For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

इ कहानी हा एगो अइसन नोवजवान के जवान नाम कमाए खातिर हमेशा पागलपन करत रहेला , हमरा पंचायत में 7 गो गाँव बा जवना में 52 गो टोला पंचायत के मुखिया आजादी के बाद से एगो सवतंत्रता सेनानी सिंह जी रहलन ओकरा बाद उनकर बेटा जितले ये बिच एगो नोवजवान बरका ठाकुर गाँव के राजनीत में अइलान और उनकर दाल ना गलल ता उ पूरा पंचायत में भेद भाव के बिज बो देले अब सातो गाँव 3 भाग में हो गइल दछिन के 3 गाँव बिच के 1 गो उनकर गाँव उत्तर के तिन गाँव उत्तर के तीनो गाँव के मिला के दछिन के गाँव के खिलाफ उ बहुत कुछ बोलले अबकी उ चुनाव जित गईले ओकरा बाद दछिन गाँव से माफ़ी मांग के ओ लोग के भी प्यारा हो गईले ऐसे कर के 30 साल बीत गइल कभी उ ता कभी बिपक्छी सिंह जी के परिवार जीते लागल ,

बरका ठाकुर बुड्डा हो गइलन अब आपन बागडोर उ आपन बेटा माधो ठाकुर के देबे के चाहलन ता एकर बिरोध कईलन उनकर भतीजा राजा ठाकुर दुनु जाना में मेल मिलाप के बहुत कोशिश कईलन बरका ठाकुर बाकिर काम ना बनल और राजा ठाकुर आपन अलग पार्टी बना लेहलन चुनाव आइल और बरका ठाकुर के पार्टी हार गइल राजा ठाकुर ता मुह्कुरिये गीरलन कहे की उ एको गो वार्ड ना जितलेन .

राजा ठाकुर के दिमाग में बरका ठाकुर लेखान एगो कुराफत आइल और उ एगो बरका आदमी के बिरोध कईलन जे पूरा समाज के मानिये रहे एपर उनकर काम ना बनल उनकर खिलाफ बरका ठाकुर हो गइलन .

बरका ठाकुर से अनबन चले लागल और राजा ठाकुर कुल पागलन जे बरका ठाकुर के बिरोध करत रहे के मिलके इ उत्तर गाँव आलं के खिलाफ आग उगले लागले .

और अक्सर उतार गाँव के लोगन के पकर के मरे पिटे लागल लोग उत्तर गाँव सहन सिलता अब जबाब देबे लागल उत्तर गाँव के लईका उनकर गाँव में फूटबल खेले गईले उनकर गाँव हार गइल फिर का रहे राजा ठाकुर आपन आवारा लइकन के उहा भेज देहले और जम के उत्तर गाँव के लइकन के पिटलास लोग और सील्ड छीन लेहल लोग एही मारपीट में हवा सिंह नाम के लईका के मौत हो गइल एकरा बाद उत्तर गाँव वाला बहुत बवाल कईले बाकिर अपने नुकशान कईले .

एही बिच गुरु जी उहा अइनी और उहा के बोलनी की ओ पागल के ठीक करे के एगो रास्ता बा , ता लोग पूछलॉस का , ता उहा के बतावानी की कहे ना हार घर से राजा ठाकुर के खिलाफ एगो केश काइल जाव एके सब कोई मान गइल और उनकर पर हजारो केश हो गइल अब राजा ठाकुर परेशान रहे लागले हवा सिंह केश में उनकर फाशी के सजा हो गइल , उ सुप्रीम कोर्ट में अपील कईलन उहा भी सजा बरक़रार रहल उत्तर गाँव वाला खुसी मनावत रहलन , एही बिच उ राष्टपति से जीवन दान के गोहर कईलान बाकिर उहा भी बिरोध के कारन काम बनत ना लौकत रहे . एक दिन उनकर वकील जे उत्तर गाँव के रहेवाला हाउअन उ राजा ठाकुर से कहलन की उत्तर गाँव वालन से माफ़ी माग लेम ता काम बन सकेला और राजा ठाकुर उत्तर गाँव वालन से माफ़ी मंगले उत्तर गाँव वालन के बिरोध काम भइल राष्टपति से सब कोई मिल के गुहार कईलास की इनकार जान बक्श दिही और राष्टपति उनकर सजा के उम्र कैद में तबद्ली कर देहलन , राजा ठाकुर कहलन अब हम पूरा गाँव के लेके चलब केहू के बिरोध ना करब उनकर पागल साथी सुधर गइलन अब राजा ठाकुर जेल में बारन उहा जे कोई उनकर से मिलेला ता इहे कहेलन माफ़ कर दिहा कवनो हमारा से भूल हो गइल होखे ता ..

Views: 887

Replies to This Discussion

बहुत बढ़िया लिखले बानी गुरु जी, फूट डालो और राज करो वाली निति सब दिन न चल सकेला, अब लोग सियाना हो गिल बा, ईट के जबाब पत्थर से देवी भी जान गिल बा, बहुत बढ़िया गुरु जी, बहुत निमं कहानी लिखले बानी,बहुत बहुत धन्यबाद,
बहुत बहुत धन्यबाद
main admin jee ki baat se bilkul sahmat hoon............

jai hoooooooooooooooooooooooooooo

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय नीलेश भाई , खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई आपको "
51 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय बाग़पतवी भाई , बेहतरीन ग़ज़ल कही , हर एक शेर के लिए बधाई स्वीकार करें "
53 minutes ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । आपके द्वारा  इंगित…"
3 hours ago
Mayank Kumar Dwivedi commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"सादर प्रणाम आप सभी सम्मानित श्रेष्ठ मनीषियों को 🙏 धन्यवाद sir जी मै कोशिश करुँगा आगे से ध्यान रखूँ…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय सुशील सरना सर, सर्वप्रथम दोहावली के लिए बधाई, जा वन पर केंद्रित अच्छे दोहे हुए हैं। एक-दो…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सुशील सरना जी उत्सावर्धक शब्दों के लिए आपका बहुत शुक्रिया"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय निलेश भाई, ग़ज़ल को समय देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया। आपके फोन का इंतज़ार है।"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"मोहतरम अमीरुद्दीन अमीर 'बागपतवी' साहिब बहुत शुक्रिया। उस शे'र में 'उतरना'…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर,ग़ज़ल पर विस्तृत टिप्पणी एवं सुझावों के लिए हार्दिक आभार। आपकी प्रतिक्रिया हमेशा…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, ग़ज़ल को समय देने एवं उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए आपका हार्दिक आभार"
7 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा

आँखों की बीनाई जैसा वो चेहरा पुरवाई जैसा. . तेरा होना क्यूँ लगता है गर्मी में अमराई जैसा. . तेरे…See More
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service