठोली

तारों की टोली

झूमे , झूमे , देखो झूमे

आज हमारे अँगना 

आने....

बहे पुरवइया

डोले मन की नैया

मौसम की घड़ियाँ

जादू की छड़ियाँ

फेरें , फेरें , जादू फेरें

आज हमारे…

Continue

Added by Usha Awasthi on August 21, 2020 at 11:35pm — 8 Comments

सारा हिन्दुस्तान

पढ़ी - लिखी जो गृहणियाँ

देखें निज परिवार

घर में बूढ़ी सास हैं

और श्वसुर लाचार

शिशु जिनके हैं पालने

सेवा की दरकार

आया पर छोड़ें नहीं

सहें स्वयं सब भार

गढ़ती हैं व्यक्तित्व वह

जिस विधि कोई कुम्हार

खोट सुधार सहन करें

चाहे विघ्न हजार

सदा करें निष्काम हो

सबके सुख की वृद्धि

प्रेम , हर्ष , ऐश्वर्य की

होती तभी समृद्धि

घर कुटुम्ब के हेतु जो

अपना सुख दे…

Continue

Added by Usha Awasthi on August 19, 2020 at 7:24pm — 8 Comments

शिवत्व

जब मन वीणा के तारों पर 

स्वर शिवत्व झन्कार हुआ

चिरकालिक,शाश्वत ,असीम

प्रकटा , अमृत संचार हुआ

निर्गत हुए भविष्य  , भूत

वर्तमान अधिवास हुआ

कालातीत, निरन्तर,अक्षय

महाकाल का भास हुआ

शव समान तन,आकर्षण से

मन विमुक्त आकाश हुआ

काट सर्व बन्धन इस जग के

परम तत्व , निर्बाध हुआ

मौलिक एवं अप्रकाशित

Added by Usha Awasthi on August 3, 2020 at 10:30am — 4 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
10 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई भिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर उत्तम रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service