For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s Blog – February 2022 Archive (3)

सामाजिक न्याय दिवस पर दोहे

सामाजिक न्याय दिवस (२० फरवरी) पर

जाति  धर्म  के  फेर  से, मुक्त  नहीं  जब देश

तब सामाजिक न्याय का, मिले कहाँ परिवेश।।

*

कत्ल अपहरण  रेप की, बलशाली को छूट

है सामाजिक न्याय की, यहाँ आज भी लूट।।

*

चन्द यहाँ खुशहाल है, शेष सभी गमगीन

सामाजिक समता नहीं, देश भले स्वाधीन।।

*

धनवानों को न्याय हित, घर आता आयोग

न्याय न्याय चिल्ला मरे, लेकिन निर्धन लोग।।

*

सज्जन को करना क्षमा, एक बार है न्याय

दुर्जन को बस दण्ड ही, केवल शेष…

Continue

Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 19, 2022 at 11:00pm — 10 Comments

रविदास जयन्ती पर दोहे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'



माघ पूर्णिमा  जन्म  ले, कहलाए रविदास

जीवन जीकर आम का, बातें की हैं खास।१।

*

देते जीवन भर रहे, नित्य सीख अनमोल

सबके हितकारक रहे, सच है उनके बोल।२।

*

रहो प्रेम से कह गये, जातिवाद को त्याग

जिसमें जले समाज ये, यह तो ऐसी आग।३।

*

दिया नित्य रविदास ने, केवल इतना ज्ञान

छोड़ो पद या जाति को, करो गुणों का मान४।।

*

निर्मल मन भागीरथी, करता कह निष्पाप

जनसाधारण जन्म ले, आप हो गये आप।५।

*

रहे न लालच द्वेष जब, मिटे बैर का भाव

ऐसे…

Continue

Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 16, 2022 at 3:13am — 6 Comments

वसंत के दोहे

शुक्ल पंचमी माघ  की,  लायी  यह संदेश

सजधज साथ बसंत के, बदलेगा परिवेश।।

*

कुहरे  की  चादर  हटा, लगी  निखरने  धूप

दुल्हन जैसा खिल रहा, अब धरती का रूप।।

*

डाल नये परिधान अब, दिखे नयी हर डाल

हर्षित इस से सज  रही, भँवरों  की चौपाल।।

*

तरुण हुईं हैं डालियाँ, कोंपल हुई किशोर

उपवन में उल्लास  है, अब  तो चारो ओर।।

*

गुनगुन भँवरों  ने  कहे, स्नेह  भरे जब बोल

मार ठहाका हँस पड़ी, कलियाँ घूँघट खोल।।

*

नहीं  उदासी  से …

Continue

Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 5, 2022 at 9:00am — 8 Comments

Monthly Archives

2025

2024

2023

2022

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Sunday
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Nov 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Oct 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Oct 31
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Oct 31
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Oct 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service