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पुस्तक समीक्षा Discussions (112)

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हार्दिक बधाई

आदरणीया राजेश कुमारी जी आदाब,                                  आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब के ग़ज़ल संग्रह की समीक्षा पढ़कर बहुत ही अभिभूत ह…

Started by Mohammed Arif

2 Mar 17, 2018
Reply by rajesh kumari

“सीता सोचती थीं ” लेखक डा अशोक शर्मा एक पाठकीय समीक्षा / शुभ्रांशु पाण्डेय

“सीता सोचती थीं ” लेखक डा अशोक शर्मा एक पाठकीय समीक्षा राम-कथा भारतीयों के जीवन का हिस्सा है और अधिकांश लोग इस कथा को तुलसीदास और वाल्मीकि…

Started by Shubhranshu Pandey

0 Jan 20, 2018

आधी जली हुई सिगरेट

पुस्तक : जाति कोई अफ़वाह नहीं (रोहित वेमुला की आॅनलाइन डायरी)  लेखक : रोहित वेमुला अनुवादक : राजेश कुमार झा संपादक : निखिला हेनरी प्रकाशक :…

Started by Mahendra Kumar

2 Dec 17, 2017
Reply by Mahendra Kumar

समीक्षा :"अतल रतन अनमोल" दोहा संग्रह

समीक्षा पुस्तक : अतल रतन अनमोल दोहाकार : जी. पी. पारीक प्रकाशक : बोधि प्रकाशन, जयपुर (राज.) मूल्य : रु. १२०/-     भावों ने पहनी सहज, मृदु श…

Started by Ashok Kumar Raktale

0 Nov 29, 2017

मातृ धर्म से मानव धर्म की राह बताता उपन्यास " श्याम की माँ "

पुस्तक - श्याम की माँ लेखक - साने गुरूजी अनुवादक - संध्या पेडणेकर प्रकाशक - प्रभात प्रकाशन मूल्य - ४०० रुपए संस्करण - २०१७ ----------------…

Started by shashi bansal goyal

0 Nov 5, 2017

पृथ्वी के छोर पर ; लेखक – शरदिन्दु मुखर्जी : एक पाठकीय टिप्पणी -- शुभ्रांशु पाण्डेय

   बहुत दिनों से इस पुस्तक के बारे में लिखना चाह रहा था जोकि संस्मरण विधा की एक अनुपम कृति की तरह सामने आयी है. मै शरदिन्दु मुखर्जी की पुस्…

Started by Shubhranshu Pandey

0 Oct 24, 2017

ज़िन्दगी से जुड़ी व ज़िन्दगी से जोड़ती राजेश कुमारी की लघुकथाएं

पुस्तक-   ‘गुल्लक’ (लघुकथा संग्रह) लेखिका-   राजेश कुमारी प्रकाशक-  अंजुमन प्रकाशन, इलाहाबाद मूल्य-    140-00 रू. ------------------------…

Started by Ravi Prabhakar

28 Oct 10, 2017
Reply by Ravi Prabhakar

सदस्य कार्यकारिणी

ग़ज़ल संग्रह “डाली गुलाब पहने हुए” : मेरे विचार

                      आज राजेश कुमारी ‘राज’ जी का ग़ज़ल संग्रह “डाली गुलाब पहने हुए” प्राप्त हुआ जिसे प्रकाशित किया है अंजुमन प्रकाशन ने l…

Started by मिथिलेश वामनकर

2 Oct 4, 2017
Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़')

समीक्षा : 'मन में भरो उजास'

“मन में भरो उजास” – कुण्डलिया छंद संग्रह छंदकार – सुभाष मित्तल ‘सत्यम्’ प्रकाशक – बोधि प्रकाशन, जयपुर. (राज.) मूल्य – रुपये 150/-   “बदलते…

Started by Ashok Kumar Raktale

1 Sep 20, 2017
Reply by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला

रश्मि शर्मा का कविता संग्रह : ' मन हुआ पलाश'

कृति‍ : मन हुआ पलाश   लेखिका : रश्मि शर्मा   वि‍धा : काव्‍य   मूल्‍य : 320 रुपये   प्रकाशक : अयन प्रकाशन , नई दि‍ल्‍ली   मन के पलाश की तला…

Started by डॉ.लक्ष्मी कान्त शर्मा

0 Sep 4, 2017

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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

अच्छा लगता है गम को तन्हाई मेंमिलना आकर तू हमको तन्हाई में।१।*दीप तले क्यों बैठ गया साथी आकर क्या…See More
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। यह रदीफ कई महीनो से दिमाग…"
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यथार्थवाद और जीवन

यथार्थवाद और जीवनवास्तविक होना स्वाभाविक और प्रशंसनीय है, परंतु जरूरत से अधिक वास्तविकता अक्सर…See More
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"शुक्रिया आदरणीय। कसावट हमेशा आवश्यक नहीं। अनावश्यक अथवा दोहराए गए शब्द या भाव या वाक्य या वाक्यांश…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।"
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pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन।सुंदर और समसामयिक लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। प्रदत्त विषय को एक दिलचस्प आयाम देते हुए इस उम्दा कथानक और रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया…"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदरणीय शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। शीर्षक लिखना भूल गया जिसके लिए…"
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pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"समय _____ "बिना हाथ पाँव धोये अन्दर मत आना। पानी साबुन सब रखा है बाहर और फिर नहा…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक स्वागत मुहतरम जनाब दयाराम मेठानी साहिब। विषयांतर्गत बढ़िया उम्दा और भावपूर्ण प्रेरक रचना।…"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
" जय/पराजय कालेज के वार्षिकोत्सव के अवसर पर अनेक खेलकूद प्रतियोगिताओं एवं साहित्यिक…"
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