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आदरणीय साथियो,

सादर नमन।
.
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-76 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है,
:  
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-76
"विषय: 'क़लम के सिपाही'  
अवधि : 30-07-2021  से 31-07-2021 
.
अति आवश्यक सूचना :-
1. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी केवल एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
2. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना/ टिप्पणियाँ केवल देवनागरी फॉण्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड/नॉन इटेलिक टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
3. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है। 
4. एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है। गत कई आयोजनों में देखा गया कि कई साथी अपनी रचना पोस्ट करने के बाद गायब हो जाते हैं, या केवल अपनी रचना के आस पास ही मंडराते रहते हैंI कुछेक साथी दूसरों की रचना पर टिप्पणी करना तो दूर वे अपनी रचना पर आई टिप्पणियों तक की पावती देने तक से गुरेज़ करते हैंI ऐसा रवैया कतई ठीक नहींI यह रचनाकार के साथ साथ टिप्पणीकर्ता का भी अपमान हैI
5. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति तथा गलत थ्रेड में पोस्ट हुई रचना/टिप्पणी को बिना कोई कारण बताये हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
6. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका, अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल/स्माइली आदि लिखने /लगाने की आवश्यकता नहीं है।
7. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
8. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें। 
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मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)
ओपनबुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

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कहानी कहाँ पोस्ट करना है समझ नहीं आ रहा है

यह टिप्पणी जिस बॉक्स मे पोस्ट की हैं वही कहानी नही अपितु लघुकथा पोस्ट करनी है ।

होड़
***
विद्वादजनों की सूची जारी हुई। फिर विदुषियों की हुई।एक दूसरी संयुक्त हुई। फिर अलग अलग विद्वदजन, विदुषियां और साहित्यिक समूह सूचियां जारी करने लगे।किसी में किसीका नाम आता,किसी में नहीं आता। किसीका नाम किसी भी सूची में नहीं आता।जिसका नाम किसी भी सूची में आ जाता,वह सूचीबद्ध हुआ।जो हर जगह छूट गया,वह त्यक्त ,पर आशान्वित रहा कि कही किसी अगली सूची में वह शामिल कर लिया जाय।
प्रतिस्पर्धा का घनघोर दौर चला। मुंड से मुंड टकराए।कितने ही झंडे,बने,उठे, फटे।व्याकरण काका से विराम चिन्ह नाम के बच्चे पूछने लगे,'काका,इस रेलम पेल में हम कहां हैं?'
'मैं खुद कहां हूं,पता नहीं।यह कलम के सिपाहियों की फौज खड़ी हो रही है। इन्हें हमारी क्या जरूरत होगी?'
'मौलिक व अप्रकाशित'

आदाब, Manan Kumar Singh, ! जनाब, आप क्या कहना चाहते हैं, कुछ  समझ  में नहीं आया।संयोग से सम्प्रति यही गति ( सद्गति / दुर्गति ) कलम के सिपाही की नहीं, सभी प्रोफेशनल की है, फिर  कलम के सिपाही की भी है, फिर आपकी  लघुकथा में विशिष्ट क्या है ? 

वर्तनी की समस्या भी आपकी प्रस्तुति में है, परित्यक्त को आप "त्यक्त" लिख रहे हैं ! सादर 

आ.चेतनजी, त्यक्त शब्द है।उपसर्ग लगने से परित्यक्त होता है,जहां तक मेरी जानकारी है।

 मनन कुमार  सिंह,  आदाब , भाई ! फिर  धातु क्या  हे, ,  जरा बताइए,  सारा निश्चय  हो  जाएगा  !

आ.चेतन जी,आपने  'त्यक्तेन भुक्तवा 'तो पढ़ा ही होगा, 'परित्यक्तेन भुक्त्वा 'तो मैंने नहीं पढ़ा।

आदाब, मनन कुमार सिंह ईशावास्य उपनिषद का सूत्र " तेन त्यक्तेन  भुंजीथा:" है । हाँ, श्री  जी ने पढ़ा  है, न कि ग़लत, 'त्यक्तेन भुक्तवा' जो आप बता  रहे हैं , इस से स्वयंसिद्ध है कि आपकी मान्यता  मनगढ़ंत है !

टंकण जनित त्रुटियां भी होती हैं।ध्यान दिलाने के लिए शुक्रिया। हां,बात त्यक्त और और परित्यक्त पर अटकी थी।उम्मीद है अब स्पष्टता आ गई होगी।

आप बंधु, अभी भी असत्य भाषण कर रहे है, धातु त्यज् है और इसमें कत्वा प्रत्यय लगा है! 

मैंने विद्वदजन लिखना चाहा था।

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"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, इस प्रस्तुति को समय देने और प्रशंसा के लिए हार्दिक dhanyavaad| "
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपने इस प्रस्तुति को वास्तव में आवश्यक समय दिया है. हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार…"
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
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