For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

‘ओपन बुक्स ऑनलाइन’ हल्द्वानी चैप्टर का शुभारम्भ : रिपोर्ताज़

                     साहित्य लेखन व संवर्धन को कृत संकल्पित वेब पोर्टल ‘ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम’  हल्द्वानी चैप्टर का शुभारम्भ कल दिनाँक 5 जुलाई 2015 को अत्यंत ही सात्विक्ता के साथ एवन ट्रेडिंग कर्पोरेशन, हल्द्वानी में हुआ.  ओबीओ हल्द्वानी चैप्टर के शुभारम्भ हेतु काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम की संयोजिका वरिष्ठ साहित्यकार सुश्री आशा शैली जी एक लम्बे समय से हल्द्वानी, लालकुआँ, रुद्रपुर, काठगोदाम परिक्षेत्र में सात्विक व साहित्य के प्रति गम्भीर रचनाकर्मियों को संगठित कर एक प्लेटफोर्म पर लाना चाहती थी, उनके इस शुचिकर स्वप्न को मूर्त स्वरुप देते हुए डॉ० प्राची सिंह (ओबीओ प्रबंधन सदस्या) नें अपने निवास पर स्थानीय रचनाकारों की सामूहिक काव्य गोष्ठी का आयोजन ओबीओ के तत्वाधान में सहर्ष स्वीकार किया.

काव्य संध्या मे सुश्री आशा शैली जी , डॉ ० प्राची सिंह जी, आ० नमन कृष्ण जी , सुश्री मंजू पांडे ‘उदिता’ जी , श्री सत्यपाल सिंह ‘सजग’ जी, श्री अशोक मिश्रा जी व सुश्री पुष्पलता जोशी जी आदि कविगण सम्मिलित हुए. श्री पंकज बत्रा जी, श्री पंकज जी, श्री कृपाल सिंह जी, सुश्री दुर्गा जी, सुश्री रूपा जी आदि इस अवसर पर मौजूद रहे.ओबीओ हल्द्वानी चैप्टर की नींव रखते हुए काव्य संध्या का शुभारम्भ वेद मंत्रोच्चार के साथ माँ शारदा की धातु प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व पुष्पार्पण से हुआ. सुश्री पुष्पलता जी की स्वर-वंदना की साथ की काव्य गोष्ठी का उद्घोष हुआ. कवि गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्कार सुश्री आशा शैली जी नें की और संचालन का दायित्व मैनें (डॉ० प्राची सिंह नें) सम्हाला.

लालकुआं से तशरीफ़ लाये आशुकवि श्री सत्यपाल सिंह ‘सजग’ जी नें अपनी फोन कॉल और चाटुकारिता पर केन्द्रित हास्य रचनाओं, मुक्तकों के साथ ही माँ गंगा की वेदना को व्यक्त करते हुए मर्मस्पर्शी प्रस्तुति पर सभी उपस्थित विद्वजनों व् श्रोताओं की मुक्तकंठ सराहना प्राप्त की.

सोच रही है गंगा माता, क्या मानव को होता जाता,

यदि यह भारत देश न होता, ब्रह्मा का आदेश न होता,

शम्भू जटाओं में रह जाती, पृथ्वी पर तो कभी न आती...

 

लालकुआं से ही पधारे रचनाकार भाई श्री अशोक मिश्रा जी नें शारदा स्तुति करते हुए प्रकृति और नारी पर अपनी रचनाओं को प्रस्तुत किया, व सबकी भूरि-भूरि प्रशंसा अर्जित की.

नारी तूने राम को पैदा किया , और कृष्ण को पैदा किया

ध्रुव और प्रहलाद जैसे पुत्र को पैदा किया

तू सती सीता है और नारी है तू तो भारती

सुश्री पुष्पलता जोशी जी नें प्रकृति पर आधारित मुक्तक, गीत, व दोहों के साथ ही नारी की समाज में सामयिक स्थिति पर अपनी अभिव्यक्ति दी, जिसे करतल ध्वनि से सभी श्रोताओं का अनुमोदन प्राप्त हुआ.

क्यों झूलती हैं हरदम सूलियों पर बेटियाँ

क्यों ज़हर को पी रही हैं आज फिर नित बेटियाँ

सुश्री मंजू पाण्डेय उदिता जी की अभिव्यक्तियों में हालिया समय में बेटियों के साथ बढ़ती जाती ज्यादतियों, बर्बरता पूर्ण उनकी हत्याओं की पीड़ा मुखर हो उठी, तो वहीं नजाकत भरे बिटियाँ के क़दमों से माँ के हृदय में होती हलचल नें सभी सभागणों की सहर्ष स्वीकृति पायी.

नन्ही नाज़ुक कली खिली आँगन मन का हर्षाया

प्रेम सुधा रसपान करा, ममता का आँचल इतराया

 

 फिर बारी आयी मेरे (डॉ० प्राची सिंह के ) रचनापाठ की...

मेरी छंदबद्ध दोहा प्रस्तुति के साथ ही हरिगीतिका छंद पर आधारित शृंगार गीत और मुक्तिबोध पर आधारित एक नवगीत प्रस्तुति को सभी उपस्थित विद्वजनों का आशीष प्राप्त हुआ.

चिर मुक्ति का है बोध क्या

उन्मुक्ति में अवरोध क्या

हम जान लें ‘

पहचान लें

क्यों हैं व्यथित...आह्लाद हम !

आबद्ध क्यों...आज़ाद हम

 

श्री नमन कृष्ण जी की गरिमामयी उपस्थिति हम सभी का सौभाग्य रही. उनकी रचनाओं का गाम्भीर्य श्रोताओं को चिंतन के गहन सागर में ले जाता है. प्रकृति, मुक्ति व शृंगार पर उनके मुक्तकाव्य को सभी गणमान्य सुधीजनों की भरपूर प्रशंसा मिली.

प्रेम की कल्पनाओं से परे

संवेदनाओं का बाज़ार

हृदय के स्पंदन की विज्ञापनी ऋचाएं

बाज़ार में खडा हुआ में

खाली हाथ

अकेला.......मेला !

 सुश्री आशा शैली जी की ऊर्जस्विता सभी के लिए एक उदाहरण है, तो उनका साहित्य के प्रति समर्पण सबको नत करता है. उनकी सौम्य प्रस्तुतियां प्रकृति से खूबसूरती को चुरा कर श्रोताओं के कानों में घोल देती हैं. उनके अतुकांत शैली में मुक्त काव्य, गीत और गजल प्रस्तुतियों ने सभी कविगणोंव् श्रोताओं की भरपूर वाह-वाही प्राप्त की.

माना कि पहाड़ों की बुलंदी पे है बस्ती

परवाज़ हो कर काम तो ले अपने परों से

तूफान का डर क्या है निकालिये तो घरों से

कुछ तल्ख़ हवालों के तकाज़े हैं परों से

 

काव्य-गोष्ठी के आधिकारिक समापन की घोषणा के साथ ही तीन माह में कम से कम एक बार कवि-सम्मलेन किये जाने का सभी नें सामूहिक निर्णय लिया. बाहर बारिश की धीमी फुहारों के साथ ही अन्दर गरमागरम चाय व कुरकुरे समोसों के साथ आत्मीय बातचीत चर्चा-परिचर्चा का लंबा दौर चला. इस तरह एक सफल आयोजन संपन्न हुआ और ओबीओ हल्द्वानी चैप्टर का शुभारम्भ हुआ.

डॉ प्राची सिंह

सदस्य टीम प्रबंधन

ओपन बुक्स ऑनलाइन  

 

 

Views: 1309

Reply to This

Replies to This Discussion

ज़िन्दाबाद ....

हार्दिक बधाइयाँ एवँ शुभकामनायें ।

‘ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम’  हल्द्वानी चैप्टर के शुभारम्भ की हार्दिक बधाइयाँ एवँ शुभकामनायें

वाह !!! एक और नया आगाज़ हुआ है । बधाई ओबीओ परिवार को उसके विस्तार के लिए और ढेरों बधाइयां आदरणीया डा. प्राची सिंह जी आपको इस सफलतम नेतृत्व के लिए । आते रहेंगे अवसरें ओबीओ के द्वारे युँ ही पंख पसारे । ढेरों बधाई सभी नेतृत्व कर्ताओं को एक बार फिर से ।
आदरणीया प्राची जी,
ओ.बी.ओ.हलद्वानी चैप्टर की सूचना के समाचार से अपार हर्ष हुआ. कुंती और मेरी ओर से व्यक्तिगत बधाई तो है ही, पूरे लखनऊ चैप्टर की ओर से आप सबको बहुत-बहुत साधुवाद. आने वाले समय में लखनऊ और हलद्वानी चैप्टर मिलजुल कर ओ.बी.ओ. को नया आयाम देंगे, ऐसा मेरा विश्वास है. आदरणीया आशा शैली जी को हमारा अभिनंदन इस नयी इकाई का दायित्व ग्रहण करने के लिए. ऑक्टोबर में हलद्वानी आ रहा हूँ एक-दो दिन के लिए. सभी से मिलने की इच्छा रहेगी. शुभकामनाएँ.

आपकी शुभकामनाओं के लिए ह्रदय से धन्यवाद आदरणीय शरदिंदु जी 

संयोग से अक्टूबर में ही ओबीओ हल्द्वानी चैप्टर की दूसरी काव्य-गोष्ठी संपन्न होगी..ये तो बहुत अच्छी बात है की तब आपका अना हो रहा है...आप अपने आने की तिथियाँ पूर्व में ही सांझा कर दीजियेगा. हम उन्ही दिनों में आयोजन रख लेंगे. 

सादर.

इस पोस्ट से बहुत ही प्रसन्नता हुई है. साथ ही, यह भी सही है कि ऐसे चैप्टरों और गोष्ठी-समितियों का भौतिक स्वरूप कई अर्थों में सकारात्मकता के साथ-साथ उद्येश्यपूर्ण संचालन की भी मांग करता है. हलद्वानी चैप्टर की संयोजक आदरणीया प्राचीजी स्वयं एक प्रबुद्ध संवेदनशील रचनाधर्मी हैं, अतः चैप्टर के भौतिक स्वरूप को हर उन विसंगतियों से बचे होने की आश्वस्ति है, जिनके कारण कोई भौतिक चैप्टर, समिति या गोष्ठी अपने मूल उद्येश्य से भटक जाया करती है.

वस्तुतः हमारे इस अभिनव मंच के पास दोनों तरह के चैप्टरों या गोष्ठियों के अनुभव हैं.

कल सायं आदरणीया आशा शैलीजी से उनके सम्पादन में निकल रही पत्रिका ’शैल्-सूत्र’ को लेकर देर तक बातें होती रही थीं. मुझे कल ही उक्त पत्रिका का नया अंक प्राप्त हुआ था और कल ही उनसे बातचीत भी हो गयी. मुझे भी अच्छा लगा. आपने इसी क्रम में मुझे यह भी बताया था कि हलद्वानी में आदरणीया प्राचीजी के सान्निध्य में और सहयोग से एक गोष्ठी हुई है. और देखिये, देर सायं यह रपट भी आगयी.
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ असीम बधाइयाँ.. शुभकारी प्रयास सफलीभूत हो.
सादर

ओबीओ हल्द्वानी चैप्टर के शुभारम्भ की रिपोर्ट पटल पर स्थापित करने के लिए आभार एडमिन महोदय.

मेरे सिस्टम में कुछ वायरस थे जिनके कारण ओबीओ साईट ही नहीं खुल पा रही थी... अभी पूरा सिस्टम स्कैन करने के बाद ही ओबीओ पटल व् अन्य साइट्स खुल रही हैं.

साहित्य के प्रति मेरी समझ का कतरा कतरा व मेरी लेखन के प्रति अभिरुचि की सदिशता का सारा श्रेय ओबीओ को ही जाता है... 

ओबीओ हल्द्वानी चैप्टर स्थापित करने की अनुमति आदरणीय संस्थापक महोदय से प्राप्त हुई इसके लिए उनका हृदय से आभार.

आप सभी के आशीर्वाद से स्थापना का  छोटा सा आयोजन सात्विकता के साथ सम्पन्न हुआ. स्थानीय साथियों के सहयोग से हल्द्वानी चैप्टर गी गतिविधियाँ सुचारू रूप से अनवरत छाती रहें ऐसे ही शुभ की ईश्वर से प्रार्थना है...

सादर.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तस्दीक अहमद खान जी, तरही मिसरे पर बहुत सुंदर प्रयास है। शेर नं. 2 के सानी में गया शब्द दो…"
44 minutes ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"इस लकीर के फकीर को क्षमा करें आदरणीय🙏 आगे कभी भी इस प्रकार की गलती नहीं होगी🙏"
58 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय रिचा यादव जी, आपने रचना जो पोस्ट की है। वह तरही मिसरा ऐन वक्त बदला गया था जिसमें आपका कोई…"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय मनजीत कौर जी, मतले के ऊला में खुशबू, उसकी, हवा, आदि शब्द स्त्री लिंग है। इनके साथ आ गया…"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी ग़जल इस बार कुछ कमजोर महसूस हो रही है। हो सकता है मैं गलत हूँ पर आप…"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बुरा मत मानियेगा। मै तो आपके सामने नाचीज हूँ। पर आपकी ग़ज़ल में मुझे बह्र व…"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, अति सुंदर सृजन के लिए बधाई स्वीकार करें।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तस्दीक अहमद जी, सादर अभिवादन। लम्बे समय बाद आपकी उपस्थिति सुखद है। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक…"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"ग़ज़ल 221, 2121, 1221, 212 इस बार रोशनी का मज़ा याद आगया उपहार कीमती का पता याद आगया अब मूर्ति…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"जनाब, Gajendra shotriya, आ.' 'मुसाफिर ' साहब को प्रेषित मेरा प्रत्युत्तर आप, कृपया,…"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मुसाफिर' साहब मैं आप की टिप्पणी से सहमत  नहीं हूँ। मेरी ग़ज़ल के सभी शे'र …"
5 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, सादर अभिवादन। मुशाइरे में सहभागिता के लिए बहुत बधाई। प्रस्तुत ग़ज़ल के लगभग…"
5 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service