For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भोजपुरी साहित्य Discussions (246)

← Back to भोजपुरी साहित्य
Discussions Replies Latest Activity

मुख्य प्रबंधक

भोजपुरी भाषा के संवैधानिक मान्यता देवे के राह के तकनिकी बाधा दूर भईल : आर के सिंह

नई दिल्ली 12 दिसम्बर 2012, केन्द्रीय गृह मंत्रालय के आमंत्रण पर बिहार भोजपुरी अकादमी के अध्यक्ष प्रो रविकांत दुबे जी भोजपुरी भाषा के भारतीय…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

3 Dec 15, 2012
Reply by mrs manjari pandey

लघुकथा : बियाह कटवा

शुक्ला जी गाँव के चौउराहा प पहुँच के, एने-ओने ताके लगले ! जईसे कुछ खोजत होखस ! फेर जाके बरगद के पेड़ तर बईठल एगो आदमी से पूछने, “ई हुशियार प…

Started by पीयूष द्विवेदी भारत

8 Dec 8, 2012
Reply by पीयूष द्विवेदी भारत

हास्य कविता : नवहा मलिकाईन

दिन  भर महभारत  बांचेली ! हमरी  कपार   पर  नांचेली ! अपनी मांगन पर अड़ जाली ! जे मना करी हम लड़ जाली ! कहें हमसे कि जीन्स ले आव, हम नाही पहिन…

Started by पीयूष द्विवेदी भारत

6 Nov 10, 2012
Reply by पीयूष द्विवेदी भारत

सदस्य टीम प्रबंधन

दिवाली : पाँच दोहे (भोजपुरी).. . // सौरभ

नकबेसर के टोह में, अँगुरी मींजे रात । उहे दिवाली आजु ले, सिहरन पारे बात ॥ जम-दीया आ सूप से, भइल दलिद्दर दूर । पुलक गइल घर-देहरी, जगर-मगर…

Started by Saurabh Pandey

4 Nov 7, 2012
Reply by Saurabh Pandey

हँस मत पगली ना त प्यार हो जाई

नैना लडी त दिल के बुखार हो जाई हँस मत पगली ना त प्यार हो जाई भुखीयाँ प्यास तोहरा नाही लागी सुतलो मे ई तोहार अखीयाँ जागी हर चेहरा मे उनके द…

Started by Bishwajit yadav

7 Oct 20, 2012
Reply by Bishwajit yadav

मुख्य प्रबंधक

एगो प्रयास : भोजपुरी "कह मुकरी"

एगो प्रयास : भोजपुरी "कह मुकरी" (१) चोरी छुपे मोहे ताकत बाड़न, टुकुर-टुकुर निहारत बाड़न, कहेलन रानी खालs पिज्जा, ऐ सखी दुलहा, ना रे जीजा !…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

19 Oct 12, 2012
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

मुख्य प्रबंधक

एगो प्रयोग :- भोजपुरी हाइकू

पांच गो भोजपुरी हाइकू (१) यू पी चुनाव शुरू बा कांव कांव जागल गाँव (२) हाथी तोपाई करकस बोलाई हाथों जोड़ाई (३) नेता के फ़ौज लफंगन के मौज…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

20 Oct 12, 2012
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

मुख्य प्रबंधक

जलहरण घनाक्षरी : आम आदमी (भोजपुरी )

जलहरण घनाक्षरी : आम आदमी (भोजपुरी ) चकरी में जोरू संग, दराला आम आदमी, रोज-रोज चउक प, बिकेला आम आदमी |खाली बस चुनाव में, आवेला उ धियान में,ज…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

14 Oct 12, 2012
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

भाई भोजपुरिया हो भाई भोजपुरिया ,

  भाई भोजपुरिया हो भाई भोजपुरिया ,कर ना तुही कुछ जोगार ना त देसवा बिरान हो जाई ,अठारह स संतावन या उनीस स बेआलिस हो ,पड़ल बा तहरे दरकार ना त…

Started by Rash Bihari Ravi

1 Oct 12, 2012
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

चला ना नेतवा से पुछाई ,

तन मन धन के , दे द तू वतन के , चला ना नेतवा से पुछाई , कल तक भूखे मरत रहलिस , तोरा बाप इहा का आइल , वापस कर इ दौलत वतन के , ना त मुह पे काल…

Started by Rash Bihari Ravi

1 Oct 12, 2012
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । हो सकता आपको लगता है मगर मैं अपने भाव…"
13 hours ago
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"अच्छे कहे जा सकते हैं, दोहे.किन्तु, पहला दोहा, अर्थ- भाव के साथ ही अन्याय कर रहा है।"
15 hours ago
Aazi Tamaam posted a blog post

तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या

२१२२ २१२२ २१२२ २१२इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्यावैसे भी इस गुफ़्तगू से ज़ख़्म भर…See More
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"परम् आदरणीय सौरभ पांडे जी सदर प्रणाम! आपका मार्गदर्शन मेरे लिए संजीवनी समान है। हार्दिक आभार।"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

दोहा सप्तक. . . . विविधमुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"ऐसी कविताओं के लिए लघु कविता की संज्ञा पहली बार सुन रहा हूँ। अलबत्ता विभिन्न नामों से ऐसी कविताएँ…"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

छन्न पकैया (सार छंद)

छन्न पकैया (सार छंद)-----------------------------छन्न पकैया - छन्न पकैया, तीन रंग का झंडा।लहराता अब…See More
yesterday
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"आदरणीय सुधार कर दिया गया है "
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। बहुत भावपूर्ण कविता हुई है। हार्दिक बधाई।"
Monday
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
Monday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

गहरी दरारें (लघु कविता)

गहरी दरारें (लघु कविता)********************जैसे किसी तालाब कासारा जल सूखकरतलहटी में फट गई हों गहरी…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

212/212/212/212 **** केश जब तब घटा के खुले रात भर ठोस पत्थर  हुए   बुलबुले  रात भर।। * देख…See More
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service