For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बाल साहित्य Discussions (213)

← Back to बाल साहित्य
Discussions Replies Latest Activity

परोपकार |

जंगल में जा लकड़ी चुनता  , सिर पर रख जाता बाज़ार |  सर्दी गरमी या बारिश हो , लकड़ी बेच चले परिवार | एक दिन गया जब जंगल में , वह देखा गज शिश…

Started by Shyam Narain Verma

0 Jun 13, 2013

चंदामामा दूर के

पूर्णिमा के चाँद को देखते ही आज पिंकी फिर मचल उठी,''मुझे चंदा मामा के पास जाना है ,मुझे वहां ले चलो न ,''और इतना कहते ही उसने जोर जोर से र…

Started by Rekha Joshi

2 Jun 12, 2013
Reply by Rekha Joshi

बन्दर मामा // कुशवाहा//

बन्दर मामा // कुशवाहा// --------------------------------------------- बन्दर मामा पहन पाजामा जा पहुंचा चीन  सौ रुपये में एक मिलता मिले वहां…

Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

4 Jun 12, 2013
Reply by वेदिका

भूगोल //कुशवाहा //

भूगोल //कुशवाहा // -------------------- अम्मा मेरी ये बतलाना  सूरज गोल चंदा मामा गोल  रोटी जब तवे तुम  बनाती  रोटी गोल तवा  भी गोल  रहते जि…

Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

3 Jun 12, 2013
Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

चालाक सियार

चालाक सियार --------------- शेर  जंगल  का  राजा निकला हो कर तैयार भूख लगी भारी उसको मिल जाए कोई शिकार दहाड़ सुन कर शेर की पशु इधर  उधर भागे…

Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

12 Jun 12, 2013
Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

चिड़िया रानी //कुशवाहा //

चिड़िया रानी //कुशवाहा // --------------- आंगन मेरे दाना चुगने  चिडियाँ रोज रोज हैं आतीं   कीड़े मकोड़े छुपे घास में  बीन बीन कर वो खा जाती…

Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

2 Jun 12, 2013
Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

तमाशा - सुधीर मौर्य

गावं के मेले मेले में तमाशा आया है दूध की कटोरी में बताशा आया है। तेरी नानी और मेरी नानी एक है हम दोनों की कहानी एक है चमकती धुप में कुहा…

Started by Sudheer Maurya

3 May 22, 2013
Reply by Dr.Prachi Singh

सुंदरी सवैया - बहादुर मुनिया चुहिया / कुमार गौरव अजीतेन्दु

मुनिया चुहिया सब से मिल के रहती, करती न कभी मनमानी। वन के पशु भी खुश थे उससे, कहते - "हम बालक हैं, तुम नानी"। मुनिया इक रोज उठी सुबहे गुझिय…

Started by कुमार गौरव अजीतेन्दु

6 May 7, 2013
Reply by कुमार गौरव अजीतेन्दु

मत्तगयन्द सवैया - कौन यहाँ सबसे बलवाला / कुमार गौरव अजीतेन्दु

बात चली जब जंगल में - "पशु कौन यहाँ सबसे बलवाला"। सूँड़ उठा गजराज कहे - "सब मूरख, मैं दम से मतवाला"। तो वनराज दहाड़ पड़े - "बकवास नहीं, बस…

Started by कुमार गौरव अजीतेन्दु

8 May 7, 2013
Reply by कुमार गौरव अजीतेन्दु

मेरा सपना //कुशवाहा //

मेरा सपना //कुशवाहा // ------------------------ माँ मेरी बहुत है प्यारी  मुझको नित दुलराती है  कई घर काम वह्  करती  तन काट मुझे पढवाती  है …

Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

6 Apr 30, 2013
Reply by बृजेश नीरज

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Thursday
Admin posted discussions
Jul 8
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service