For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Manoj Nautiyal
  • Male
  • Chandigarh
  • India
Share on Facebook MySpace

Manoj Nautiyal's Friends

  • Aarti Sharma
  • shubhra sharma
  • deepti sharma
  • Dr.Prachi Singh
  • Sonam Saini
  • MAHIMA SHREE
 

Manoj Nautiyal's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Chandigarh
Native Place
Dehradun
Profession
Astrologer
About me
I am a cool person

Manoj Nautiyal's Photos

  • Add Photos
  • View All

Manoj Nautiyal's Blog

सत्य सनातन व्याकुल होकर देख रहा अपने उपवन को

सुप्रभात मित्रों , आप सभी के अवलोकन हेतु सत्य सनातन पर लिखी अपनी कुछ पंक्तियाँ | सादर



सत्य सनातन व्याकुल होकर देख रहा अपने उपवन को

खर -पतवार सरीखे मजहब खा जायेंगे सुन्दर वन को ||

मैंने ही सारी वशुधा को एक कुटुंब पुकारा था

मेरी ही साँसों से निकला शांति पाठ का नारा था ||

दया धर्म मानवता जैसी सरल रीत मैंने सिखलाई

परहित धर्म आचरण शिक्षा मैंने ही सबको बतलाई ||

क्या हालत कर दी हे मानव भूल गया क्यूँ अंतर्मन को

खर -पतवार सरीखे मजहब खा जायेंगे सुन्दर…

Continue

Posted on March 15, 2013 at 9:15am — 3 Comments

ब्रिज होली गीत

मित्रों , आज आप सभी के अवलोकन हेतु ..... ब्रिज मंडल की होली की एक छोटी सी झलकी | आशा है आपको यह होली गीत पसंद आएगा |



कान्हा ने होरी खेलन को टोली मस्त बनायी है 

ग्वाल ,बाल सब रंग डारे गोपी डरकर घबराई है 

ब्रज मंडल में बरसाने से राधा जी की सखियों ने 

रंग लायी भर भर पिचकारी धूम मचाने आई है ||



पकड़ो -पकड़ो - इसको श्याम बड़ा नटखट ये 

चुपके - छुपके बैठा गोपी संग घूंघट में 

घेर…

Continue

Posted on March 5, 2013 at 3:51pm — 4 Comments

वो बात पूछती है अक्सर सहेलियों में

वो बात पूछती है अक्सर सहेलियों में 

क्या प्यार की लकीरें सच हैं हथेलियों में ||



आया जवाब ऐसा इजहार -ए- मुहोब्बत 

ना में जवाब ढूंढो हाँ का पहेलियों में ||



उसकी हसीन सूरत , कैसे बयाँ करूँ मै

हसीन चाँद लाखों जैसे जलें दियों में ||



गुस्ताख ये नजर भी हर सू उसे निहारे 

फूलों की शोखियों में रंगीन तितलियों में ||



नाराजगी तुम्हारी मासूमियत भरी हैं 

जैसे छुपी मुहोब्बत हो माँ की गालियों में…

Continue

Posted on March 5, 2013 at 12:22am — 3 Comments

Comment Wall (2 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 11:10pm on March 12, 2013, Admin said…

आदरणीय मनोज नौटियाल जी, आपकी टिप्पणी से बात स्पष्ट हुई, आप साहित्यकर्म पर ध्यान दें, प्रबंधन को कोई शिकायत नहीं है |

सादर |

At 3:06pm on March 12, 2013, Admin said…

//"What arमाननीय , प्रबंधन मंडल | मैंने मंच पर दो रचनाएं ब्लॉग में पोस्ट की किन्तु दोनों का अनुमोदन नहीं हुआ ..... मेरा सविनय निवेदन है की उपरो"//

आदरणीय मनोज नौटियाल जी, आप साहित्य कर्मी हैं, उक्त स्टेटस मैसेज क्या प्रबंधन से बात करने हेतु सही तरीका है ? आप को यदि किसी प्रकार की शिकायत है तो आप प्रबंधन को मेल कर सकते हैं, एडमिन पेज पर टिप्पणी कर सकते हैं, "सुझाव एवं शिकायत समूह" में शिकायत दर्ज कर सकते है, जो उचित तरीका होता किन्तु भाषा संयमित हो |

रचनाएँ दो तरीके से अस्वीकार होती हैं, या तो कम गुणवता की हो अथवा वो पूर्वप्रकाशित हो, आप दिनांक ११.०३.१३ को भेजे गए मेल का अवलोकन करें जो आपको ओ बी ओ इन बॉक्स में दिया गया है, आपकी एक रचना पूर्व प्रकाशित होने के कारण अस्वीकार हुई थी |

सामान्यत: अस्वीकृत रचनाओं के सम्बन्ध में पूछताछ का प्रतिउत्तर नहीं किया जाता |

सादर |

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
9 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service