For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पंक्तियाँ

 

v एक दिन देखना देश हमारा इतना हाईटेक हो जाएगा,

दूल्हा भी घूंघट दुल्हन का रिमोट से ही उठाएगा!

 

v आयेंगे तो जा न पायेंगे ये हमारी ज़िम्मेदारी है,

और जायेंगे भी कैसे जनाब ये अस्पताल ही सरकारी है!

 

v पुरुषो से हैं कहीं आगे आजकल की महिलाएं,

 धडल्ले से हैं पीती दारू वो भी बिना बरफ मिलाये!

 

v पत्नियां घूमें सेल में ढूंढें महंगी साड़ी,

पति बेचारा जेब टटोले कभी खुजाये दाढ़ी!

 

v सरकारी दफ्तर का देखो अपना अलग है सेटेलमेंट,

काम के बदले माँगा करते हमसे ये ३०परसेंट!

 

v आसमान में ना सूरज ना तारा ही दिख पायेगा,

गाड़ियों के काले धुंए से सौरमंडल ढक जाएगा!

 

v ज्ञान गुरु कहते है मंच से, सादा जीवन उच्च विचार,

ज्ञान के बदले इन्हें चाहिए दारू, लड़की, ए.सी. कार!

 

v छोटे कपडे पहन के लडकियां ,खुद का बदन दिखाती हैं,

नज़र भर के कोई देख ले, तो इज्ज़त इज्ज़त चिल्लाती हैं!

 

v पहचान पूछने पर वैसे तो, पहचान पत्र दिखाते हैं,

आजकल तो फेसबुक आई. डी.को ही, लोग अपनी पहचान बताते हैं!

 

v १० में पुलिस, २० में डॉक्टर, ५० में इज्ज़त बिक जाती है,

अब कहो, क्या देश में महंगाई नज़र आती है!

 

 

  

 

Views: 321

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ranveer Pratap Singh on August 28, 2012 at 9:35pm

@ Yogi Saraswat ji lekin sach to yahi hai...

Comment by Yogi Saraswat on August 28, 2012 at 4:21pm

१० में पुलिस, २० में डॉक्टर, ५० में इज्ज़त बिक जाती है,

अब कहो, क्या देश में महंगाई नज़र आती है!

रणवीर प्रताप जी आपकी लेखनी को बधाई , किन्तु कितना बढ़िया होता हमें इस देश में ऐसी पंक्तियाँ लिखने की जरुरत ही न होती ?>

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर  , सार्थक  देश भक्ति  से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक…"
43 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय सुशिल भाई , अच्छी दोहा वली की रचना की है , हार्दिक बधाई "
47 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरनीय आजी भाई , अच्छी ग़ज़ल कही है हार्दिक बधाई ग़ज़ल के लिए "
50 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"अनुज बृजेश , ग़ज़ल की सराहना और उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
54 minutes ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज जी इस बह्र की ग़ज़लें बहुत नहीं पढ़ी हैं और लिख पाना तो दूर की कौड़ी है। बहुत ही अच्छी…"
7 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. धामी जी ग़ज़ल अच्छी लगी और रदीफ़ तो कमल है...."
8 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"वाह आ. नीलेश जी बहुत ही खूब ग़ज़ल हुई...."
8 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आदरणीय धामी जी सादर नमन करते हुए कहना चाहता हूँ कि रीत तो कृष्ण ने ही चलायी है। प्रेमी या तो…"
8 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आदरणीय अजय जी सर्वप्रथम देर से आने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ।  मनुष्य द्वारा निर्मित, संसार…"
8 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । हो सकता आपको लगता है मगर मैं अपने भाव…"
yesterday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"अच्छे कहे जा सकते हैं, दोहे.किन्तु, पहला दोहा, अर्थ- भाव के साथ ही अन्याय कर रहा है।"
yesterday
Aazi Tamaam posted a blog post

तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या

२१२२ २१२२ २१२२ २१२इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्यावैसे भी इस गुफ़्तगू से ज़ख़्म भर…See More
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service