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"पैसे की दुनियां "

वाह रे पैसा ,
पैसे का अहंकार !
पैसे से सबकुछ
खरीदने को तैयार !

तो जाओ !!

पैसे से दो बूंद,
आंसू खरीद लाओ!
पैसे से खुशियों की,
एक दुकान तो लगाओ !

पैसे से रोते बच्चे को ,
एक मीठी नींद सुला दो !
वर्षों से खड़े वृक्षों को
थोड़ी सी सैर करा दो!!

पैसे से किसी का
दर्द कम कर दो
पैसे से किसी के दिल में
प्यार और सदभावना भर दो !

पैसे से ओंस की बूंदों में,
रजत आकर्षण डाल दो!
वीरान पड़े रेगिस्तान में
जल की एक सरिता बहा दो!!!

पैसे से फूल की ,
कलियों को खिला दो!
भूख से मर चुका है,
पैसे की रोटी से जिला दो !

राम शिरोमणि पाठक"दीपक"
मौलिक /अप्रकाशित

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Comment by Saurabh Pandey on January 30, 2013 at 9:56pm

सही है, पैसे बिना कुछ नहीं हो सकता.

Comment by ram shiromani pathak on January 29, 2013 at 7:07pm

verma g hardik dhanyawad

Comment by Shyam Narain Verma on January 29, 2013 at 2:06pm

BAHOT KHOOB....

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