For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

इ का हो रहल बा ,
समझ में नइखे आवत ,
का मनमोहन बाबु के,
बुद्धि कही चरे चल गइल बा,
कि उनकर बछरुआ ,
सब के सब बे हाथ हो गइल बा,
एगो राजा साहेब बाडन,
उनकरा बात से अईसन लागेला ,
अगर उ बडका घर में पैदा ना भइल रहते,
त उ कही के ना रहते ,
देखि काल्ह तक बाबा के,
आगे पीछे मंत्री लोग घुमत रहे ,
आज लाज पचावत बा लोग,
दिन के उजाला में शरम लगत बा ,
रात के अँधेरा में आसुगैस
आउर लाठी चलवावत बा लोग,
छिः चुलू भर पानी होखे,
ता डूब मर लोग,

Views: 830

Replies to This Discussion

एह सद्यः प्रस्तुति के कारन आ एह कारन का पाछा के गुस्सा, भाईजी, एकदम से बुझा रहल बा.

मन संवेदना से सराबोर होखे त चारि तारीख के रात दिल्ली में घटल अइसना घटना पर चुप ना रहि सके. बाकिर ईहे कथनिया गद्य रूप में आइल रहित त बहस (डिसकसन) के निकहा बिन्दु सोझा रहित. गद्य के गरिमो के ध्यान राखल जरुरिये बा.

आ,

//आगे पीछे मंत्री लोग घुमात रहे ,
आज लाज पचावत बा लोग ,//

भाईजी, कहवाँ लाज पचावत बा लोग?? ऊ लोग त बेसरमी के हद ले जाइके सगरे घिनही मचवले बा..

गुरु जी, हमनी के पढ़ावल गइल बा कि कमजोर आदमी तुरंत अपना चरम पर यानी औकात पर आ जाला, इ कमजोर सरकार भी आपन औकात देखा दिहलस, इ त अंगरेजवन से चार कदम आगे निकल गइलन सन, जे भी सेंसेटिव दिमाग के लोग बा ओकरा मन में आक्रोश बा आ एकर खामियाजा आज न त काल भुगते के ही पड़ी | 

बहुत ही सुंदर रचना, साधुवाद | 

सबसे पाहिले त राउआ दुनु आदमी के धन्यवाद , रहल बात गुस्सा के त इ गुस्सा वो सब आदमी में आई जे दिल से हिदुस्तानी होखे आउर जे ओसामा के जी आउर कोई भी सन्यासी के ठग कही अउसन परविती के लोग के गुस्सा कहा से आई उहे न बात भइल नामर्द के मर्दानगी के वास्ता देला से कोई फायदा न होई ,
सरकार के हाथ हम सब ही मजबूत कईले बनी. अब रोए से का फ़ायदा होई. हाथ में तलवार हमही पकड़वले बानी. ख़ामियाजा भुगते खातिर तैयार रहीं 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
11 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
yesterday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  रीति शीत की जारी भैया, पड़ रही गज़ब ठंड । पहलवान भी मज़बूरी में, पेल …"
yesterday
आशीष यादव added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला पिरितिया बढ़ा के घटावल ना जाला नजरिया मिलावल भइल आज माहुर खटाई भइल आज…See More
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
Nov 17
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 16

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service