For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा--रिटर्न गिफ़्ट

" सबसे पहले मैं आप सभी उपस्थित महानुभावों , परम मित्रों , परिजनों , रिश्तेदारों और मीडिया जगत के तमाम साथियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ । आप सभी ने मेरे छोटे से आग्रह पर उपस्थित होकर मेरा मान बढ़ाया । मैं कोई बहुत बड़ा आदमी नहीं हूँ । साधारण-सा , अदना-सा आपके बीच का आदमी हूँ । कई दिनों से बेचैनी में था । सोच रहा था अपने अट्ठावनवें जन्म दिन पर क्या रिटर्न गिफ्ट दूँ ? तो मैं आप सभी के समक्ष घोषणा करता हूँ आज के अपने अट्ठावनवें जन्म दिन पर रिटर्न गिफ्ट के तौर पर जीते जी अपनी एक किडनी दान करता हूँ ।" सभी उपस्थितगण आश्चर्यचकित रह गए । रमेश कुमार जी का इतना बड़ा दुस्साहस ! कमाल है ! सब एक दूसरे को देखने लगे । उन्होने आगे फिर कहा-" मेरी कुछ सामान्य और सात्विक शर्तें हैं । किडनी लेने वाला शाकाहारी हो, युवा हो , कोई नशा न करता हो , स्वयं मुझसे संपर्क करें , संस्था के मार्फत नहीं । "
उनके निर्णय से पुत्र और पुत्र-वधू भी अभिभूत थे ।

मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 830

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mohammed Arif on December 3, 2017 at 5:30pm
हार्दिक आभार आदरणीय सुरेंद्रनाथ जी ।
Comment by Mohammed Arif on December 3, 2017 at 5:29pm
बहुत-बहुत आभार आदरणीय अजय तिवारी जी ।
Comment by Mohammed Arif on December 3, 2017 at 5:28pm
बहुत-बहुत आभार आदरणीय कालीपद प्रसाद जी ।
Comment by Mohammed Arif on December 3, 2017 at 5:27pm
बहुत-बहुत आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी ।
Comment by नाथ सोनांचली on December 3, 2017 at 3:54pm
आद0 मोहम्मद आरिफ़ जी सादर अभिवादन, हमेशा की तरह एक अच्छी लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर दिल से कोटिश बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Ajay Tiwari on December 3, 2017 at 3:33pm

आदरणीय आरिफ साहब,

इस खूबसूरत कथा-प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाईयाँ.

सादर 

Comment by Kalipad Prasad Mandal on December 3, 2017 at 12:18pm

बहुत खुबसूरत लघुकथा के लिए मुबारकबाद स्वीकार करे आ मोहम्मद आरिफ जी 

Comment by TEJ VEER SINGH on December 3, 2017 at 11:06am

हार्दिक बधाई आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी।बेहतरीन लघुकथा।

Comment by Mohammed Arif on December 3, 2017 at 7:49am
लघुकथा के अनुमोदन और उत्साहवर्धन का बहुत-बहुत आभार आदरणीय विजय निकोर जी ।
Comment by Mohammed Arif on December 3, 2017 at 7:48am
लघुकथा पर प्रतिक्रिया देने का बहुत-बहुत आभार आदरणीय राज लाली बटाला जी ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
4 hours ago
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor updated their profile
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service