For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बतकही ( गपसप ) अंक ७
हम एक हप्ता खातिर नासिक का गइनी कि लछुमन भाई के चाय दोकान पर के बईठका एक दमे ख़तम, आदत के मोताबिक हम सुबेरे पहुच गइनी, लछुमन भाई के अकेले देख हम पूछनी का बात बा, त उ बतवलन कि दू तिन दिन से एगो लईका आवत रहल ह, जवन हमेश कवनो ओबिओ के बात करत रहल ह, संगे संगे उ इहो कहत रहल ह की इ एगो हिंदी साईट बा जहवा तरह तरह के प्रतियोगिता होला, कल्हे के बात ह हमके उ ले के गइल अपना कमपिउटर पर, वोमे देखनी हाले में एगो कवनो प्रतियोगिता भइल बा जवना में ताज महल के  बगल में जमुना के देखावल बा जवन खुबे गन्दा बाड़ी , और ओकरा पे लोग कुछ न कुछ लिखत बा लोग, एगो आउर बात देखनी उहा १६०० सौ से जादा लोग कमेन्ट कईले बा , का गुरु जी इहो हो सकेला का की चार पाच दिन में एगो प्रतियोगिता में हेतना कमेन्ट? तब हम कहनी ह भाई इ भइल बा ओबिओ पर, तब उ कहले त का रउओ ओकरा के जानी ले , हम कहनी, ओ के हम जनबे ना करीले ओकरा स्थापना से हम ओकरा संगे बानी, तब उ कहले, गुरु जी हम जमुना और ताज के चर्चा देखनी हमरा मन में एगो बिचार आवत बा की रउआ लोग यु पी में हो रहल महिला अत्याचार बलात्कार पर चर्चा करती लोग त इ बात लोग के नजर में आइत आउर हमरा राज में कुछ सुधार हो जाईत तब हम कहनी भाई हम उहा ई बिषय के रखब, बाकिर बोल नईखी सकत की ऐपर चर्चा होखबे करी, अच्छा भाई हम चलत बानी,

Views: 1017

Replies to This Discussion

भाई जी बहुते धारदार बतियौले बानी रउआ. राउर मन के धारा कवनी तर्ज़ पर दुलकी भइल बीया कहे के नइखे.

 

हर चर्चा के एगो निर्धारित विस्तार होला. ओह विस्तार आ प्रसार के ज़द में कुल्हि विचार के लीहल-दीहल होखो त ओह के ओह विषय के पर बहस भइल कहाला. चित्र से काव्य तक के संदर्भ पर सउँसे बतकही आ चर्चा ओह चित्र पर रहे.

 

बाकिर, राउर ई बात जरूरे विचारणीय बा कि सम-सामयिक घटना पर चर्चा-परिचर्चा चलत रहे के चाहीं.  Current topics पर जवन समाज बात करे से बाँचे लागे त ऊ समाज क्लीव होखे लागेला. बाकिर चित्र से काव्य तक के अबहीं तक के कुल्हि चित्र हमनी के जिनिगी आ समाज से जूड़ल आ ओह के परेसानी आ चिंता पर बसल रहल बा. एह खातिर संचालक मण्डल के मुसाहिब लोग बधाई के पात्र बाड़न.

dhanyabad bhaiya
चर्चा अगर तत्कालीन हालत पर चलेला त ओकर और बढ़िया परिणाम मिलेला| आप एगो निक विषय की ओर धियान दियवले बाडिन|
dhanyabad ashish bhai
bahut badhia guru ji badhiaa batkahi suru kaile bani

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
11 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
yesterday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  रीति शीत की जारी भैया, पड़ रही गज़ब ठंड । पहलवान भी मज़बूरी में, पेल …"
yesterday
आशीष यादव added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला पिरितिया बढ़ा के घटावल ना जाला नजरिया मिलावल भइल आज माहुर खटाई भइल आज…See More
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
Nov 17
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 16

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service