For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अजीब विडम्बना देखो ,
शिष्टाचार विलुप्त हो गया !
बेटा! बेटा नहीं रहा ,
बाप हो गया !
लज्जा आती है इन्हे ,
प्रणाम ,.नमस्कार करने में !
थोडा भी संकोच नहीं ,
महिला मित्र से गले मिलने में !!
मै सोच रहा हूँ ,
क्या होगा आनेवाला कल !
मेरे उदार संस्कारों का ,
कैसा है ये फल !!
प्रायः सुनता रहता हूँ ,
हाय ,बाय और हेल्लो ,
कितना स्नेह छुपा है इनमे ,
प्रणाम नमस्कार तो बोलो !!
प्रयत्न किया समझाने का ,
पश्चात संकृति है अभिशाप!
प्रायः डांट दिया जाता ,
अपना काम करिए चुपचाप !!
राम शिरोमणि पाठक "दीपक "
अप्रकाशित

Views: 321

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on January 14, 2013 at 4:59pm

आज की पीढ़ी में यदा कदा ऐसी भावनाएं पढने सुनने को मिलती हैं तो दिल खुश हो जाते है ये भावनाएं अच्छे संस्कारों के ही परिणाम हैं जिसकी आज देश के युवा वर्ग को बहुत जरूरत है पहली बार आपके भाव पढ़े बहुत बहुत बधाई एवं शुभ कामनाएं


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 14, 2013 at 4:22pm

कथ्य बढ़िया है, शिल्प और भी बढ़िया हो सकता है, प्रयास करते रहे, सुधार की प्रक्रिया अनवरत चलती है । बधाई इस अभिव्यक्ति पर ।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 14, 2013 at 12:36pm

जो जैसा देखा महसूस किया उसे वैसे ही निर्विकार रूप में प्रस्तुत करने के लिए बधाई राम शिरोमणि जी।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 14, 2013 at 12:00am

राम शिरोमणि जी, आपकी प्रस्तुत रचना मेरी दृष्टि में आयी आपकी कोई पहली रचना है. इसकी सर्वप्रथम बधाई.

कविता-कर्म और सपाट तथ्य-प्रस्तुतिकरण में अंतर होता है. आप निरंतरता के साथ प्रयासरत रहें.

शुभेच्छाएँ

Comment by ram shiromani pathak on January 13, 2013 at 4:18pm

मैंने देखा यहाँ पर आप जैसे कितने ही अच्छे कवि है !
थोड़ा बहुत लिख लेता हूँ मै भी ,और आप लोगों का सानिध्य रहेगा तो बहोत कुछ सीखने को मिलेगा !!कोई भी गलती हो तो कृपया अपना अमूल्य सुझाव दीजियेगा !!धन्यवाद्

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on January 13, 2013 at 4:09pm

आदरणीय पाठक जी सादर 

बिलकुल यही हो रहा है. 

बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
15 hours ago
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"बहुत सुंदर अभी मन में इच्छा जन्मी कि ओबीओ की ऑनलाइन संगोष्ठी भी कर सकते हैं मासिक ईश्वर…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion

ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024

ओबीओ भोपाल इकाई की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी, दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, शिवाजी…See More
Sunday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय जयनित जी बहुत शुक्रिया आपका ,जी ज़रूर सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियों से जानकारी…"
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत शुक्रिया आ सुकून मिला अब जाकर सादर 🙏"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"ठीक है "
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"शुक्रिया आ सादर हम जिसे अपना लहू लख़्त-ए-जिगर कहते थे सबसे पहले तो उसी हाथ में खंज़र निकला …"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"लख़्त ए जिगर अपने बच्चे के लिए इस्तेमाल किया जाता है  यहाँ सनम शब्द हटा दें "
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service