For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

इलाज़  - लघुकथा  -

इलाज़  - लघुकथा  -

मिश्रा जी की उन्नीस वर्षीय मंझली बेटी मोहल्ले की पानी की टंकी पर चढ़ गयी और शोले के वीरू स्टाइल में चिल्ला चिल्ला कर सारा मोहल्ला, मीडिया और पुलिस वालों को एकत्र कर लिया।

मसला यह था कि वह किसी गैर जाति के सहपाठी से विवाह करने को उतावली थी।

हालांकि अभी उसकी बड़ी बहिन भी क्वारी थी।घर वाले उसे समझा चुके थे कि पहले बड़ी बहिन का विवाह हो जाने दे फिर तेरे मामले को देखेंगे।लेकिन वह उनकी बात सुनने को तैयार ही नहीं थी।

अपना पक्ष मजबूत करने के लिये इस प्रकार परिवार पर सामाजिक दवाब बनाने की कूट नीति अपनाने का उसका इरादा स्पष्ट झलक रहा था। मुहल्ले के लोग एवम रिश्तेदार उसे समझा रहे थे। लेकिन वह लगातार टंकी से कूदने की धमकी दिये जा रही थी। वह कुछ भी सुनने को राजी नहीं थी। वह केवल अपनी माँग मनवाने को बेचैन थी वह भी अपने पिता के मुख से।

लोगों का,पुलिस का और मीडिया का दवाब पड़ने से उसके पिता उससे बात करने को राजी हो गये। सभी ने उसे आश्वस्त किया कि मिश्रा जी तुमसे बात करने आ रहे हैं। मिश्रा जी भी पानी की टंकी पर चढ़ गये।

नीचे सब लोग अब इस दॄश्य का एक सुखद अंत सुनने और देखने को व्याकुल हो रहे थे।

तभी सब लोग भौचक्के रह गये। देखा कि मिश्रा जी ने अपनी लड़की को एक हाथ से पकड़ कर टंकी से नीचे लटका रखा था।लड़की चीख रही थी।"पापा प्लीज़,पापा प्लीज़|"

"अब क्या हुआ? तुम तो खुद ही कूदना चाह रही थी। तुम शायद हिम्मत नहीं कर पा रही हो? हम तो तेरी मदद कर रहे हैं।"

थोड़ी देर बाद बाप बेटी नीचे उतर आये। मीडिया ने घेर लिया।मिश्रा जी पर सवालों की झड़ी लगा दी,"मिश्रा जी, आप तो एक निष्ठुर एवम कठोर पिता हैं।आपको अपनी बेटी से ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिये?"

"आप मेरी बेटी को कब से जानते हैं?"

"अभी घंटे दो घंटे से।"

"मैं इसे इसके जन्म से जानता हूँ।"

"क्या मतलब?"

"मुझे मेरे परिवार के हर सदस्य की हर बीमारी की केस हिस्ट्री पता है।"

"हम समझे नहीं?"

"आपको समझने की जरूरत भी नहीं है क्योंकि आप लोग तो आग बुझाने के बजाय आग भड़काने में माहिर हो।"

"अब आपका अगला क़दम क्या होगा?"

"मुझे मालूम है कि किस मर्ज़ का क्या इलाज़ है।"

मौलिक, अप्रकाशित एवम अप्रसारित

Views: 480

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on August 10, 2019 at 6:12pm

हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on August 10, 2019 at 6:12pm

हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on August 10, 2019 at 6:11pm

हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी जी।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 7, 2019 at 5:50am

आ. भाई तेजवीर जी, सुंदर कथा हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Samar kabeer on July 20, 2019 at 8:36pm

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,अच्छी लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on July 20, 2019 at 3:21pm

आदाब। बहुत बढ़िया रचना। अंतिम कथोपकथन महत्वपूर्ण। हार्दिक बधाई जनाब तेजवीर सिंह साहिब।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
14 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
21 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
21 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
22 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
23 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service