For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अयोध्या में जानकी घाट मंदिर के श्री वेदान्तीजी महाराज द्वारा सद्गुरु भवन,जयपुर में हनुमत कथा में दिए प्रवर्चन के अनुसार बजरंग बलि हनुमानजी महाराज, जो अजर अमर ब्रह्मचारी है, को जरा सा भी किसी ने दिया,उसे उन्होंने ढेर सारा लौटाया है | बजरंग बलि हनुमानजी की सलाह विभीषण ने मानी,तो लंका का ताज मिला |"तुमरो मन्त्र विभीषण माना,लंकेश्वर भये सब जग जाना" लंका में सभी घरो से रुई,कपड़ा, घी-तेल लानेवालो के घर में प्रसाद स्वरुप अपनी जलती पूंछ से प्रसाद स्वरुप अवशेष गिराया, जिससे घर जल गए | विभीषणजी के घर से पूंछ में आग लगाने रुई,घी,तेल कुछ नहीं आया तो हनुमानजी जलती पूंछ से उनके घर नहीं गए |  दरअसल लंका, लंका वासियों की करतूतसे जली, न की हनुमान जी द्वारा |  जब प्रभु राम साकेत गमन करते समय अपने भक्तो से पूँछ रहे थे,उनके साथ कौन कौन चलना चाहता है, तो हनुमानजी ने उलट पूंछा, क्या वहां भी रामकथा सुनाने को मिलेगी | इस पर प्रभु राम ने कहाँ नहीं, वहां रामकथा सुनने को नहीं मिलेगी, तो हनुमानजी ने प्रभु राम के साथ साकेत जाने के बजाय प्रथ्वी पर ही रहना स्वीकार किया ताकि जहाँ भी रामकथा हो, वहां उपस्थित रह रामकथा सुन सके| "प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया"| जहाँ प्रभु श्रीराम अवतरित होते है, वहां श्री हनुमानजी अनिवार्य रूप से उनकी सेवा में रहते है | द्वापर युग में श्रीकृष्ण जब अर्जुन के सारथि बने तो रथ की ध्वजा पर बजरंगबलि हनुमान जी विराजमान थे | कलियुग में भी तुलसीदास बाबा को श्री राम के दर्शन-हनुमानजी की कृपा से ही हुए थे | पेड़ पर बैठे"तुलसीदास चन्दन घिसे,तिलक लेट रघुबीर" दोहा बोल आभास कराया | अतः सहज रूप उपलब्ध श्री हनुमान की ह्रदयसे भक्त करने पर हनुमान जी अवश्य ही कृपा करते है, इसमें संदेह नहीं है | 

-लक्ष्मण लडीवाला,जयपुर"कृष्ण साकेत"१६५-गंगोत्री नगर,टोंक रोड, जयपुर-१८ 

Views: 274

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
5 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
19 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service