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रे मन करना आज सृजन वो जो भाव सागर पार करा दे .....स्वरचित गीत को आवाज़ देने की एक कोशिश

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Comment by Devendra Pandey on October 1, 2013 at 11:57am

Bahut Hi Sundarr Saras Bhaav ki Hridayik Anubhooti Huyee Hai 

Comment by वेदिका on June 8, 2013 at 4:23pm

अहा! अति माधुर्य पूर्ण प्रस्तुति आदरणीया! 

आपने स्वयं ही गाया ? 

Comment by vijay nikore on June 8, 2013 at 1:40pm

सुस्वर में गा कर आपने सुमधुर शब्दों के माधुर्य को

अपना उचित मान और स्थान दिया है, प्राची जी।

 

शुभेच्छु,

विजय


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on February 3, 2013 at 10:20am

सस्वर प्रस्तुति को पसंद करने के लिए आपकी आभारी हूँ प्रिय महिमा जी, अल्पना जी .

Comment by MAHIMA SHREE on February 2, 2013 at 10:32pm

आदरणीया प्राची जी . आपकी मधुर आवाज ने गीत में चार चाँद लगा दिया है ..बहुत ही सुंदर प्रस्तुति बधाई आपको

Comment by Alpana Verma on February 2, 2013 at 10:18pm

अति सुन्दर एवं मधुर प्रस्तुति !

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