For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

!!! भंवर में डूब गयी नाव !!!
1212 1122 1212 22

उधार आज नहीं, कल नकद बताने से।
भंवर में डूब गयी नाव, भाव खाने से ।।

जवां-जवां है हंसीं है सुहाग रातों सी।
यहां गुलाब - चमेली महक जताने से।।

बड़े उदास सितारें जमीं पे टूट गिरे।
हंसी खिली कि चमेली मिली दीवाने से।।

कठोर रात सितारों पे फबितयां कसती।
हुजूर आप यहां, चांद डगमगाने से।।

शुभागमन है यहां भोर लालिमा जैसी।
सुगन्ध फैल गयी नम हवा बहाने से।।

के0पी0सत्यम-मौलिक व अप्रकाशित

Views: 597

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on November 10, 2013 at 11:56am

आ0 सुशील भाईजी,  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार। सादर

Comment by Sushil.Joshi on November 9, 2013 at 5:04am

सुंदर गज़ल हेतु बधाई स्वीकारें आ0 केवल भाई जी...

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on November 3, 2013 at 1:05pm

आदरणीय वीनस भाई जी,  आपके स्नेह और समर्थन हेतु आपका तहेदिल से बहुत-बहुत आभार। सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on November 3, 2013 at 1:05pm

आदरणीय  बृजेश भाई जी,  आपके स्नेह और समर्थन हेतु आपका तहेदिल से बहुत-बहुत आभार। सादर,

Comment by वीनस केसरी on November 2, 2013 at 11:30pm

सुन्दर भाव पूर्ण ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकारें

Comment by बृजेश नीरज on November 2, 2013 at 8:14am

इस सुन्दर रचना पर आपको हार्दिक बधाई!

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 31, 2013 at 7:00pm

आदरणीय अखिलेश भार्इ जी,  टंकण सही है, किन्तु परिवर्तित्त करने के समय कुछ दिक्कते आ जाती है। आपके अपार स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार। सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 31, 2013 at 6:58pm

आदरणीय भण्डारी भार्इ जी,  आपके अपार स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार। सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 31, 2013 at 6:57pm

आदरणीय विजय सर जी,  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार। सादर,

Comment by विजय मिश्र on October 31, 2013 at 6:01pm
वाह केवल भाई वाह , बधाई और दीपावली की शुभकामना भी .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"चल मुसाफ़िर तोहफ़ों की ओर (लघुकथा) : इंसानों की आधुनिक दुनिया से डरी हुई प्रकृति की दुनिया के शासक…"
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"सादर नमस्कार। विषयांतर्गत बहुत बढ़िया सकारात्मक विचारोत्तेजक और प्रेरक रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"आदाब। बेहतरीन सकारात्मक संदेश वाहक लघु लघुकथा से आयोजन का शुभारंभ करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन…"
9 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"रोशनी की दस्तक - लघुकथा - "अम्मा, देखो दरवाजे पर कोई नेताजी आपको आवाज लगा रहे…"
19 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"अंतिम दीया रात गए अँधेरे ने टिमटिमाते दीये से कहा,'अब तो मान जा।आ मेरे आगोश…"
20 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"स्वागतम"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ

212 212 212 212  इस तमस में सँभलना है हर हाल में  दीप के भाव जलना है हर हाल में   हर अँधेरा निपट…See More
Tuesday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"//आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी, जितना ज़ोर आप इस बेकार की बहस और कुतर्क करने…"
Saturday
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत धन्यवाद"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी, जितना ज़ोर आप इस बेकार की बहस और कुतर्क करने…"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आ. रचना बहन, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आ. भाई संजय जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service