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vandana's Discussions (1,253)

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"धुआँ होकर बलाएँ भाग जाती हैं दिवाली में दुआएँ खुल के यूँ जल्वे दिखाती हैं दिवाली में…"

vandana replied Oct 24, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 52

300 Oct 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"हुआ अरसा कभी देखा नहीं उसने मुझे छूकर सुना है मां की ऑंखें डबडबाती हैं दिवाली में।  …"

vandana replied Oct 24, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 52

300 Oct 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"जगे चूल्हे, सजे बरतन, वहीं पकवान की खुश्बू,रँगोली पूरती दुल्हन.. लुभाती हैं दिवाली म…"

vandana replied Oct 24, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 52

300 Oct 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"सजी दहलीज कंदीलें बुलाती हैं दिवाली में कतारें नवप्रभावर्ती रिझाती हैं दिवाली में  …"

vandana replied Oct 24, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 52

300 Oct 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

सदस्य टीम प्रबंधन

"माँ परिण्डे बाँधती थी जिस शज़र की शाख से बाबूजी गुमसुम रहे वो पेड़ कटवाने के बाद ...…"

vandana replied Sep 10, 2014 to 'ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा गोल्डन जुबली अंक' में शामिल ग़ज़लों का संकलन(चिन्हित मिसरों के साथ)

55 Apr 26, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"  तोड़  के  मायूसियाँ  शायद  परिंदे आ गये बन रहे हैं घोंसले कुछ, बाग़ जल जाने के बाद…"

vandana replied Aug 31, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" गोल्डन जुबली अंक (Now Closed)

1303 Aug 31, 2014
Reply by Amit Kumar "Amit"

"आज भी तुम रास्ता भटके हो शायद इसलिएबात जो मानी नही रहबर की समझाने के बाद जा रहे हो…"

vandana replied Aug 31, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" गोल्डन जुबली अंक (Now Closed)

1303 Aug 31, 2014
Reply by Amit Kumar "Amit"

सदस्य टीम प्रबंधन

"आदरणीय प्रभाकर सर राणा सर की यह मेहनत वाकई प्रणाम के योग्य है जहाँ मुझ  जैसे लोग अपन…"

vandana replied Jul 30, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-49 की सभी रचनाओं का संकलन (चिन्हित मिसरों के साथ)

32 Apr 26, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

सदस्य टीम प्रबंधन

"एक से बढ़कर एक ग़ज़ल पढ़ने को मिलीं  बहुत 2 आभार सभी रचनाकारों का आयोजन के दौरान एक एक…"

vandana replied Jul 29, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-49 की सभी रचनाओं का संकलन (चिन्हित मिसरों के साथ)

32 Apr 26, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"वाह बहुत सुन्दर .... ऐसे कार्यक्रमों की निरंतरता अक्षुण्ण बनी रहे यही कामना है "

vandana replied May 30, 2014 to ओ.बी.ओ. लखनऊ चैप्टर की मासिक काव्य-गोष्ठी - अप्रैल 2014, एक प्रतिवेदन

11 May 30, 2014
Reply by vandana

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