श्री नवीन जी लीजिये गुझिया खासमखास
Comment
होली में पुआ खाने-खिलाने का रिवाज़ है. आपको बताऊँ कि मुझे पुआ ताज़ा नहीं बासी अच्छा लगता है. औरों की नहीं जानता पर मुझे बासी या बसियौरा पुआ ज्यादा रुचता है.. आपकी रचना में उसी बसियौरे पुए की मिठास है.
आदरणीय ब्रिजेश भईया , आपने जिस अपनापन और प्यार के साथ इस गुझिया को भेजा है, ह्रदय अभिभूत हो गया , आप तो ससमय भेजे थे किन्तु मै ही बिलम्ब कर दिया , बहुत ही अच्छा लगा आपकी रचना पढ़कर |
OBO परिवार ईश्वर से कामना करता है कि शीघ्र से शीघ्र भाभी जी स्वस्थ लाभ करे | बहुत बहुत धन्यवाद जो इतनी व्यस्तता के बावजूद हम सब से संवाद स्थापित किये |
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