For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आजादी के पथ पर मिलकर, तब तक चलना है अविराम

कष्टों से व्याकुल जन-जीवन, जब तक ना पाए आराम

*****

अच्छी-गंदी दो बातों के, अंतर का रखूँगा भान

बस अच्छी बातें अपना कर, पाऊँगा गौरव सम्मान

*****

नई-नई तकनीकी शिक्षा, का पाना है पूरा ज्ञान

सबके हित वो उपयोगी हों, करना है मुझको वो काम

*****

जीवन का इक लक्ष्य बना कर, कदम बढ़ाऊँगा उस ओर

अपने कर्मों की शक्ति से, अँधियारों को कर दूँ भोर

*****

सदा बड़ों को दूँगा आदर, छोटों से रखूंगा प्यार

मित्रों से भी प्यार करूँगा, रख सुन्दर अपना व्यवहार

*****

आजादी के मतवालों नें, हँस कर दे दी अपनी जान

आज़ादी की रक्षा के हित, मैं भी कर दूँ सब कुर्बान

*****

निर्मल सुन्दर स्वच्छ सुसंस्कृत, मेरा भारत देश महान

हम सब के सद्गुण से मिलकर, देश बनेगा गुण की खान

*****

सत्य अहिंसा की दिखलाई, बापू नें जो हमको राह

उनके पथ पर अडिग चलूँगा, मन में रख उत्साह अथाह

*****

सदा स्वदेशी अपनाकर मैं, सुदृढ़ करूँगा अपना देश

पूँजी अपनी पुण्य-धरा की, जाने दूँगा नहीं विदेश

*****

भूखा जब तक आधा भारत, आजादी क्या पाए अर्थ

प्रणवत काम करें हम ऐसे, निर्धन भी बन सकें समर्थ

*****

भारत माँ की शान तिरंगा, लहराऊँ नभ में अविराम

आजादी के दीवानों को, करूँ सदा करबद्ध प्रणाम

*****

अपना भारत देश स्वच्छ हो, रखना है हम सबको ध्यान

कूड़ा-करकट, पन्नी, कचरा – मुक्त रखें गलियाँ मैदान

*****

अलग-अलग हैं प्रांत हमारे, बोली भाषा वर्ण अनेक

जाति-धर्म हैं भिन्न-भिन्न पर, भारतवासी हम सब एक

*****

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 683

Replies to This Discussion

भारत माँ की शान तिरंगा, लहराऊँ नभ में अविराम

आजादी के दीवानों को, करूँ सदा करबद्ध प्रणाम.......बहुत खुबसुरत सभी

" सुन्दर भाव पूर्ण रचना के लिये आपको बधाइयाँ .................. "

आदरणीया प्राची जी,

राष्ट्रधर्म को लेकर अत्यंत उत्प्रेरक  तथा  प्रतिज्ञापरक छन्दोबद्ध गीत --

"भारत माँ की शान तिरंगा, लहराऊँ नभ में अविराम

आजादी के दीवानों को, करूँ सदा करबद्ध प्रणाम"

...हार्दिक साधुवाद एवं सद्भावनाएँ !

मनभावक , रोचक , बधाई आदरणीय डॉo प्राची सिंह जी

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service