For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अइसन कब होई , "भोजपुरी धारावाहिक कहानी" "चउथका कड़ी"

 "तिसरका कड़ी" इहवाँ क्लिक करीं

चउथकी कड़ी 
.
देवव्रतबाबू के दुआर पर अब्दुलमियाँ आउर उनकरा संगे चार पाँच आदमी बइठल रहन. पंडितजी पतरा निकाल के देखे लगले, तबहीं भीतरी से प्रकाश आके कहलन, "पंडितजी, माई बोलली ह जे बढ़िया से ग्रह दासा सब देख लेम !" तब पंडितजी आपन चश्मा ठीक करत ऊपर नजर उठाके बोललन, "बबुआजी रउआ बाबुओजी के टिपण हमहीं मिलवले रहनी. बोल द उहाँ के जवन काम होई ऊ बढ़िये होई. उहाँ के चिंता जनि करीं" 
एपर सब केहू हँसे लागल.  तबे दुआर पर आइके एगो जीप रुकल जवन में ड्राइवर सीट पर अब्दुलमियाँ के लइका रहीम बइठल रहले. ऊ गाड़ी से उतर के  देवव्रतबाबू अपना अब्बा हुजुर के संगे पंडितजी के प्रणाम कईले. देवव्रतबाबू उनके असीरवाद दिहले आ पंडितजी अइसे पीछे ओरे झुकले जईसे छुआ जनि जास, ई देख देवव्रतबाबू बोललन, "पंडितजी दुनिया चाँद पर चल गइल रउआ अबहियों जात-पात, ऊँच-नीच के भेद भाव मानत बानी?"  तब पंडितजी आपन चश्मा ठीक करते कहलन, "हम एगो बात कहीं जजमान ?"  देवव्रत बाबू हाँ में सर हिलवले. पंडितजी एक साँस में बोलत जात रहलन, "रउआ ई सभ ना मानी ले त फेर ई सभ काहें के ढकोसला?  का जरुरत बा ई कुल्हि करे के? लईका पसंद आगइल तऽ जाईं कोर्ट में सादी कराईं. सब ठीके बा" तब देवव्रतबाबू कहलन,  "ई कुल्हि बात से छुअइला के का लेबे-देबे के बा ?" तब पंडितजी कहलन, "बाऽऽ .. एकर बहुत गहरा संबन्ध बा जजमान. मानी त देव ना त पत्थर, अब जब रउआ ई पतरा खोलवावत बानी त एकरा लगहूँ केहू असुध आदमी ना बइठे के चाहीं, अब रउए बताईं मियाँजी लोग मुर्ग-मसल्लम खाए वाला लोग अगर ई खाइ के आइल होइहन. इ हमरा पतरवा से छुअइहन त हमारा पाप लागी की ना ?" तब एगो कुर्सी पर बइठते रहीम कहलन, "पंडितजी, हम एगो मुसलमान हईं बाकिर रउआ के बता दीहीं जे लइकाईंए से हम चाचा ईहाँ आइले. हमार परवरिस एह घरहीं भइल बा. एगो आउर बात, हम त वकील हईं बाकिर लोग हमके शास्त्रीजी काहे ला !" तब अब्दुलमियाँ बोलले, "महाराज, ई संस्कृत से शास्त्री कइले बाड़न. मांस के बात छोड़ीं, ई त पिआजु-लहसुन तकले ना खाले आउर बहुत बढ़िया पतरो देखेलन !" तब पंडितजी खुस हो के कहलन, "ये महाराज दूर काहें बइठल बानी? आईं, ई पतरा देखीं !" तब देवव्रतबाबू कहलन, " अइसने सोच के जरुरत बा समाज के महाराज. हमारा बहुत निमन लागल. छोड़ीं ई कुल्हि एही तरी चलत रही, पहिले पतरा दखीं." पंडितजी सभ कुछ मिला के एगो कागज पर लिखले आ ऊ रहीम से एगो बिसय पर चर्चा करे लगले. तबहीं उहाँ चाय लेके प्रकाश अइले, "भईया प्रणाम ! कब अइनीं हँ पटना से ?" रहीम कहले, "अबहीं चलले आवत बानी" प्रकास कहले, "चलीं घरे" आउर ऊ उठि के चल दिहले. पंडितजी चाय के चुस्की लेते लेते  कहले, "महाराज, बहुत बढ़िया मिलान भइल बा. अईसन मिलान त रामजी आ सीताजी के भइल रहे !" देवव्रतबाबू बोललन, "त खबर भेजवा दिआव महाराज" "हँऽ भेजवा दीहीं, बाकिर हमार एमे तनिका ’लेकिन’ लगत बा."  पंडितजी कहलन. देवव्रतबाबू कहलन, "का ’लेकिन’ बा महाराज ?" पंडितजी कहलन, "हम आराम से देख के काल्हु बताइब. ओकरा बादे रउआ खबरभेजब." देवव्रतबाबू पंडितजी के भकुआइल देखते रह गइलन...

.
बाकी अगिला अंक में 

 

 

Views: 993

Replies to This Discussion

पंडितजी चाय के चुस्की लेते लेते  कहले, "महाराज, बहुत बढ़िया मिलान भइल बा. अईसन मिलान त रामजी आ सीताजी के भइल रहे !" देवव्रतबाबू बोललन, "त खबर भेजवा दिआव महाराज" "हँऽ भेजवा दीहीं, बाकिर हमार एमे तनिका ’लेकिन’ लगत बा."  पंडितजी कहलन. देवव्रतबाबू कहलन, "का ’लेकिन’ बा महाराज ?" पंडितजी कहलन, "हम आराम से देख के काल्हु बताइब. ओकरा बादे रउआ खबरभेजब." देवव्रतबाबू पंडितजी के भकुआइल देखते रह गइलन...


बहुत नीमन गुरूजी. रामजी अउरी सीता के कुंडली के उपमा देके रौया एक दुसरे संकेत दे देहली. धन्यवाद.

satish bhaiya ram ji aur sita ji ke kundali bahut badhia milal rahe bakir jiwan santi se na ब्ital

badhiya kahani  ke sange dharavahik aage badhi rahal ba guruji ...........

dhanyabad brij bhushan ji

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
19 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
20 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service