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TEJ VEER SINGH's Blog – February 2017 Archive (3)

श्रद्धा - लघुकथा –

श्रद्धा - लघुकथा –

शिव रात्रि के मौके पर गाँव में शिव जी की रथ यात्रा निकाली जा रही थी। गाँव के हर घर के आगे रथ यात्रा रुक जाती थी  । रथ यात्रा के साथ जो स्वंय सेवक लोग जुलूस के रूप में चल रहे होते थे वह घर के लोगों को आग्रह करते थे कि  भोले नाथ जी के दर्शन का लाभ लें। घर के सभी लोग, स्त्रियाँ और बच्चे  दर्शन करते और दान पात्र में कुछ दान पुन्य भी करते। बदले में उन्हें कुछ प्रसाद भी मिलता |

रथ यात्रा का जुलूस अभी गाँव के बीच हरिजन टोला में ही था कि दो दस बारह वर्ष के लड़के एक…

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Added by TEJ VEER SINGH on February 26, 2017 at 10:18am — 14 Comments

खुशियों की चाबी - लघुकथा –

खुशियों की चाबी - लघुकथा –

कालूराम फ़ुट्पाथ पर जूते मरम्मत करता था। उसके पास में ही रहमान तालों की चाबियाँ बनाता था।

"कालू भैया, कई दिन से देख रहा हूं कि आप कुछ दुखी हो। आजकल घर से खाना भी नहीं लाते। खाली चाय और डबल रोटी से काम चलाते हो"।

"हाँ रहमान भाई, तुमने सही कहा। मेरा घर बिखर रहा है।जब से बेटे की शादी हुई है, घर का माहौल बिगड़ गया है"।

"ऐसी क्या वज़ह हुई है"।

"बेटे की बहू अलग होना चाहती है"।

"तो हो जाने दो अलग"।

"वह चाहती है कि हम लोग इस घर…

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Added by TEJ VEER SINGH on February 24, 2017 at 10:30am — 6 Comments

सीढ़ियाँ – लघुकथा -

   सीढ़ियाँ – लघुकथा -

 "सर, यह क्या सुन रही हूँ।आप तो डाइरेक्टर बनने वाले थे।मगर आप को जी एम से डिमोट कर के मैनेजर बना दिया"।

"यह सब तुम्हारी वज़ह से हुआ है लीला", वर्मा जी अपनी सैक्रेटरी पर झल्ला पड़े।

"सर, मैंने क्या किया। मैं तो सदैव वही करती रही  हूं, जो आप कहते रहे हो"।

"पर इस बार नहीं किया ना,मैंने तुम्हें शनिवार को सी एम डी के बंगले पर जाने को कहा था"।

"सर, मैंने सुना था कि नया सी एम डी बहुत खड़ूस है।मैं डर गयी थी।पर आपने मेरी जगह दूसरी लड़की भेज दी थी…

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Added by TEJ VEER SINGH on February 4, 2017 at 1:44pm — 15 Comments

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