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खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
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आदरणीया शन्नोजी.. आपका स्वागत है .. चलिये, हम-आप मिल-बाँट कर मिठाइयाँ खायें.. :-))

जिसका जन्मदिन है, वो अंततः ये मिठाइयाँ हमीं को तो खिलायेगा.. :-))))

आदरणीया शन्नो जी .....

ये रसगुल्ले आपकी  नज़र पड़ने से पहले ही मैं और गणेश जी खा चुके हैं.....

गणेश जी बिलकुल स्वाद जाँच परख कर लाये हैं ये हम सब के लिए

चलिए सब मिल कर खाएं .:)))

हा हा हा हा..

यानि रसगुल्लों से आपका ध्यान हटा नहीं है.. :-)))

यह सही भी है.. गणेश भाई लाये ही थे इसी कारण.. अब शन्नोजी और मैं मान न मान वाला मेहमान बने हैं..

हा हा हा..

हाहाहा :)))))

हमारा जन्मदिन तो मात्र बहाना है.... गणेश जी को पूरे परिवार के लिए ही ये लाना पसंद होगा आ० सौरभ जी ..आखिर मुखिया जो हैं 

..सो ये सभी के लिए हैं...आप निश्चिन्त हो कर आनंद उठाइये 

अवश्य अवश्य अवश्य .. :-)))

चिंता ना करिये सौरभ जी l आप खाने में डटे रहें...एक दो रसगुल्ले तो दांत में ही फँस कर रह जाते हैं l लगता है गणेश और रसगुल्ले लाने गये हैं l :):)

जी धन्यबाद..प्राची जी...बड़ा आनंद आ रहा है :)

प्राची जी, आपको जन्मदिवस और शादी की सालगिरह दोनों की बहुत शुभकामनायें l

आदरणीय गणेश जी 

आपकी मिठास भरी शुभकामनाओं के लिए बहुत बहुत आभार...

रसगुल्ले.....मेरे फेवरेट 

चलिए मंच पर सब मिलजुल कर ही खाते हैं :))))))

प्राची जी, आपकी तरह रसगुल्ले भी हम सबके फेवरेट...इन्हें मिलजुल कर खाने के लिये शुक्रिया :):)
गणेश और आर्डर करने जा रहे हैं....क्यों भाई गणेश? अरे कहाँ गये????? :):):):)

प्रिय प्राची जी को जन्म दिन की ढेरों बधाईयाँ एवं स्वास्थ्य दीर्घायु जीवन की मंगल कामनाएँ |

आदरणीया कल्पना जी 

आपकी स्नेहिल मंगलकामनाओं के लिए बहुत बहुत आभार 

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