For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

OBO की प्रकाशन सम्बन्धी नियमावली ( ०१-१०-२०१० से प्रभावी )

आदरणीय सदस्यगण !

हर रोज़ भारी संख्या में प्रकाशन हेतु रचनाएँ प्राप्त होने की वजह से OBO की रचना प्रकाशन सम्बन्धी नीति में कुछ निम्नलिखित परिवर्तन किए गए हैं ! माननीय सदस्यों से अनुरोध है कि साईट की उन्नति हेतु बनाये इन नियमो का कड़ाई से पालन कर इन्हें लागू करने में हमारा सहयोग करें !

(१). लेखक केवल वही रचना प्रकाशन हेतु पोस्ट करें जो कि पूर्णतय: अप्रकाशित हो ! ध्यान रहे कि अनुमोदन से पूर्व सम्पादकीय मण्डल सभी रचनायो की पूरी तरह जांच करता है ! इन्टरनेट पर पूर्व में प्रकाशित किसी भी रचना को यदि कोई वेब-साईट पुन: प्रकाशित करती है तो उसकी रेंकिंग में गिरावट आती है ! अत: किसी भी ऐसी रचना को स्थान नहीं दिया जायेगा जो किसी वेबसाईट, ब्लॉग अथवा किसी सोशल नेटवर्किंग साईट पर प्रकाशित हो चुकी हो ! रचनाकार यदि कोई रचना अपनी पूर्व प्रकाशित पुस्तक में से पोस्ट करे तो कृपया उसका ब्यौरा अवश्य दें !

(२). हालाकि OBO पर केवल मौलिक रचनाओं का ही स्वागत है, लेकिन यदि कोई सदस्य किसी अन्य रचनाकार की रचना प्रकाशन हेतु पोस्ट करता है तो उसके साथ मूल लेखक का नाम अवश्य लिखे ! यदि संभव हो तो सम्बंधित रचनाकार की अनुमति भी प्राप्त करे ! बाद में यदि इस संबंधी कोई विवाद उठता है तो उसकी जवाबदेही का दायित्व रचना पोस्ट करने वाले सदस्य का ही होगा !

(३). OBO किसी भी प्रेषित रचना को प्रकाशित करने हेतु बाध्य नहीं, यदि कोई रचना अस्तरीय पाई जाती है तो वह रचना प्रकाशित नहीं की जाएगी !

(४). कोई भी ऐसी रचना जिसमे किसी व्यक्ति, जाति, समुदाय, भाषा, या धर्म पर आक्षेप किया गया हो - प्रकाशित नहीं की जाएगी !

(५) . OBO की गरिमा और मौलिकता कायम रखने के लिए रचनाकारों से अनुरोध है कि बेहतर होगा यदि वे अपनी रचनायों में अपनी निजी वेबसाईट अथवा ब्लॉग का पता न दें !

(६). OBO को सभी रचनाकारों से एक सम्पूर्ण रचना आपेक्षित रहती है, अत: लेखक कोई 2-4 पंक्तियों की रचना पोस्ट करने से गुरेज़ करें !

(७). गलत सेक्शन में पोस्ट होने वाली रचनायों को बिना किसी पूर्व सूचना के डिलीट कर दिया जायेगा, अत: रचनाकारों से अनुरोध है कि वे अपनी रचनाएँ सम्बंधित सेक्शन में ही पोस्ट करें !

(८). लेखकगण कृपया अपनी रचना की एक प्रति आपने पास अवश्य सुरक्षित रखें, क्योंकि अस्वीकृत होने की स्थिति में रचना को बिना किसी पूर्व सूचना सम्पादकीय मण्डल द्वारा डिलीट कर दिया जाएगा !

(९). किसी विशेष अवसर या पर्व के विषय पर लिखी रचना के प्रकाशन हेतु उसे कम से कम २ दिन पहले अनुमोदन हेतु पोस्ट करें !

(१०). OBO एक परिवार की तरह है, अत: अगर कोई भी सदस्य किसी के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करता हुआ पाया जाता है, तो बिना किसी पूर्व चेतावनी के उसे बैन कर दिया जायेगा !


उपरोक्त नियमावली नियम दिनांक १ अक्टूबर २०१० से प्रभावी मानी जाएगी !

सादर
योगराज प्रभाकर
प्रधान संपादक

Views: 1976

Reply to This

Replies to This Discussion

आदरणीय आचार्य सलिल जी, आप OBO के संरक्षक हैं अत: आपका हर सुझाव सर माथे पर ! लेकिन जिस नियम का ज़िक्र आपने किया है वह कोई नया नहीं है ! यदि आप नीचे दिए हुए लिंक को देख्नेगे तो पाएँगे कि यह नियम हमारी पुरानी ३ सूत्रीय नियमावली में पहले से ही दर्ज है :
http://www.openbooksonline.com/page/notice-1
लेकिन जैसा मैंने पहले अर्ज़ किया कि यदि कोई नियम OBO के विकास में बाधक बन रहा हो तो उस पर दोबारा से विचार किया जा सकता है ! आपने जिन विभूतियों का ज़िक्र किया है वे सब किसी भी नियम या नियमावली से कहीं ऊपर है, नियमावली तो केवल हम सदस्यों के लिए है !

इस अवसर पर एक और बात कहना मैं अपना फ़र्ज़ समझता हूँ ! निकट भविष्य में प्रकाशित रचनायों में से कुछेक स्तरीय रचनायो को पारिश्रमिक की योजना भी OBO टीम द्वारा बनाई जा रही है ! यही कारण है कि यहाँ केवल अप्रकाशित रचनाओं को ही सम्मिलित करने की बात कही गई है ! आशा करता हूँ कि आपका सहयोग एवं आशीर्वाद हमें यथावत प्राप्त होता रहेगा !

सादर
योगराज प्रभाकर
@ संजीव वर्मा जी ,,,

मैं आपकी बात से पूर्णतया सहमत हूँ ...
पूर्व में भी बागी जी से हुई मेरी बातचीत में मैंने इसी बात की ओर उनका ध्यान आकृष्ट करने की कोशिश की थी ...
इससे लेखक बांध जाते हैं ... आप सच कहते हैं कि लेखक अगर भुगतान पायें तो इस नियम को पसंद किया जा सकता है ... अन्य किसी भी स्थिति में सभी लेखक कुछ भी लिखने से कतराने लगेंगे ... क्यूंकि रचनाकार को ब्लॉगर पर लगभग कॉपीराईट सा ही मिल जाता है तो कोई क्यूँ अपनी रचना को एक बिन कॉपीराईट जैसी स्थिति में पहुँचने देगा ...
जोगेन्द्र सिंह ( मेरी लेखनी.. मेरे विचार.. )
आदरणीय शेषधर तिवारी जी,

आपके सुझाव का सदैव स्वागत है ! मैं पहले भी अर्ज़ कर चूका हूँ कि ये नियमावली OBO की पूर्व नियमावली में पहले ही से दर्ज है ! और इसकी आवश्यकता क्यों महसूस हुई, इसका भी खुलासा कर दिया गया है ! आप हमारे सम्माननीय एवं वरिष्ठ साथी हैं, इसलिए आपके सुझाव पर संपादक मंडल अवश्य विचार करेगा ! आपसे अनुरोध है कि आपकी उपस्थिति एवं छात्र-छाया हमेशा दस्र्कार रहेगी, अत: सहयोग व आशीर्वाद बनाये रखें ! सादर !
माननीय संचालक जी,
वन्दे मातरम.
नम्र निवेदन है कि मेरी लगभग सभी रचनाएँ कहीं न कहीं प्रकाशित हो चुकी हैं. प्रतिदिन २-३ नयी रचनाएँ रचने के बाद भी जितने मित्र स्नेहाधिकार से रचनाएँ चाहते हैं सबको नयी रचना भेजना संभव नहीं हो पाता. मैं हर रचना को अपने सामूहिक चिट्ठे दिव्यनर्मदा में संकलित-प्रकाशित करने के बाद अन्यत्र भेजता हूँ. तरही मुशायरे में भेजी गयी प्रविष्टियाँ भी दिव्य नर्मदा में रखी जा चुकी हैं. आपसे मैं कोई जानकारी छिपाना नहीं चाहता. आप चाहें तो उन्हें व् मेरी अन्य रचनाओं को सम्मिलित न करें, जो छप चुकी हैं उन्हें हटा दें. सादर निवेदन है कि मैं इस नियम का पालन नहीं कर सकूँगा. ऐसे नियमवाले अन्य चिट्ठों को भी मैं रचनाएँ नहीं भेजता. रचना रचनाकार की सन्तति की तरह होती है. प्रासंगिकता तथा उपयोगिता के अनुसार उसका अनेक बार उपयोग होता ही है. तथापि आप ओबीओ के सम्बन्ध में निर्णय करने हेतु स्वतंत्र हैं. मुझ जैसे रचनाकार रचनाएँ भेजें या नहीं यह स्पष्ट बता दें तो दुविधा समाप्त हो सकेगी.
आदरणीय आचार्य सलिल जी, आप अपनी रचनाएँ पहले की ही तरह प्रेषित करते रहें ! सादर !
श्री आशीष यादव जी, बबिता गुप्ता जी, प्रीतम तिवारी जी, संजय कुमार सिंह जी एवं जूली मुलानी जी - आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद
नमस्कार OBO
इसी के साथ अपनी बात रख रहा हु दो तिन दिन से कम के अधिकता के वजह से मैं ज्यादा समय नहीं दे पाया आज नेट खोलते ही इसे पाया मुझे बहुत अच्छा लगा की जी बेल को पहिला लोटा पानी देने में मेरी कर करकमल पुलकित हो गई थी , आज ओ अमर बेल हो गई हैं जिसे बिसधर भी कुछ नहीं बिगर सकता बहुत अच्छा लगा ,
रही बात नई रचना की तो हमेशा से मैं नया रचना देता हु लेकिन यहा के अलावा भी उसे कही डालता हु , ये दीगर बात हैं की जो रचना मैं यहा पहले देता हूँ ओ यहा दो दिन बाद अप्रुभ हो ता हैं ,
आपका अपना ही
रवि कुमार गिरी ( गुरु जी )
आदरणीय रवि गुरु जी, आप OBO के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और हमारे सम्माननीय भी है ! आपकी रचना के अनुमोदन में देरी इस लिए हो जाती है कि हम पहले नए सदस्यों की रचनाओं को तरजीह देते हैं ताकि OBO का आधार और आकार विस्तृत हो सके ! सादर !
आदरणीय प्रभाकर साहेब , OBO की प्रकाशन नियमावली देखा. अतिउत्तम है. OBO की साख बनी रहे, इसके लिए हम सब तहे दिल से OBO के साथ हैं. इस दिशा में सार्थक कदम उठाने के लिए सादुवाद.
योगराज जी बहुत अच्छा कायदा तो हर मामले में ज़रूरी है. हम सबको इसका पालन करना चाहिए .अन्यथा इन्टरनेट पर भी सस्ती चीज़ें और राजनीति शुरू हो जायेगी और अपनी विग्यापनबाजी भी.
आदरणीय बंधु वर वन्दे मातरम,
सम्भवत आपने जो पूर्व प्रकाशित रचनाओं को अपने यहाँ प्रकाशित ना करने का निर्णय लिया है स्वागत योग्य हो ........ मगर यहाँ एक सवाल भी है मेरी तरह अन्य और लोग भी इस मंच के लिए नये होंगे ........ हो सकता है उनके लिखे मैं कुछ नया हो ....कुछ अलग हो .... कुछ रचनात्मक हो ........ वो अन्य मंचो पर लिखा व पड़ा भी गया होगा........ क्या अपने यहाँ उस अच्छी रचना को प्रकाशित ना करके आप उस लेखक व अपने ही सदस्यों के साथ अन्याय नही कर रहे हैं.....
भाई राकेश गुप्ता जी,
हम लोग निकट भविष्य में रचनायों के लिए रचनाकारों को पारिश्रमिक देने की योजना बना रहे हैं ! उस मकसद के यहाँ अप्रकाशित रचनाएं आपेक्षित हैं, अत: पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पारिश्रमिक से वंचित रहेंगी ! यही कारण है कि यहाँ अप्रकाशित रचनायों को तरजीह देने की बात कही गई है ! सादर !

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदाब, मुसाफ़िर साहब, अच्छी ग़ज़ल हुई खूँ सने हाथ सोच त्यों बर्बर सभ्य मानव में फिर नया क्या है।३।…"
30 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय 'अमित' जी आदाब, उम्दा ग़ज़ल के साथ मुशायरा का आग़ाज़ करने के लिए दाद के साथ…"
34 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी, ध्यान दिलाने का बहुत शुक्रिया। ग़ज़ल दोबारा पोस्ट कर दी है। "
45 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"नमन, रिया जी , खूबसूरत ग़ज़ल कही, आपने बधाई ! मतला भी खूसूरत हुआ । "मूसलाधार आज बारिश है…"
45 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आसमाँ को तू देखता क्या हैअपने हाथों में देख क्या क्या है /1 देख कर पत्थरों को हाथों मेंझूठ बोले वो…"
46 minutes ago
Prem Chand Gupta replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"इश्क में दर्द के सिवा क्या है।रास्ता और दूसरा क्या है। मौन है बीच में हम दोनों के।इससे बढ़ कर कोई…"
54 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब  ओ.बी.ओ के नियम अनुसार तरही मिसरे को मिलाकर  कम से कम 5 और…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"नमस्कार, आ. आदरणीय भाई अमित जी, मुशायरे का आगाज़, आपने बहुत खूबसूरत ग़ज़ल से किया, तहे दिल से इसके…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"2122 1212 22 बेवफ़ाई ये मसअला क्या है रोज़ होता यही नया क्या है हादसे होते ज़िन्दगी गुज़री आदमी…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"धरा पर का फ़ासला? वाक्य स्पष्ट नहीं हुआ "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Richa Yadav जी आदाब। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। हर तरफ शोर है मुक़दमे…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"एक शेर छूट गया इसे भी देखिएगा- मिट गयी जब ये दूरियाँ दिल कीतब धरा पर का फासला क्या है।९।"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service