For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल -चाँद छुपकर अँधेरों में रोता रहा

212      212    212     212

रात जगता रहा दिन में सोता रहा

चाँद के ही  सरीखे से होता रहा

 

बादलों की हुकूमत हुई चाँद पर

चाँद छुपकर अँधेरों में रोता रहा

 

उल्टे रस्ते ही जब मुझको भाने लगे

बारी बारी से अपनों को खोता रहा

 

रस्म मैंने निभायी नहीं है मगर

दिल में रिश्तों को अपने संजोता रहा

 

जो न मांगा मिला मुझको सौगात में

जिसको चाहा वो मुश्किल से होता रहा

 

मैंने अपने गले से लगाया जिसे

पीठ पर वो ही खंजर चुभोता रहा

 

अमित कुमार दुबे मौलिक व अप्रकाशित

Views: 823

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by वेदिका on July 22, 2014 at 6:11pm
बढ़िया प्रयास हुआ है। चर्चाएँ अमल करने योग्य हुयी है। आ0 राजेश दीदी आ0 निलेश जी ने सार्थक सुझाव दिए है। अच्छी बात कि आप उन्हें अपना भी चुके है।
मेरी तरफ से हार्दिक बधाई आ0 वागर्थ जी!
Comment by अमित वागर्थ on July 22, 2014 at 4:15pm

जी सौरभ सर कोशिस करूंगा की आवृति बढ़ा सकूँ ... सादर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 22, 2014 at 4:09pm

अपने विस्मरण का हार्दिक खेद है भाईजी.

फिर तो आप प्रस्तुतियों की आवृति बढ़ा दें .. :-))

शुभ-शुभ

Comment by अमित वागर्थ on July 22, 2014 at 4:02pm

आदरणीय सौरभ सर आपकी उपस्थिति मेरे लिए गर्व का विषय है । इसके पहले भी आप मेरी कुछ ग़ज़लों पर आ चुके हैं। आगे भी स्नेह बनाए रखिए ... प्रस्तुतियों को भी आपका इंतज़ार रहेगा । ग़ज़ल पर आने के लिए आपका सादर धन्यवाद ।

Comment by अमित वागर्थ on July 22, 2014 at 3:57pm

बहुत बहुत धन्यवाद आ0 vijay nikore जी

Comment by अमित वागर्थ on July 22, 2014 at 3:56pm

बहुत शुक्रिया आ0 जितेंद्र जी

Comment by अमित वागर्थ on July 22, 2014 at 3:55pm

शुक्रिया आ0  Sarwesh Kumar Mishra जी

Comment by अमित वागर्थ on July 22, 2014 at 3:55pm

आदरणीय Santlal Karun जी बहुत शुक्रिया आपका

Comment by अमित वागर्थ on July 22, 2014 at 3:54pm

आ0 गिरिराज भंडारी सिर बहुत बहुत धन्यवाद आपका

Comment by अमित वागर्थ on July 22, 2014 at 3:53pm

आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय सुशील सरना जी, हार्दिक आभार आपका। सादर"
2 hours ago

प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। इस बार…See More
7 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया छंद

आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार।त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।।बरस रहे अंगार, धरा ये तपती…See More
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना कि कुछ तो परदा नशीन रखना।कदम अना के हजार कुचले,न आस रखते हैं आसमां…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ओबीओ द्वारा इस सफल आयोजन की हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
Tuesday
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"बहुत सुंदर अभी मन में इच्छा जन्मी कि ओबीओ की ऑनलाइन संगोष्ठी भी कर सकते हैं मासिक ईश्वर…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion

ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024

ओबीओ भोपाल इकाई की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी, दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, शिवाजी…See More
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service