For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Shamshad Elahee Ansari "Shams"
  • Male
Share on Facebook MySpace

Shamshad Elahee Ansari "Shams"'s Friends

  • shekhar jha`
  • Dr Nutan
  • Manoj Kumar Jha
 

Shamshad Elahee Ansari "Shams"'s Page

Profile Information

City State
Toronto,ON
Native Place
Mawana,Distt Meerut UP India
Profession
Self Employed
About me
a searcher and student

Shamshad Elahee Ansari "Shams"'s Photos

  • Add Photos
  • View All

Shamshad Elahee Ansari "Shams"'s Blog

बहरीन में विदेशी फ़ौजी दख़ल: सऊदी/वहाबी साम्राज्यवादी महत्वकाक्षाऐं

 
फ़ेसबुक पर मेरी ६ मार्च की पोस्ट से उद्धरत:-

"राजा अब्दुल्लाह इसे आवामी जन विद्रोह को शिया विद्रोह- इरानी षडयन्त्र के नाम पर

क्रूरतापूर्वक दमन कर दे."




आज जब इस वक्त मैं यह लिख रहा हूँ, बुधवार की रात

को पर्ल चौक बहरीन पर सऊदी सैनिकों की उपस्थिती में एक नीम फ़ौजी कार्यवाही करके

वहां गत दो माह से चल रहे…
Continue

Posted on March 17, 2011 at 6:49pm

जब बेटी घर से विदा हो जायेगी..

जब बेटी घर से विदा हो जायेगी..

   - शमशाद इलाही अंसारी "शम्स"

 

ये घर दरो दीवार सब तरसेंगे

जब बर्तन खन खन…

Continue

Posted on February 17, 2011 at 5:00am — 18 Comments

पर्दाफ़ाश

 

तुमने मेरे मस्तिष्क को

बींदने की

बेपनाह कोशिश की है

उसे नियन्त्रित करने की

मशक्कत की है कि, जैसा तुम चाहो

मैं वैसा सोचूँ..

तुमने मुझे एक से बढ़ कर एक

रंगीन जाल दिखाया

बनाये अनोखे तिलिस्म और चाहा

कि जैसा तुम दिखाना चाहते हो

मैं बस वो ही देखूँ..

तुमने मेरी उंगलियों को

छेद छेद कर, पिरोने…

Continue

Posted on February 4, 2011 at 4:30am — 9 Comments

एक थैली बूंदी...

एक थैली बूंदी... 

              - शमशाद इलाही अंसारी "शम्स"

 

पता नहीं मुझे आज

एक थैली बूंदी की याद

इतनी क्यों आ रही है..?

आज के दिन..

जब स्कूल में

बंटा करती थी..

तमाम उबाऊ क्रिया कलापों 

और न्यूनतम स्तर के

पाखण्डों के बाद

बस प्रतीक्षा रहती थी

कब मिलेंगी

वो, गर्म गर्म बूंदियों की

रस भरी थैलियां

जो, न जाने कब और कैसे

जुड़ गयी थी

गणतंत्र दिवस…

Continue

Posted on January 26, 2011 at 7:09pm — 9 Comments

Comment Wall (8 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 6:52pm on January 16, 2011, Abhay Kant Jha Deepraaj said…
Dear Friend, please accept a lot of my well wishes on the occation of your's birthday. Abhay.....
At 2:01pm on January 16, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 9:39am on September 5, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
भाई साहब,नमस्कार,
आपकी रचना महीने का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग (Best Blog of the Month) चुने जाने पर मुबारकवाद कबूल करे, उम्मीद है कि आगे भी आप कि रचनायें और अन्य रचनाओं पर आपकी बहुमूल्य टिप्पणी पढ़ने को मिलती रहेगी,
आपका
गनेश जी "बागी"
At 9:28am on September 5, 2010, Admin said…
आदरणीय "शम्स" साहब,
प्रणाम,
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आप की रचना "तुम कब जानोगे? भारत-पाक विभाजन की ६३वीं बरसी पर" महीने का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग (Best Blog of the Month) के रूप मे सम्मानित किया गया है तथा ओपन बुक्स ऑनलाइन के मुख्य पृष्ठ पर आपके छाया चित्र के साथ स्थान दिया गया है,
इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे,धन्यवाद,
आपका
एडमिन
OBO
At 11:38pm on August 17, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 5:21pm on August 15, 2010,
सदस्य टीम प्रबंधन
Rana Pratap Singh
said…

At 8:24am on August 15, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

At 11:21pm on August 14, 2010, Admin said…

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"तू जो मनमौजी अगर, मैं भी मन का मोरआ रे सूरज देख लें, किसमें कितना जोर // वाह.. मूरख मनुआ क्या तुझे…"
27 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"धन्यवाद प्रतिभा जी"
36 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"धरती की बहुएं हवा, सागर इसका सेठ।सूरज ने बतला दिया, क्या होता है जेठ।।// जेठ को गजब रोचक ढंग से…"
40 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"जी, उचित है। बहुत बढिया "
43 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"दोहे सिरजे आपने, करते जल गुणगान। चित्र हुआ है सार्थक, इनमें कई निदान।। सारे दोहे आपके, निश्चित…"
57 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"धूप छांव में यूं भला, बहुत अधिक है फर्क। शिज़्जू भाई कर रहे, गर्मी में भी तर्क।। तृष्णा की गंभीरता,…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बहुत सुगढ़ दोहावली हुई है प्रदत्त चित्र पर। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"मेघ, उमस, जल, दोपहर, सूरज, छाया, धूप। रक्ताले जी आपने, दोहे रचे अनूप।।  नए अर्थ में दोपहर,…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"काल करे बेहाल सा, व्याकुल नीर समीर।मोम रोम सबसे लिखी, इस गर्मी की पीर।। वन को काट उचाट मन, पांव…"
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"श्रम अपना भगवान है, जीवटता है ईश प्यास बुझाएँगे सदा, उठा गर्व से शीश// चित्र के आलोक में एक श्रमिक…"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी।सार्थक सुंदर दोहावली की हार्दिक बधाई। छिपन छिपाई खेलता,सूूरज मेघों संग। गर्मी…"
2 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आभार लक्ष्मण भाई"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service