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Dr. Vijai Shanker's Blog – April 2021 Archive (2)

विसंगति —डॉo विजय शंकर

बीते कुछ दिनों में लगा
कि हम कुछ बड़े हो गये ,
अहंकार से फूलने लगे
और फूलते...चले गए।
फूले इतना कि हर समस्या
के सामने बौने हो गये।
यकीन नहीं होता कि
आदमी खुद कुछ नहीं होता ,
ये जानने के बाद भी ,
कुछ का ख्याल हैं कि
लूटो-खाओ, पाप-पुण्य
कहीं कुछ नहीं होता ,
भगवान भी कहीं नहीं होता।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Added by Dr. Vijai Shanker on April 30, 2021 at 10:48am — 2 Comments

मुहब्बत हो जाती है - डॉo विजय शंकर

मुहब्बत हो जाती है ,
मुहब्बत हो जाती है ,
मुहब्बत हो जाती है ,
ये तो नफ़रतें हैं ,
जिनके लिए टेंडर
निकाले जाते हैं . 

मौलिक एवं अप्रकाशित

Added by Dr. Vijai Shanker on April 25, 2021 at 10:00pm — 2 Comments

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