{भाव निर्झर } 
कितना भोला कितना सादा ; 
देखिये पंजाब है . 
कटता आया बंटता आया , 
देखिये पंजाब है. 
भोलेपन की इंतिहा है , 
सोच के देखे कोई ; 
लीडरों की घर की मुर्गी , 
देखिये पंजाब है. 
अन्नदाता देस क़ा 
खुद फांकता सल्फास है 
डालरों की धौंस सहता , 
देखिये पंजाब है.. 
फिल्म टी वी में दिखे 
जो हर चरित्र मसखरा 
उनमें पागल दिखने वाला ; 
देखिये पंजाब है.; 
इन शहीदों की कभी लिखे 
अगर कोई किताब 
हर जगह पंजाबियों क़ा 
सर्वाधिक अनुपात है . 
नाम आज़ादी क़ा ले के 
जब कटा ये देश था . 
घाव खाए बांगला ने ; 
या मरा पंजाब है . 
बाँट डाला हो सियासत ने 
स्वार्थ के लिए ; 
दोनों जानिब सरहदों के ; 
धडकता पंजाब है . 
.
 दीप जीरवी
Comment
दीप जी ,
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