For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आओ फिर से दिए जलाएं //

माननीय अटलबिहारी जी की एक रचना की प्रसिद्ध पंक्ति "आओ फिर से दिए जलाएं "से प्रेरित 

टूटे मन के खँडहर तन में 

सूने अंतर के आँगन में 

ज्योतिर्मय अल्पना बनाएं 

आओ फिर से दिए जलाएं 

 

भीगी सीली नमी हटायें

आतंकित डैनो से भय की

पंखों को झाडे फड़कायें

गर्द उडा दें हर संशय की 

दें उड़ान उपहार स्वयं को

पखों में आकाश सजाएं

आओ फिर से.......

 

सपनों की चटकीली दुनिया

के जितने भी कूट लेख है

जब्त करें आँखों से सारे

झूठे जितने भी प्रलेख हैं

श्री यथार्थ के हवन कुंड में

प्रज्ञा की समिधा सुलगाएं

 आओ फिर से .........

 

हरा केसरी हो या नीला 

पुतली के बस हैं सारे भ्रम

सबका केवल एक जिस्म है

दृष्टिकोण से बिखरा हर क्रम

बाँध धार बिखरे वर्णों की

एक अमर जाह्नवी बहायें

आओ फिर से ....... 

Views: 767

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नादिर ख़ान on January 2, 2013 at 11:51pm

हरा केसरी हो या नीला 

पुतली के बस हैं सारे भ्रम

सबका केवल एक जिस्म है

दृष्टिकोण से बिखरा हर क्रम

बाँध धार बिखरे वर्णों की

एक अमर जाह्नवी बहायें

आओ फिर से ....... 

सुंदर भाव , शानदार लय,  उम्दा गीत के लिए सीमा जी बधायी .

Comment by seema agrawal on January 2, 2013 at 9:54pm

विजय जी आपकी तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ 

Comment by vijay nikore on January 2, 2013 at 9:19pm

सपनों की चटकीली दुनिया

के जितने भी कूट लेख है

जब्त करें आँखों से सारे

झूठे जितने भी प्रलेख हैं

श्री यथार्थ के हवन कुंड में

प्रज्ञा की समिधा सुलगाएं

आओ फिर से .........

         आदरणीया सीमा जी,

         वाह, वाह, वाह। शब्द चयन, भाव, सभी के लिए  बधाई।

         विजय निकोर

 

Comment by seema agrawal on January 2, 2013 at 8:45pm

दिल से शुक्रिया राजेश जी और रश्मि जी 

Comment by राजेश 'मृदु' on January 2, 2013 at 4:24pm

बहुत ही सुन्‍दर अभिव्‍यक्ति, एक संकल्‍प जगाती, ऊर्जा घोलने वाली रचना, आपको पढ़ना यूं भी बहुत अच्‍छा लगता है, सादर

Comment by rashmi gupta lallbeeharry on January 2, 2013 at 10:47am

बधाई सीमा जी सुन्दर कल्पना के लिए शब्द चयन बहुत अच्छा है

Comment by seema agrawal on January 2, 2013 at 10:41am

डाक्टर अजय खरे जी, श्याम नारायण जी , अशोक जी, सौरभ जी  प्रिय अरुण ,संदीप,प्राची ,महिमा आप सभी को पुनः नव वर्ष की शुभकामनाएं ...रचना पर स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए आप सभी का हृदय से आभार व्यक्त करती हूँ

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on January 1, 2013 at 4:37pm

इस सुन्दर गीत के लिए बहुत बहुत बधाई आदरणीया सीमा जी
अनुज की और से नववर्ष की ढेरों शुभकामनाये स्वीकार कीजिये
आशीर्वाद और स्नेह यूँ ही बनाये रखिये


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 1, 2013 at 1:27pm

टूटे मन के खँडहर तन में 

सूने अंतर के आँगन में 

ज्योतिर्मय अल्पना बनाएं ...बहुत खूबसूरत पंक्तिया, हार्दिक बधाई इन पंक्तियों पर.

सपनों की चटकीली दुनिया

के जितने भी कूट लेख है

जब्त करें आँखों से सारे

झूठे जितने भी प्रलेख हैं

श्री यथार्थ के हवन कुंड में

प्रज्ञा की समिधा सुलगाएं......................बहुत सुन्दर भाव प्रस्तुति,

हार्दिक बधाई इस नव गीत पर आदरणीया सीमा जी,

और आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 

Comment by Shyam Narain Verma on January 1, 2013 at 11:15am

नववर्ष की बधाई  और  मंगलकामनाएं  !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post भादों की बारिश
"यह लघु कविता नहींहै। हाँ, क्षणिका हो सकती थी, जो नहीं हो पाई !"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

भादों की बारिश

भादों की बारिश(लघु कविता)***************लाँघ कर पर्वतमालाएं पार करसागर की सर्पीली लहरेंमैदानों में…See More
Monday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान ।मुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।। छोटी-छोटी बात पर, होने लगे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय चेतन प्रकाश भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक …"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सुशील भाई  गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service