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फिल्म दलदल हेतु गीत चाहिए...

 

आदरणीय ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के सदस्यों, जैसा की आप सभी को पता है कि मैं बालीवूड के कलाकारों को लेकर एक हिंदी फ़िल्म जागरण फिल्म्स के बैनर तले "दलदल" बनाने जा रहा हूँ , इस फ़िल्म के कई गीतों की रेकॉर्डिंग हो गई है |
एक गीत मुजरा हेतु चाहिए, आप अपनी रचना मेरे इ मेल आई डी jagranfilm@gmail.com या ravikumarguru@india.com पर भेज सकते है, जिस रचना का चयन किया जायेगा उस रचनाकार को उचित पारिश्रमिक दिया जायेगा तथा गीतकार के रूप में फ़िल्म में जगह दिया जायेगा |
दृश्य कुछ इस प्रकार है ..................
एक युवा लड़की जो पूर्व में एक फ़िल्म में बाल कलाकार के रूप में काम कर चुकी है उसको उसके अपनों के द्वारा ही कोठे पर पैसो के लालच में पंहुचा दिया जाता है, वहा पर उसका दैहिक और मानसिक शोषण होता है | वो लड़की कोठा पर मुजरा करती है | लड़की मुजरे के द्वारा अपने दर्द को व्यक्त करना चाहती है |


 

रवि कुमार गुरु


सीईओ


जागरण फिल्म्स


(प्रबंधक ओ बी ओ की अनुमति से)

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Hello Sir , Though I m a Model , still I do write some songs, so here it is 4 U:

Ek pal ka tera maza , meri sari javani , Tere naam mera Gulabi Badan Mere naam katon ki sej sahi,........................

 

ye kotha toh hai ek daldal  , dhaste hi  ja rahi hun jitna nikalna mei chahu utna hi fasti mai ja rahi hu

Mera nasha hai Jism ka pyaala , Isne masumiyat ko bachpan me  jala dala,

Kothe ki  Daulat ne mujhko hai paala, mere badan ki aisi hai Jwala, loot na sake koi daulatwala.

 

Ek pal ka tera maza , meri sari javani , Tere naam mera Gulabi Badan Mere naam katon ki sej sahi,........................

 

dekhen hai duniya me daulatwale kai , lekin nahi koi dilwala , chahat badan ki hai sabko magar, koi nahi hai hamko chahnewala, Jo chahat ke daldal me mujhko fasale aisa nahi koi dilwala.

Milega woh sathi kahan , jiski banoongi deewani, Kitne me karloonjatan , ek din mile der saver sahi..............

Ek pal ka tera maza , meri sari javani , Tere naam mera Gulabi Badan Mere naam katon ki sej sahi,........................

Ek pal ka tera maza , meri sari javani , Tere naam mera Gulabi Badan Mere naam katon ki sej sahi,........................

 

 

 

रवि जी, दुःख की घड़ी में  ईश्वर आपको और आपके पूरे परिवार को ये दुख सहने की शक्ति दे और आपके चाचा जी की आत्मा को शांति प्रदान करे।

यह घोषणा करते हुए हमें ख़ुशी हो रही हैं की OBO सदस्यों द्वारा भेजा गया मुजरा के लिए गीत का चुनाव हो गया हैं, जागरण फिल्म्स के सदस्यों द्वारा चयनित गीत के गीतकार हैं OBO सदस्य शकूर खान जी, जो मोतिहारी बिहार से हैं |

 

रवि कुमार गुरु

सीईओ

जागरण फिल्म्स

 

गुरु जी आपका गीत चयन का प्रयास रंग लाया ख़ुशी हुई , इस मंच का सार्थक उपयोग भी इस नाते  हुआ !! शकूर जी को बहुत बधाई और शुभकामनाएं !! 

शुभकामनाएँ.

बधाई शकूर खान जी 
आपके गीत के बोल सचमुच मदहोश करने वाले  हैं ,
"मदहोश नजर के खंजर से , मदहोश जवानी दिखती हैं ,
मुमकिन हो अँधेरी रात सही , दोनों की निगाहे मिलती हैं "

बधाई हो गुरूजी, आपके फिल्म दलदल के लिए आपको गीत मिल चुका है ,आपके फिल्म के सफल निर्देशन और आगामी प्रदर्शन के लिए अतेन्द्र की तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं -------

                     अतेन्द्र कुमार सिंह "रवि" 

 

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