For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आम असो आइल बा 

खूब बउराइल बा 

काँच बने चटनी त 

सतुआ घोराइल बा 

मावस ना बारी मा 

बिजुरी बराइल बा 

हाथ, हाथी, सायकिल 

सभे अगराइल बा 

जाति, धरम आ जवार 

गणित बिसराइल बा 

भाँज कवन भँजी ' आम ' 

अकिल अझुराइल बा 

- - प्रमोद श्रीवास्तव - - 

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 1033

Replies to This Discussion

सुंदर रचना के लिए बहुत बधाई सादर

आभार  आपका आदरणीय वर्मा जी।

मात्रिक ग़ज़ल कहे के कोरसिस बुझाता, आदरणीय प्रमोद जी, जेकरा अनुसार हर मिसरा में छौ गो गाफ़ के चाल बा. बाकिर रउआ एह मंच के परिपाटी के अनुसार अपना प्रस्तुति का सङे बहर के वजन जरूर दिहल करीं.

शुभकामना

 

आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी,  बहर आ बहर के बजन का होला अउर किसे दिहल जाला सीखल चाहीला, सादर। 

भाईजी, रउआ गाङाजी के घाट प ई जोहत लउक रहल बानीं जे पानी कहवाँ मीली !..

एह मंच प गजल के लगले आ ओकर अरूज़ सिखावे के एक-से एक लेख बाड़न सऽ.  पढ़त जाईं आ सीखत जाईं. आ दोसर गजलकारन के हिन्दी गजलओ के देखत-पढ़त ढेर बूझे आ बुझाए के कारन बनीं.  एही पाना के इस्क्रौलडाउन करत जाईं, आखिरी में गजल केकुछ हाइपरलिंक मिलिहें सऽ. ओह लिंकवन के खोलि के देखीं जे का लेखवा का कहत बाड़न सऽ

सादर

रउरे देखवल राहि पर चलि के गाङा जी के पानी पी के जेतना बुझाइल ह ओकरे सङे पहिलका  "अकिल अझुराइल बा" मे फेलुन  फेलुन  फेलुन फे पर कढ़ले बानी । तनी देखिती - 

 आम असो गभुआइल बा                    गभुआइल - नव सृजन प्रक्रिया मे 

खूब बउर भरुआइल बा                       भरुआइल -टसर के कपड़े की तरह ( रेशमी आभा मे ) 

काँच बने चटनी चटका 

सतुअन थार सनाइल बा 

मावस ना बगिया बिजुरी 

सूरज उरज बराइल बा                                  उरज - ऊर्जा 

हाथ अ हाथिन सैकिलहा

देखि सभे अगराइल बा 

जाति, जवार, धरम गेंड़ल                                    गेंड़ल -घेरा बनाया हुआ 

गाथ गुनल बिसराइल बा 

" आम " कहाँ भजिहें भाँजी 

अस अकिला अझुराइल बा                                 अकिला -अकील बहादुर 

-- - प्रमोद श्रीवास्तव 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
14 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
23 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
yesterday
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय Dayaram Methani जी, लघुकथा का बहुत बढ़िया प्रयास हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"क्या बात है! ये लघुकथा तो सीधी सादी लगती है, लेकिन अंदर का 'चटाक' इतना जोरदार है कि कान…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service