For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरी बेटियाँ (भोपाल) २०१२

Views: 349

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 8, 2012 at 1:13pm

स्वागत है मित्र !

Comment by राज़ नवादवी on October 8, 2012 at 12:51pm

क्या बात है भाई अम्बरीशजी, बहुत ही सुन्दर लिखा आपने, यद्यपि मुझे सवैयों का उतना ज्ञान नहीं है, तथापि शब्द विन्यास बड़ा ही सुन्दर बन पड़ा है. हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ कि आपने मेरी पुत्री-द्वय के लिए ये सुन्दर सवैया लिखा! सादर!

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 8, 2012 at 11:04am

पुनः धन्यवाद मित्र ....दोनों बेटियों के नाम एक प्रतिक्रिया स्वरूप सुन्दरी सवैया .......

निज नैनन से अनमोल लगे हँसि दामिनि दंत दिखावति बेटी |
लखि मंजुल बाल कमाल धमाल सुहावनि सीख सिखावति बेटी |
उर से उपजे अभिराम हँसी हँसि प्रीति प्रतीति लुटावति बेटी |
सखि संग उमंग तरंग लिये हिय नेह के भाव जगावति बेटी |

Comment by राज़ नवादवी on October 8, 2012 at 9:50am

भाई अम्बरीश जी, आपके इस्तेकबाल का बहुत बहुत शुक्रिया! 

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 6, 2012 at 10:32am

स्वागत है भाई राज जी

Comment by राज़ नवादवी on October 6, 2012 at 9:34am

आदरणीय अम्बरीश भाई साहेब, आपके स्नेह और आशीष को पाके हम धन्य हुए, मैंने इन्हें अपनी बेटियों तक पहुंचा दिया है. साभार एवं सादर!

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 6, 2012 at 9:28am

प्यारी बेटियों के प्रति स्नेहाशीष !

Comment by राज़ नवादवी on October 6, 2012 at 9:09am

आदरणीया राजेश जी, आपका आशीर्वाद पाके मैं और मेरा परिवार धन्य हुआ. सादर! 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 6, 2012 at 9:02am

राज़ नवद्वी जी प्यारी बेटियों को मेरा आशीर्वाद 

Comment by राज़ नवादवी on October 6, 2012 at 8:54am

आदरणीय वीनस जी, मेरी प्रोफाइल पिक में क्यूँ हंगामा सा बरपा है. दरअसल आज भी मैं ऐसा ही दीखता हूँ. ये तस्वीर २०११ में गांधीनगर, गुजरात में ली गई थी. पिछले तीन वर्षों में काफी संयम से खान पान रहा और वर्जिश भी नियमित रूप से की,  २००९ में मैंने अपना वज़न २० किलोग्राम कम कर लिया था, बस इक शर्त और ज़िद पे, ये बात मेरे मित्र भाई सौरभ पाण्डेय भी नहीं जानते हैं. मैं अपनी  कुछ अन्य ताज़ा तस्वीरें भी पोस्ट करूँगा तो शायद बात कुछ साफ़ हो.

सादर! 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service