For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पुस्तक समीक्षा Discussions (112)

← Back to पुस्तक समीक्षा
Discussions Replies Latest Activity

हार्दिक बधाई

आदरणीया राजेश कुमारी जी आदाब,                                  आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब के ग़ज़ल संग्रह की समीक्षा पढ़कर बहुत ही अभिभूत ह…

Started by Mohammed Arif

2 Mar 17, 2018
Reply by rajesh kumari

“सीता सोचती थीं ” लेखक डा अशोक शर्मा एक पाठकीय समीक्षा / शुभ्रांशु पाण्डेय

“सीता सोचती थीं ” लेखक डा अशोक शर्मा एक पाठकीय समीक्षा राम-कथा भारतीयों के जीवन का हिस्सा है और अधिकांश लोग इस कथा को तुलसीदास और वाल्मीकि…

Started by Shubhranshu Pandey

0 Jan 20, 2018

आधी जली हुई सिगरेट

पुस्तक : जाति कोई अफ़वाह नहीं (रोहित वेमुला की आॅनलाइन डायरी)  लेखक : रोहित वेमुला अनुवादक : राजेश कुमार झा संपादक : निखिला हेनरी प्रकाशक :…

Started by Mahendra Kumar

2 Dec 17, 2017
Reply by Mahendra Kumar

समीक्षा :"अतल रतन अनमोल" दोहा संग्रह

समीक्षा पुस्तक : अतल रतन अनमोल दोहाकार : जी. पी. पारीक प्रकाशक : बोधि प्रकाशन, जयपुर (राज.) मूल्य : रु. १२०/-     भावों ने पहनी सहज, मृदु श…

Started by Ashok Kumar Raktale

0 Nov 29, 2017

मातृ धर्म से मानव धर्म की राह बताता उपन्यास " श्याम की माँ "

पुस्तक - श्याम की माँ लेखक - साने गुरूजी अनुवादक - संध्या पेडणेकर प्रकाशक - प्रभात प्रकाशन मूल्य - ४०० रुपए संस्करण - २०१७ ----------------…

Started by shashi bansal goyal

0 Nov 5, 2017

पृथ्वी के छोर पर ; लेखक – शरदिन्दु मुखर्जी : एक पाठकीय टिप्पणी -- शुभ्रांशु पाण्डेय

   बहुत दिनों से इस पुस्तक के बारे में लिखना चाह रहा था जोकि संस्मरण विधा की एक अनुपम कृति की तरह सामने आयी है. मै शरदिन्दु मुखर्जी की पुस्…

Started by Shubhranshu Pandey

0 Oct 24, 2017

ज़िन्दगी से जुड़ी व ज़िन्दगी से जोड़ती राजेश कुमारी की लघुकथाएं

पुस्तक-   ‘गुल्लक’ (लघुकथा संग्रह) लेखिका-   राजेश कुमारी प्रकाशक-  अंजुमन प्रकाशन, इलाहाबाद मूल्य-    140-00 रू. ------------------------…

Started by Ravi Prabhakar

28 Oct 10, 2017
Reply by Ravi Prabhakar

सदस्य कार्यकारिणी

ग़ज़ल संग्रह “डाली गुलाब पहने हुए” : मेरे विचार

                      आज राजेश कुमारी ‘राज’ जी का ग़ज़ल संग्रह “डाली गुलाब पहने हुए” प्राप्त हुआ जिसे प्रकाशित किया है अंजुमन प्रकाशन ने l…

Started by मिथिलेश वामनकर

2 Oct 4, 2017
Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़')

समीक्षा : 'मन में भरो उजास'

“मन में भरो उजास” – कुण्डलिया छंद संग्रह छंदकार – सुभाष मित्तल ‘सत्यम्’ प्रकाशक – बोधि प्रकाशन, जयपुर. (राज.) मूल्य – रुपये 150/-   “बदलते…

Started by Ashok Kumar Raktale

1 Sep 20, 2017
Reply by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला

रश्मि शर्मा का कविता संग्रह : ' मन हुआ पलाश'

कृति‍ : मन हुआ पलाश   लेखिका : रश्मि शर्मा   वि‍धा : काव्‍य   मूल्‍य : 320 रुपये   प्रकाशक : अयन प्रकाशन , नई दि‍ल्‍ली   मन के पलाश की तला…

Started by डॉ.लक्ष्मी कान्त शर्मा

0 Sep 4, 2017

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" posted a blog post

ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है

1212 1122 1212 22/112मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना हैमगर सँभल के रह-ए-ज़ीस्त से गुज़रना हैमैं…See More
1 hour ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . विविध

दोहा सप्तक. . . . विविधकह दूँ मन की बात या, सुनूँ तुम्हारी बात ।क्या जाने कल वक्त के, कैसे हों…See More
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी posted a blog post

ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)

122 - 122 - 122 - 122 जो उठते धुएँ को ही पहचान लेतेतो क्यूँ हम सरों पे ये ख़लजान लेते*न तिनके जलाते…See More
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
""रोज़ कहता हूँ जिसे मान लूँ मुर्दा कैसे" "
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"जनाब मयंक जी ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, गुणीजनों की बातों का संज्ञान…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय अशोक भाई , प्रवाहमय सुन्दर छंद रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय बागपतवी  भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक  आभार "
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी आदाब, ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाएँ, गुणीजनों की इस्लाह से ग़ज़ल…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
11 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद, इस्लाह और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
11 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी आदाब,  ग़ज़ल पर आपकी आमद बाइस-ए-शरफ़ है और आपकी तारीफें वो ए'ज़ाज़…"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज भाईजी के प्रधान-सम्पादकत्व में अपेक्षानुरूप विवेकशील दृढ़ता के साथ उक्त जुगुप्साकारी…"
13 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service