For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

केवल प्रसाद 'सत्यम''s Blog – April 2014 Archive (3)

गुप अॅधेंरा, चॉंदनी भी दरबदर

गजल-गुप अॅधेंरा, चॉंदनी भी दरबदर

बह्र....2122 2122 212

नींद जब आती नहीं गुल सेज पर,

सो रहे रिक्शे पे घोड़ा बेच कर।

स्वर्ण है या वोट किसको क्या पता,

शोर संसद में वतन की लूट पर।

चापलूसी नीति निशदिन छल रही,

गर्म है बाजार माया धर्म धर।

शोख कमसिन सी कली नित सुर्ख है,

तल्ख हैं अखबार पढ़ कर मित्रवर।

क्या किया है आपने इस देश में,

लुट रही है अस्मिता हर राह पर।

ताख पर जलता दिया जब…

Continue

Added by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 27, 2014 at 1:57pm — 9 Comments

गजल......उड़ रहा मानव नियति आवाक है.......

गजल......

अरकान--2122 2121 212

जिन्दगी की तीव्र गति आवाक है।

सोच कर दिन-रात मति आवाक है।।

बस चुनावी दौर का सुरूर अब,

उड़ रहा मानव नियति आवाक है।

चॉंद छिप कर सोचता वो क्या करे,

बादलों का खौफ रति आवाक है।

पीर के पत्थर पिघल के सो गए,

नग्न पर्वत देख यति आवाक है।

नारि तुलसी-गौतमी औ द्राैपदी,

पूॅूछती हैं प्रश्न पति आवाक है।

घोर कलियुग पाप का आधार जब,

धर्म के पथ पर जयति आवाक…

Continue

Added by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 3, 2014 at 8:09pm — 6 Comments

गजल.....जमाना धूल-गर्दिश का-

गजल.....जमाना धूल-गर्दिश का

बह्र - 1222, 1222, 1222, 1222

इशारों ही इशारों में, इशारे कर रहे हैं हम।

तरफदारी हमारी तो, हजारों मर रहे हैं हम।।

उदारी नीति पावन पर, दिशा हर बार संहारी,

गरीबी भेड़ जैसी बस, कुॅंओं को भर रहे हैं हम।।1

भिड़े हैं शेर-हाथी गर, शिवा-राणा लड़े गॉंधी,

हमें भी देखिये साहब, गधों से डर रहे हैं हम।2

कहानी जब सुनाते हैं, हमें तो नींद आती है,

उड़ा…

Continue

Added by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 1, 2014 at 10:52am — 15 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Sunday
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Friday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Friday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service