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SHARIF AHMED QADRI "HASRAT"'s Blog – March 2012 Archive (1)

ग़ज़ल



आँखों में भरे खूँ लिए तलवार खड़ा है 

करने को मुझे कत्ल मेरा यार खडा है

.

दे दे तु मुझे अपनी दुआओँ का सहारा

चोखट पे तेरी आज ये बीमार खडा है

.

जाने दे मुझे मौत की आगोश मे हमदम

क्योँ बनके मेरी राह मे दीवार खडा है

.

मरकर ही सही  आज ये एजाज मिला तो 

करने को मेरा आज वो दीदार खडा है

.

गर मुझको मिटाने का वो रखते हें इरादा

हसरत भी फना होने को तय्यार खडा…

Continue

Added by SHARIF AHMED QADRI "HASRAT" on March 12, 2012 at 11:30pm — 18 Comments

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