For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रावण बार -बार जिन्दा क्यों होता है

राम और रावण
दोनों बसते है ...
मेरे /आपके हृदय में ॥
दोनों में चलता रहता है ...
एक युध्ध ...अहर्निश ॥
कभी राम सबल होता है
तो कभी रावण ॥

सुबह उठता हू ...
नित्य क्रिया कर
भगवान् की मूर्ति के सामने
आरती गाता हू
धुप जलाता हू ....
तब मेरा राम सबल रहता है
भिखारी को दान देना अच्चा लगता है
वृद्ध माता -पिता पूजनीय लगते है
सबसे प्रेम से बातें करता हू ....

जैसे -जैसे दिन बीतता है ...
झूठ /धोखा /बेईमानी का
फल चखता हू ....
तब मेरे अन्दर का राम ...
हारने लगता है ...मेरे दोस्त
रावण सबल होने लगता है ॥

हम जलाते है ...
रावण को हर दशहरे में
फिर क्यों नहीं मरता
मेरे अन्दर का रावण ॥

Views: 335

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by आशीष यादव on August 22, 2010 at 9:31am
pranaam,
man ki aanke khol praani. khubsurat vichaar aapne rakha. aakhir itni baar jalaane par raawan ko to mar hi jana chahiye, lekin ham man ke raawan ko jalaate hi kab hai, jab use koi apne satsang se maarne ki koshish karta bhi hai to ham use apne hi hriday ke kisi kone me chhipa lete hai. sochna padega kaise marega raawan. kaise raam sabal hoga.
bahut khub

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 22, 2010 at 7:20am
हम जलाते है ...
रावण को हर दशहरे में
फिर क्यों नहीं मरता
मेरे अन्दर का रावण ॥
बड़ी खूबसूरती से आप ने राम और रावण के भेद को बता दिया है, मैं तो यही कहना चाहता हूँ कि..........

लालच की लंका जब तलक बसा रहेगा अन्दर ,
रावण राम पर हावी रहेगा निरंतर,
उस लालच की लंका को जलाना होगा,
अगर चैन वो अमन से रहना है तो,
रावण को मार राम को जिताना होगा,

अंततः बहुत ही अच्ची रचना बब्बन भईया, धन्यवाद,

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on August 21, 2010 at 9:31pm
यक़ीनन सबसे बड़ा रावण तो मन के अन्दर ही घर किये हुए बैठा है| जिस दिन इसका वध हो जाये उस दिन सबसे बड़ी विजयादशमी हो| बबन भैया अच्ची रचना |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। रोटी पर अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आदाब।‌ हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' साहिब। आपकी उपस्थिति और…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं , हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया छंद
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रेरणादायी छंद हुआ है। हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आ. भाई शेख सहजाद जी, सादर अभिवादन।सुंदर और प्रेरणादायक कथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
yesterday
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service