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तालिका छंद
सगण सगण(112 112)
दो-दो चरण तुकांत
---
दिन रात चलें
हम साथ चलें
सह नाथ रहें
सुख दर्द सहें

बिन बात कभी
झगड़े न सभी
मन प्रेम भरें
हरि कष्ट हरें

शुभ काम करो
तब नाम करो
सब वैर तजो
हरि नाम भजो

मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment

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Comment by Samar kabeer on November 13, 2017 at 3:23pm
जनाब सतविन्द्र कुमार जी आदाब,बढ़िया छन्द,बधाई स्वीकार करें ।
Comment by anamika ghatak on November 12, 2017 at 4:27pm

बेहतरीन तालिका छंद ...वाह 

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 12, 2017 at 12:24pm
बेहतरीन सारगर्भित सृजन के लिए सादर हार्दिक बधाई आपको आदरणीय सतवीर कुमार राणा साहिब।
Comment by Mohammed Arif on November 12, 2017 at 11:27am
आदरणीय सतविंद्र कुमार जी आदाब, बेहतरीन सीख प्रधान तालिका छंद । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

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