For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गली,कटी, तपकर खिली, माटी की संतान

माटी से मोती बने,          माटी से इंसान

 

माटी से मूरत बने,       मूरत में भगवान

माटी की भक्ति करे,      तर जाये इंसान

 

माटी से उपजें सभी,     माटी में ही   अंत

माटी का घर छोड़ के,   जाये सभी अनंत

 

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 2001

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Neeraj Neer on September 28, 2013 at 9:02am

सुन्दर दोहे 

Comment by annapurna bajpai on September 28, 2013 at 12:16am

आ0 आपको इस सुंदर दोहा वली हेतु बहुत बधाई । 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 27, 2013 at 7:37pm

सुन्दर दोहावली 

हार्दिक शुभकामनाएं 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 27, 2013 at 6:47pm

आदरणीय , माटी पर सुन्दर दोहावली के लिये बधाई !!

Comment by ram shiromani pathak on September 27, 2013 at 5:00pm

सुन्दर दोहे आदरणीय ///

/हार्दिक बधाई आपको //सादर

Comment by Meena Pathak on September 27, 2013 at 3:06pm

सुन्दर दोहे .. बधाई 

Comment by अरुन 'अनन्त' on September 27, 2013 at 12:53pm

बहुत ही सुन्दर दोहे आदरणीय बधाई स्वीकारें थोड़े हैं थोड़े की जरुरत है.

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 27, 2013 at 12:46pm

सुंदर दोहावली, बधाई आदरणीय हेमंत जी

Comment by Saarthi Baidyanath on September 27, 2013 at 12:17pm

बहुत बढ़िया व सार्थक दोहे .....बधाई :)

Comment by रविकर on September 27, 2013 at 11:58am


सटीक निर्दोष दोहे -
शुभकामनायें आदरणीय-

माटी का पुतला पुन:, माटी में मिल जाय |
रविकर माटी डाल मत, कर उत्थान उपाय ||

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
1 hour ago
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
10 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
10 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service